जापान में ऐसी आइसक्रीम खाई जाती हैं, जो दुनिया में कहीं नहीं मिलती. आइसक्रीम के दीवाने इस देश में स्वादों की फेहरिस्त बहुत अनोखी है. ना पिघलने वाली आइसक्रीम भी है.
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जापान में लोगों को बहुत पसंद है, आइसक्रीम. आइसक्रीम तो कहां नहीं पसंद की जाती, लेकिन जापान में जितनी तरह की आइसक्रीम मिलती है, उसकी लज्जत का कोई जवाब नहीं. सोया सॉस से लेकर लहसुन, ईल और शार्क के पंख जैसे फ्लेवर्स भी उपलब्ध हैं. लेकिन ना पिघलने वाली आइसक्रीम तो जापानी जीनियस का गजब ही उदाहरण है. लेकिन आइसक्रीम बनाने में जापान का कौशल यहां से तो शुरू होता है.
जापान में तापमान बढ़ना शुरू हो गया है और लोग उमस के लिए तैयार हो रहे हैं. लेकिन वे परेशान नहीं, खुश हैं क्योंकि आइसक्रीम खाने को मिलेगी. अब से सितंबर तक, जैसे जैसे तापमान बढ़ेगा, जापान में आइसक्रीम की बिक्री बढ़ेगी. इस द्वीप पर आइसक्रीम 1878 में पहुंची थी जब किसी विदेशी नाविक व्यापारी ने योकोहोमा को इसका स्वाद पहली बार चखाया था. लेकिन तब से आइसक्रीम ऐसी बसी कि अब यहीं की हो गई है. इसके विशाल घरेलू ब्रैंड्स हैं जो हागेन-डाज जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रैंड्स को तगड़ा मुकाबला देते हैं. और इसका राज है वे घरेलू नए फ्लेवर्स जो जापानियों ने तैयार किए हैं. वजह तो पता नहीं, पर ये ज्यादातर घरेलू कंपनियां ऐतिहासिक शहर कानाजावा में स्थित हैं जिसे जापान की आइसक्रीम कैपिटल भी कहते हैं.
2020 की सबसे अनोखी और हंसाने वाली खबरें
कोरोना वायरस ने 2020 में हमें हसने के लिए कुछ खास नहीं दिया. फिर भी कुछ अनोखी खबरों और घटनाओं ने जरूर सुर्खियां बटोरीं. भारत में गोबर के चिप से लेकर जापान में पारदर्शी टॉयलेट तक, एक नजर साल की सबसे हास्यास्पद खबरों पर.
तस्वीर: Imago/epd/M. Gloeckner
'फग्गिंग' में आपका स्वागत है
सालों से 'फक्किंग' नाम की वजह से मजाक का पात्र बने हुए इस ऑस्ट्रियाई गांव के लोग अब खुश हैं. आखिर गांव का नाम बदल जो गया है. अब इसे 'फग्गिंग' के नाम से जाना जाता है.
मोबाइल फोन की रेडिएशन से बचने के इस उपाय से लोगों के कान खड़े हो गए थे. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने एक चिप दिखा कर दावा किया कि यह गाय के गोबर से बना है और मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन को कम करता है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि यह सब विज्ञान द्वारा अनुमोदित है.
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रहस्मयी खंभा
अमेरिका के यूटा रेगिस्तान में एक चमकता हुआ रहस्मयी खंभा अचानक से देखा गया. 'क्या ये किसी एलियन का काम है' जैसे सवालों के बीच खंभा एक हफ्ते बाद अचानक ही गायब भी हो गया. उसके बाद इसी तरह के रहस्मयी खंभे सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि रोमानिया, पोलैंड, नीदरलैंड्स और इंग्लैंड में भी देखे गए.
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टोक्यो ओलंपिक्स में यौन जिम्नास्टिक्स
टोक्यो ओलम्पिक खेलों के आयोजकों ने कहा है ओलंपिक विलेज में लगने वाले ईको-फ्रेंडली गत्ते के बिस्तर इतने मजबूत हैं कि वो खिलाड़ियों के 'सेक्शुअल जिम्नास्टिक्स' भी सह लेंगे. हां, एक बिस्तर में बस दो व्यक्ति होने चाहिए. रियो में हुए पिछले ओलंपिक खेलों के दौरान प्रतियोगियों के बीच लगभग पांच लाख कंडोम बांटे गए थे, यानी प्रति व्यक्ति 42 कंडोम.
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बोल्सोनारो के केले
पत्रकारों को 'द बनाना' नामक एक भद्दा इशारा करने के लिए बदनाम ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने मार्च में एक प्रेस वार्ता में खुद जाने की जगह वहां एक स्टैंड-उप कॉमिक को भेज दिया. कॉमिक ने राष्ट्रपति का सैश भी पहना हुआ था और खूब सारे केले साथ लिए हुए थे.
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व्हेल की पूंछ
नीदरलैंड्स के रॉटरडैम में एक बेकाबू मेट्रो ट्रेन एक नाले में गिरने ही वाली थी कि दो व्हेलों की पूंछों की एक विशालकाय कलाकृति ने उसे बचा लिया. मूर्ती को बनाने वाले आर्किटेक्ट मार्टिन स्रुजीस का कहना था कि पूंछों पर टिकी हवा में लटकी ट्रेन अपने आप में एक कलाकृति लग रही थी.
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टॉयलेट टेक्नोलॉजी
क्या आप एक पारदर्शी टॉयलेट में जाना पसंद करेंगे? जापान में टोक्यो के एक पार्क में ऐसे ही टॉयलेट लगाए गए हैं, ताकि लोग इस्तेमाल करने के पहले देख सकें कि टॉयलेट साफ है या नहीं. लेकिन टॉयलेट इस्तेमाल करते समय क्या होगा? उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि शौचालय के अंदर जाते ही स्मार्ट शीशा अपना स्वरूप बदल लेता है और उसके आर-पार दिखना बंद हो जाता है.
