बीजिंग खेलों में जापान भी नहीं भेजेगा अधिकारियों को
२४ दिसम्बर २०२१
अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद जापान ने भी बीजिंग ओलंपिक खेलों में सरकारी डेलिगेशन नहीं भेजने का फैसला किया है. जापान ने इसे बहिष्कार का नाम नहीं दिया है.
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इसे चीन में मानवाधिकारों के हालात का विरोध करने के लिए अमेरिका द्वारा खेलों का बहिष्कार करने की मांग से जोड़ कर देखा जा रहा है. हालांकि जापान की प्रतिक्रिया मिली जुली है. घोषणा के अनुसार जापानी सरकार के मंत्री खेलों में नहीं जाएंगे लेकिन तीन ओलंपिक अधिकारी खिलाड़ियों के साथ जाएंगे.
मुख्य कैबिनेट सचिव हीरोकाजु मात्सुनो ने एक समाचार वार्ता के दौरान कहा, "एक सरकारी प्रतिनिधि मंडल भेजने की हमारी कोई योजना नहीं है." उन्होंने आगे बताया कि टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष सीको हाशिमोतो, जापानी ओलंपिक समिति के अध्यक्ष यासुहीरो यामाशीता और जापान पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष काजूयूकि मोरी जाएंगे.
कूटनीति की दुविधा
मात्सुनो ने बताया कि तीनों अधिकारी अंतरराष्ट्रीय और पैरालंपिक ओलंपिक समितियों के निमंत्रण पर जा रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या यह "कूटनीतिक बहिष्कार" है तो उन्होंने कहा, "हम कैसे उपस्थित रहेंगे इसकी व्याख्या करने के लिए हम एक विशेष शब्द का इस्तेमाल नहीं करते हैं."
जापान अमेरिका का मित्र देश है और चीन उसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. इस वजह से जापान एक कठिन स्थिति में है और उसने चीन के शिनजियांग और हांग कांग जैसे इलाकों में मानवाधिकारों की स्थिति पर अपने पश्चिमी साझेदारों के मुकाबले थोड़ा नरम रुख अपनाया है.
जापान के नए प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने मानवाधिकारों को अपनी कूटनीति का एक अहम हिस्सा बनाया है और इसके लिए एक विशेष सलाहकार पद भी बनाया है. उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें चीन के साथ रचनात्मक संबंध बनाने की उम्मीद है.
खेलों पर प्रश्न चिन्ह
हाल के हफ्तों में उनसे कई बार पूछा गया है कि बीजिंग ओलंपिक खेलों के बारे में क्या किया जाना चाहिए लेकिन उन्होंने बस इतना कहा कि वो जापान के राष्ट्र हित में व्यापक फैसला लेंगे.
मात्सुनो ने कहा, "जापान यह मानता है कि यह महत्वपूर्ण है कि चीन स्वतंत्रता, मूल मानवाधिकारों की इज्जत और विधि का शासन के सार्वभौमिक मूल्यों का विश्वास दिलाए." उन्होंने कहा कि जापान ने इन बिंदुओं पर विचार कर अपना फैसला लिया.
बीजिंग में ओलंपिक खेल 2022 में चार से 20 फरवरी तक होने हैं. जापान के खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा लेंगे. चीन ने अमेरिका और दूसरे देशों की आलोचना की है और कहा है कि उन्होंने राजनीतिक तटस्थता का उल्लंघन किया है जिसकी ओलंपिक चार्टर मांग करता है.
माना जा रहा है कि बहिष्कार की मांग के प्रति ऐसी मिली जुली प्रतिक्रिया देना जापान द्वारा चीन के नेतृत्व को सीधे नाराज ना करने की कोशिश है.अगले साल दोनों एशियाई पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों के सामान्य होने की पचासवीं वर्षगांठ भी है.
सीके/एए (एपी, डीपीए)
कौन कौन अचानक गायब हुआ चीन में
हाल ही में चीन की स्टार टेनिस खिलाड़ी पेंग श्वाइ एक पूर्व उप-प्रधानमंत्री पर यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद अचानक गायब हो गईं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ. चीन में इससे पहले भी कई जाने माने लोग अचानक गायब हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Onorati
पेंग श्वाइ, टेनिस खिलाड़ी
दो नवंबर को पेंग श्वाइ ने देश के एक पूर्व उप-प्रधानमंत्री जांग गाओली पर उनका यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे. चीनी सोशल मीडिया मंच वेइबो पर यह लिखने के बाद वो दो हफ्तों तक दिखाई नहीं दीं और उनकी सुरक्षा के बारे में सवाल उठने लगे. वीकेंड पर वो बीजिंग में फिर सामने आईं और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक से वीडियो कॉल पर बात की. हालांकि उनकी सुरक्षा को ले कर अभी भी चिंताएं मौजूद हैं.
