जापान: किशिदा के भारी उथल-पुथल वाले पीएम कार्यकाल का अंत
१४ अगस्त २०२४
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने घोषणा की है कि वह सितंबर में अपने पद से इस्तीफा देंगे. इस तरह राजनीतिक घोटालों से प्रभावित उनके तीन साल के कार्यकाल का अंत हो जाएगा.
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अमेरिका के करीबी सहयोगी रहे जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने घोषणा की है कि वह सितंबर में दोबारा चुनाव के लिए खड़े नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वह सितंबर में होने वाले लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के अध्यक्ष पद के चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे.
इस पार्टी का नेता आमतौर पर जापान का प्रधानमंत्री भी होता है. एलडीपी दशकों से लगातार सत्ता में है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किशिदा ने कहा कि यह निर्णय "एलडीपी में बदलाव की पहली कड़ी है." जापानी समाचार एजेंसी क्योदो ने बुधवार को यह जानकारी दी.
पानी में गहरे गोते लगाने वाली आखिरी जापानी महिलाएं
परंपराओं के देश जापान में फ्री-डाइविंग करने वाली महिलाओं, यानी 'अमा' की खास जगह है. ये बिना किसी खास डिवाइस के समुद्र के गहरे पानी में जाकर प्राकृतिक खजाने इकट्ठा करके लाती हैं.
तस्वीर: Kim Kyung-Hoon/REUTERS
सदियों से जारी परंपरा
समुद्र की गहराई में गोते लगाकर मछलियां और दूसरे सीफूड पकड़कर लाने वाली मछुआरनें जापान में "अमा" कही जाती हैं. ये महिलाएं किसी स्कूबा डाइविंग गीयर या ऑक्सीजन की टंकी के बिना समुद्र की तलहटी तक पहुंच पाती हैं. 77 साल की हो चुकीं साने कीसो, जापान के मिनामिहोसो की ऐसी ही एक गोताखोर हैं. दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्गों वाले देश जापान में कीसो इस उम्र में भी नियमित तौर पर यह काम करती हैं.
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सफलता के लिए मिलकर प्रार्थना
पूर्वी जापान के मिनामिहोसो में एक स्थानीय सी फेस्टिवल में ये गोताखोर सफेद लिबास में इकट्ठे होकर समुद्र से अधिक-से-अधिक खाना पाने की प्रार्थना करती हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं इसी इलाके से आने वाली वॉलंटियर्स हैं. साल 2006 से अब तक मिनामिहोसो में अमा की तादाद में 70 फीसदी की कमी आई है. अब वॉलंटियर्स के सहयोग से सामूहिक प्रार्थना की इस परंपरा को चलाया जा रहा है.
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युवा महिलाएं नहीं जुड़ रहीं
साने कीसो यहां बची कुल 40 गोताखोरों में से एक हैं. साल 2023 में मिनामिहोसो की इन डाइवर्स की औसत उम्र 72 साल के आसपास थी. 2006 में इनकी औसत आयु 68 हुआ करती थी. जापान में युवा महिलाएं अब इस बेहद कठिन काम के बजाए दूसरे पेशों को ज्यादा चुनती हैं.
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कैसा लगता है गहराई में
1960 के दशक से ये गोताखोर अपनी सुरक्षा के लिहाज से नारंगी वेटसूट पहनती आई हैं. उससे भी पहले के समय में अमा, शरीर पर लॉइन का कपड़ा पहने और सिर पर स्कार्फ बांधकर गोते लगाया करती थीं. ये पानी में 20 मीटर, यानी करीब 65 फीट की गहराई तक बिना किसी ऑक्सीजन सिलिंडर के चली जाती हैं. ऐसा वे दिन में एक बार नहीं, बल्कि एक घंटें में कई बार करती हैं.
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किस कीमती चीज के लिए इतनी मशक्कत
यहां अनुभवी गोताखोर साने कीसो अपने हाथ लगे खजाने को दिखा रही हैं. उनको मिले जीव 'एबेलोनी' (सी इयर्स) का मीट जापान में एक डेलीकेसी, यानी खाने की खास चीज माना जाता है. आमतौर पर डाइवर्स को समुद्री घोंघे, सी अर्चिन्स, मुशेल (शंख), एल्गी और ऑइस्टर्स मिलते हैं.
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इससे अमीर क्यों नहीं बन पातीं
पहले यह काम करने वाली जापानी महिलाएं अच्छी कमाई कर पाती थीं. हालांकि, इस पेशे में यहां तक पहुंचने में काफी समय और अनुभव लगता था. मिनामिहोसो में करीब 16 सालों से इस काम से जुड़ी योशीनो गिरानो कहती हैं, "यह ऐसी जॉब नहीं है जिसमें आप फटाफट बहुत सारे पैसे कमा सकें."
तस्वीर: UIG/IMAGO
क्या खत्म हो जाएगी परंपरा
51 साल की हो चुकीं आयुमी इनोवी, मिनामिहोसो की सबसे युवा गोताखोरों में से एक हैं. उन्होंने इसकी ट्रेनिंग तीन साल पहले ही शुरू की. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्होंने बताया, "मैं बुजुर्ग महिलाओं को अमा के तौर पर काम करते देखकर बड़ी हुई हूं, मुझे उनके सूरज में तपे चेहरों पर बिखरी मुस्कान हमेशा आकर्षित करती थी."
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किशिदा ने कहा कि उनकी पार्टी को "एकजुट होकर" नए नेता के नेतृत्व में जनता का विश्वास दोबारा जीतने के लिए काम करना चाहिए और घटती जनसंख्या दर, बुजुर्ग समाज और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने जैसी चुनौतियों का सामना करना चाहिए.