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अजगर का मास्क
इंग्लैंड में मैनचेस्टर के पास एक बस यात्री के पास मास्क नहीं था तो उसने अपने मुंह पर एक अजगर लपेट लिया. अधिकारियों का कहना था कि किस तरह का मास्क उपयोग करें इसे लेकर उनके निर्देश कुछ अस्पष्ट जरूर थे लेकिन उनमें सांप की चमड़ी के इस्तेमाल की बात तो बिल्कुल भी नहीं की गई थी, खास कर तब जब चमड़ी अभी भी सांप के शरीर पर हो.
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टॉयलेट रोल की मारामारी
दुनिया भर में तालाबंदी की वजह से जब जब दुकानें बंद हुईं तो जिस चीज की सबसे ज्यादा कमी हो गई वो था टॉयलेट पेपर. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक सुपरमार्केट में टॉयलेट रोल पर लड़ती हुई तीन महिलाओं को अलग करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा. हांगकांग में टॉयलेट पेपर ले जा रही एक लॉरी को चोरों ने रोक कर सारा भंडार लूट लिया. अमेरिका के ऑरेगोन में तो लोगों ने टॉयलेट पेपर खत्म होने पर पुलिस को फोन तक कर दिया.
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मिलिए कोरोना कुमार से
यह महामारी से प्रेरित होने की हद थी. तालाबंदी के दौरान भारत में किसी ने अपने बच्चे का नाम 'कोरोना कुमार' रख दिया तो किसी ने 'लॉकडाउन'. स्विटरजरलैंड में एक बच्ची का नाम उसके माता पिता ने उनकी स्थानीय इंटरनेट कंपनी के नाम पर रख दिया, क्योंकि 'ट्वाईफिया ' ऐसा करने पर 18 साल तक मुफ्त वाई-फाई देने का ऑफर ले कर आई थी. सीके/एए (एएफपी)
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सोया सॉस आइसक्रीम
कानाजावा स्थित यामाटो सोया सॉस एंड मीजो कंपनी के प्रवक्ता ईजी ताशिरो कहते हैं, "वैसे तो हम मसाले बनाने वाली कंपनी हैं लेकिन 15 साल पहले हमने कुछ अलग करने की कोशिश की. हमने सोचा कि जैसे जापानी लोग पारपंरिक चीजों जैसे सोया और मीजो को पसंद करते हैं, तो क्यों ना इन्हें आइसक्रीम में डालकर देखा जाए." और नतीजा था, सोया सॉस फ्लेवर वाली वनीला आइसक्रीम. डीडब्ल्यू से बातचीत में ताशिरो ने बताया कि प्रयोग बेहद सफल रहा है. वह कहते हैं, "मुझे लगता है कि पहली बार ट्राई करने पर ज्यादातर लोग हैरान होते है. इसका स्वाद सोया सॉस जैसा तो नहीं है. आइसक्रीम में यह कैरामल जैसी ज्यादा लगती है."
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अपने कासल और पारंपरिक बागों के लिए मशहूर इस शहर में थोड़ा बहुत घूमकर ही पता चल जाता है कि क्यों लोग कानाजावा का नाम आइसक्रीम के साथ लेते हैं. यहां आपको आइसक्रीम मिलेगी, जिस पर स्वर्ण भस्म से लेकर होजिचा ग्रीन टी तक छिड़क कर दी जाती हैं. राइस वाइन के फ्लेवर वाली आइसक्रीम भी है. और, नाकातानी तोफू कंपनी तोफू आइसक्रीम भी बनाती है. बसंत में खूब पसंद किए जाने वाला फ्लेवर है चेरी ब्लॉसम या फिर भुनी शकरगंद भी.
न पिघलने वाली आइसक्रीम
न पिघलने वाली आइसक्रीम भी कानाजावा में ही बनाई गई थी. हालांकि यह एक हादसे के चलते हुए था. बताते हैं कि बायोथेरेपी डिवेलपमेंट रिसर्च सेंटर कंपनी और कानाजावा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मिलकर स्ट्रॉबरी पॉलीफिनोल पाउडर से एक कुदरती स्वास्थ्यवर्धक फ्लेवर बनाने पर काम कर रहे थे. लेकिन उन्होंने देखा कि जब इसे पानी के साथ मिलाकर जमाया गया तो जो बना उसमें और आइसक्रीम में फर्क करना मुश्किल था. और यह पिघल नहीं रहा था.
अप्रैल 2017 में इसे कानाजावा आइसक्रीम कंपनी ने पहली बार बाजार मे उतारा था और अब यह अलग-अलग आकारों और स्वादों में उपलब्ध है. गर्मी शुरू होते ही टोक्यो के सनशाइन सिटी में एक आइसक्रीम थीम पार्क खोला जाता है, जहां पूरे जापान के कुल्फी वाले जमा होते हैं और अपने-अपने यहां के स्वाद लेकर आते हैं जो एक दूसरे से एकदम भिन्न हैं. जैसे कि दक्षिणी जापान की घोड़े के कच्चे मांस के फ्लेवर वाली आइसक्रीम. या फिर मध्य जापान के धान के खेतों से चावल के स्वाद वाली कुल्फी. नागोया से आती है चिकन विंग के फ्लेवर वाली आइसक्रीम. कहीं मिर्ची वाली तीखी आइसक्रीम है तो केकड़ा, झींगा, बैंगन, काली चीनी और लहसुन का स्वाद भी उपलब्ध है.