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रेन जिकियांग, रियल एस्टेट उद्योगपति
उद्योगपति रेन जिकियांग को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुखर आलोचक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने फरवरी 2020 में एक लेख में चीनी सरकार की कोविड की रोकथाम में असफल होने पर आलोचना की और शी को "जोकर" कहा. इस लेख के छपने के बाद उन्हें सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं देखा गया. बाद में उसी साल उन्हें भ्रष्टाचार के लिए 18 साल कारावास की सजा सुना दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Color China Photo
चेन क्यूशी, वकील और सिटीजन जर्नलिस्ट
2020 की शुरुआत में चेन क्यूशी कोविड महामारी की छानबीन करने वुहान गए थे और शहर के हालात पर कई वीडियो बनाए थे. फरवरी में उन्हें सरकारी अधिकारी ले गए और फिर उन्हें करीब 600 दिनों बाद देखा गया. वो कहते हैं कि इस दौरान उनके साथ जो भी हुआ उनमें से कुछ चीजों के बारे में तो बात की जा सकती है, लेकिन कुछ और चीजों का जिक्र नहीं किया जा सकता है.
तस्वीर: Privat
लू गुआंग, फोटोग्राफर
लंबे समय से अमेरिका में रह रहे चीनी फोटोग्राफर लू गुआंग 2018 के अंत में चीन के शिंकियांग प्रांत में यात्रा कर रहे थे जब उन्हें सरकारी अधिकारी ले गए. मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गया और उनके गायब होने की बहुत आलोचना की गई. सितंबर 2019 में उनकी पत्नी ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें कुछ महीनों पहले छोड़ दिया गया था और वो अब सुरक्षित हैं.
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मेंग होंगवेई, इंटरपोल के पूर्व अध्यक्ष
अक्टूबर 2018 में इंटरपोल के पहले चीनी अध्यक्ष मेंग होंगवेई अपने कार्यकाल के बीच में ही अपनी चीन यात्रा के दौरान गायब हो गए. बाद में पता चला कि उन्हें रिश्वत लेने और दूसरे आरोपों के तहत हिरासत में ले लिया गया है. फिर इंटरपोल ने घोषणा की कि मेंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बाद में उन्हें 13 साल कारावास की सजा सुनाई गई.
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आई वेईवेई, कलाकार और ऐक्टिविस्ट
आई वेईवेई चीन के सबसे मशहूर कलाकार और राजनीतिक ऐक्टिविस्टों में से हैं. 2011 में उन्हें बीजिंग हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया और बिना आरोप बताए 81 दिनों तक हिरासत में रखा गया था. 2015 में उन्हें चीन छोड़ कर जाने की अनुमति मिली जिसके बाद वो पहले जर्मनी और फिर यूके गए. 2021 से वो पुर्तगाल में रह रहे हैं.
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जैक मा, अरबपति टेक उद्योगपति
अली बाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा ने अक्टूबर 2020 में एक भाषण में चीन के नियामकों की आलोचना की थी. उसके बाद वो गायब हो गए. ऐसी अफवाहें उड़ीं कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया है लेकिन उनके मित्र कहते रहे कि यह सच नहीं है और उन्होंने कुछ दिन चुप रहने का फैसला किया है. दो महीनों बाद उन्हें एक वीडियो में देखा गया, लेकिन उन्होंने अपने गायब होने के बारे में कुछ नहीं कहा.
तस्वीर: Blondet Eliot/ABACA/picture alliance
जाओ वेई, मशहूर अभिनेत्री और अरबपति
जाओ वेई को अगस्त 2021 के बाद से सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है. उनकी फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों को भी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवाओं से बिना कोई कारण दिए हटा दिया गया है. यहां तक कि फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों के क्रेडिट्स तक से उनका नाम हटा दिया गया है. सितंबर में पूर्वी चीन में उन्हें देखे जाने की खबर आई थी, लेकिन उनका सही ठिकाना किसी को नहीं मालूम.