किशिदा ने यह भी कहा कि वह अगले पार्टी प्रमुख और प्रधानमंत्री के रूप में कौन सबसे बेहतर विकल्प होगा, इस बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे.
टोक्यो की सोफिया यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर कोइची नाकानो ने कहा कि किशिदा का फैसला अनुमान के मुताबिक ही है. उन्होंने बताया, "मुझे काफी समय से उम्मीद थी कि किशिदा फिर से चुनाव में नहीं उतरेंगे. वह एलडीपी के प्रधानमंत्री के औसत कार्यकाल से तीन साल अधिक समय तक सेवा कर चुके हैं. और वह ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि कह सकें, 'मैं विशेष हूं, मुझे अधिक समय चाहिए."
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घट रही है लोकप्रियता
किशिदा की समर्थन रेटिंग हाल ही में 30 फीसदी से नीचे गिर गई, जिसके पीछे उनकी पार्टी में दान घोटाले का असर है. इस घोटाले में एलडीपी के कई सदस्यों पर धन जुटाने के लिए हुए आयोजनों से प्राप्त आय को सही तरीके से घोषित न करने का आरोप है.
जापानी राजनीति के विशेषज्ञ, टेम्पल यूनिवर्सिटी, टोक्यो में प्रोफेसर माइकल क्यूसेक ने कहा कि किशिदा लंबे समय से 'मरे हुए आदमी' की तरह थे. उन्होंने कहा, "एलडीपी के पूर्व यूनिफिकेशन चर्च से जुड़े विवादों के कारण जनता में किशिदा के प्रति असंतोष बढ़ता गया."
जापान में बुजुर्गों के लिए ब्रेकडांसिंग
जापान में बुजुर्ग फिट रहने के लिए ब्रेक डांस का सहारा ले रहे हैं. ब्रेक डांस के जरिए उनके जीवन में कैसा बदलाव आ रहा है, देखिए.
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सभी के लिए ब्रेक डांस
"अरा स्टाइल सीनियर" टोक्यो में वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक ब्रेक डांस समूह है. जापान में बुजुर्गों के लिए यह पहला ऐसा समूह है. इस क्लब की स्थापना का उद्देश्य समाज के बुजुर्ग सदस्यों को खेल और शारीरिक व्यायाम के माध्यम से एकजुट करना है.
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कैसे हुई शुरुआत
"अरा स्टाइल सीनियर" की संस्थापक 71 साल की रीको मारुयामा हैं, जो टोक्यो के एडोगावा वॉर्ड की एक निर्वाचित अधिकारी हैं. वह खेल और व्यायाम के माध्यम से समुदाय में ऊर्जा का संचार करना चाहती थीं.
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फिटनेस है जरूरी
74 साल के सरुवाका कियोशी पारंपरिक जापानी निहोन बुयो नृत्य के कलाकार और शिक्षक हैं. वह सीनियर्स ब्रेक डांस ग्रुप के पहले सदस्यों में से एक हैं. कियोशी का कहना है कि ब्रेक डांसिंग से वो फिट रहते हैं. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब तक मैं जीवित हूं, मैं ब्रेक डांस करता रहूंगा."
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मौज-मस्ती और डांस
टीम के सदस्यों का लक्ष्य मौज-मस्ती करना और शारीरिक रूप से फिट रहना है. 69 वर्षीय सदस्य हितोमी ओडा के मुताबिक, "पहले तो मुझे लगा कि मैं इस उम्र में ब्रेक डांस नहीं कर सकती हूं. यह संभव नहीं है. जाहिर है, हम बहुत कठिन कदम नहीं उठा सकते, लेकिन आसान कदमों से शरीर को गतिशील रखना बहुत दिलचस्प और मजेदार है."
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जापान में बढ़ते बुजुर्ग
जापान में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या कुल जनसंख्या का लगभग 30 प्रतिशत है. मारुयामा चाहती हैं कि न केवल उनका क्षेत्र, बल्कि शेष जापान और यहां तक कि दुनियाभर के बुजुर्ग भी ब्रेक डांसिंग में शामिल हों.
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जब बुजुर्ग नाचे
बुजुर्गों का ब्रेक डांस देखकर दर्शक तालियां बजाते हैं. वे भी इसका आनंद लेते हैं. ब्रेक डांस की शुरुआत 1970 और 80 के दशक में न्यूयॉर्क में हुई थी अब यह ओलंपिक का भी हिस्सा है.
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नेशनल ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज में प्रोफेसर मिकीताका मसुयामा के मुताबिक किशिदा की लोकप्रियता घट रही थी. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का समर्थन हाल ही में कमजोर हो गया है, और उनके पद छोड़ने की आवाजें तेज हो गई हैं. एलडीपी का नेता प्रधानमंत्री के बराबर होता है. किसी भी स्थिति में उसे पार्टी को एकजुट करने और सरकार को संभालने में सक्षम होना चाहिए."
बड़े फैसलों वाला कार्यकाल
2021 से प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत किशिदा के नेतृत्व में, जापान ने अपनी सुरक्षा रणनीति में बड़े बदलाव किए. इनका उद्देश्य चीन की शक्ति बढ़ाने की महत्वाकांक्षाओं और उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और मिसाइल कार्यक्रमों से निपटना था. इन दोनों को ही जापान एक खतरे के रूप में देखता है. साथ ही उन्होंने अमेरिका से सैन्य सहयोग को नए मुकाम पर पहुंचाया.
नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीईओ ताकाहिदे किउची कहते हैं, "किशिदा प्रशासन ने पहले बाजार में चिंताओं को बढ़ाया, लेकिन बाद में उसने 'एसेट इनकम डबलिंग प्लान' जैसी विस्तारवादी नीतियों को अपनाया."