जापान में इस साल की सर्दियों के पहले बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. देश के पूर्वोत्तर में एक मुर्गीपालन फार्म में एक अति रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई है.
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जापान के कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बर्ड फ्लू के प्रकोप को देखते हुए अकिता प्रांत के याकोते शहर में एक फार्म में अंडे देने वाली करीब 1,43,000 मुर्गियों को मारा जा रहा है. मंत्रालय ने यह भी बताया कि उस स्थान से 10 किलोमीटर तक की दूरी तक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है.
मंत्रालय ने आगे कहा, "मौजूदा हालात के तहत हमें विश्वास है कि चिकन या अंडे खाने से एवियन इन्फ्लूएंजा इंसानों में नहीं फैल सकता है." लेकिन चीन में इस साल बर्ड फ्लू से संक्रमित होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
2020 से ज्यादा गंभीर हालात
इससे महामारी विज्ञान के विशेषज्ञ चिंतित हैं, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से दुनिया के धीरे धीरे बाहर आने की गति को देखते हुए. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि चीन की सरकार ने उसे इस साल एवियन इन्फ्लूएंजा के एचफाइवएनसिक्स सबटाइप के 21 इंसानों में संक्रमण के मामलों के बारे में बताया है.
इनमें से छह की मौत हो गई थी और कई दूसरे लोग गंभीर रूप से बीमार थे. पिछले साल चीन ने इस तरह के सिर्फ पांच मामलों के बारे में बताया था. पिछले साल सर्दियों में जापान के फार्मों में तब तक का बर्ड फ्लू का सबसे बुरा प्रकोप देखा गया था.
30 लाख से भी ज्यादा मुर्गियों को मारना पड़ा था और देश के करीब एक चौथाई प्रांत प्रभावित हुए थे. कृषि मंत्रालय के अनुसार जापान में अंडे देने वाली करीब 18.5 करोड़ मुर्गियां और 13.8 ब्रायलर चिकन हैं.
यूरोप में भी प्रकोप
हाल के हफ्तों में बर्ड फ्लू के मामले यूरोप में भी सामने आए हैं. ताजा मामले पोलैंड में कुल 6,50,000 पक्षियों में पाए गए हैं. ये मामले मुर्गियों और टर्की के फार्मों में पाए गए हैं. इससे पहले भी यूरोप में बर्ड फ्लू का बड़ा प्रकोप देखा गया है जिसकी वजह से लाखों चिड़ियों को मारना पड़ा था और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिबंध भी लगा दिए गए थे.
इस बार पोलैंड में हालात देखते हुए फ्रांस की सरकार ने पूरे देश में बर्ड फ्लू की चेतावनी जारी कर दी है. पिछले महीने नीदरलैंड्स में भी एक फार्म पर बर्ड फ्लू का मामला पाए जाने के बाद अधिकारियों ने सभी व्यावसायिक फार्मों को पक्षियों को अंदर ही रखने का आदेश दिया.
इसी बीच ब्रिटेन की भी एक पोल्ट्री इकाई में अति रोगजनक एचफाइव बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है. पिछले सप्ताह ही ब्रिटेन की सरकार ने पूरे देश में एक एवियन इन्फ्लूएंजा निवारण क्षेत्र घोषित कर दिया था.
सीके/एए (रॉयटर्स)
कैसे बचें वायरस के खतरा से?
कभी स्वाइन फ्लू, कभी बर्ड फ्लू तो कभी मर्स वायरस लोगों की जान का दुश्मन बन जाता है. जानिए कि खुद को एच7एन9, एच10एन8 और एच1एन5 जैसे वायरस से कैसे बचाया जा सकता है.
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खूबसूरती पर मत जाना
ये देखने में जितने खूबसूरत हैं, उतने ही खतरनाक भी. नंगी आंखों से आप इन्हें नहीं देख सकते, लेकिन जब ये वायरस आपके शरीर पर हमला बोलते हैं तो खांसी, जुकाम, सर दर्द, बदन दर्द और बुखार इनके होने का पूरा एहसास करा देते हैं.
तस्वीर: Novartis Vaccines
बस जुकाम या फ्लू?
अधिकतर लोग फ्लू को नजला या जुकाम समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि दोनों वायरस के ही कारण होते हैं, लेकिन फ्लू का वायरस कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
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हर साल कुछ नया
फ्लू का खतरा सर्दी में बढ़ जाता है. जनवरी में न्यूयॉर्क में बहुत बड़ी संख्या में लोगों को फ्लू हुआ. माना जा रहा है कि इस साल जर्मनी में फ्लू का खतरा पिछले साल से अधिक है.
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कोई छोटी बात नहीं
1918 से 1920 के बीच स्पेन में फ्लू के कारण ढाई करोड़ लोगों की जान गयी. इनमें 20 से 40 साल के लोगों की काफी संख्या थी. यानि फ्लू को संजीदगी से लेना जरूरी है.
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क्या करें?
फ्लू हो जाने के बाद अधिकतर डॉक्टर केवल बीमारी के लक्षणों से लड़ने की कोशिश करते हैं. वे खांसी, जुकाम या बुखार के खिलाफ दवा दे देते हैं. कोशिश यह होती है कि मरीज ज्यादा से ज्यादा आराम ले सके.
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बर्ड फ्लू का कहर
बर्ड फ्लू तब होता है जब इन्फ्लुएंजा का वायरस एच5एन1 पक्षियों को बीमार कर दे. वैसे तो यह वायरस एक पक्षी से दूसरे में ही फैलता है, लेकिन कई मामलों में बर्ड फ्लू का असर इंसानों पर भी देखा गया है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
चीन में बर्ड फ्लू
चीन में एक महीने में ही बर्ड फ्लू के सौ से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. हॉन्ग कॉन्ग में एहतियातन बीस हजार मुर्गों को मार दिया गया है.
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स्वाइन फ्लू की मार
इसी तरह से एच1एन1 वायरस के कारण स्वाइन फ्लू होता है. यह वायरस इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना कि जानवरों के लिए.
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वायरस के खिलाफ
यदि वायरस बहुत ज्यादा फैल गया है तब ही डॉक्टर एंटी वायरल दवा देते हैं. हालंकि फ्लू के लिए बनी दवा टैमीफ्लू पर काफी विवाद हुआ है. कई शोध बताते हैं कि यह दवा उतनी असरदार नहीं है जितना इसे समझा जाता है.
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टीके भी बेअसर
आप खुद को फ्लू से बचाने के लिए टीका भी लगवा सकते हैं. लेकिन हर साल वायरस की नई प्रजातियां सक्रिय होती हैं, इसलिए इनसे बचने के लिए हर साल एक नए तरह का टीका लगवाना होगा.
तस्वीर: Novartis Vaccines
अपना ख्याल रखिए
फ्लू से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका है साफ सफाई रखना. खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना कभी ना भूलें.