जापान में रिसर्चरों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो केले को नुकसान किए बिना उसे छील सकता है. इस रोबोट को यह ट्रेनिंग देने के लिए सैकड़ों केलों का इस्तेमाल किया गया.
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जापान में रोबोट वैसे तो फैक्ट्रियों में आसान काम को अंजाम देते हैं या फिर रेस्तरां में मेहमानों को खाना परोसते हैं लेकिन अब शोधकर्ताओं ने एक ऐसा रोबोट पेश किया है जो केले के छिलके छीलने का नाजुक काम कर सकता है. यह रोबोट केले के अंदर के हिस्से को नुकसान पहुंचाए बिना उसे छील सकता है.
यह रोबोट केले के गूदे को बिना नुकसान पहुंचाए 57 फीसदी बार छीलने में सफल रहा. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि भविष्य में रोबोट के पीछे की तकनीक को अन्य कामों के लिए लागू किया जा सकता है जिनके लिए ठीक कौशल की आवश्यकता होती है.
टोक्यो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के वीडियो ने दिखाया कि रोबोट अपने दोनों हाथों से केले को उठाता है और उसे तीन मिनट के अंदर छीलता है.
शोधकर्ता हीचियोल किम, योशीयुकी ओहमुरा और यासुओ कुनियोशी ने रोबोट को "डीप इमिटेशन लर्निंग" प्रक्रिया का इस्तेमाल करके ट्रेन किया है.
मछली को सिखा दी ड्राइविंग
इस्राएल के वैज्ञानिकों ने गोल्ड फिश को ड्राइविंग सिखा दी है. 6 मछलियां 10 क्लास में ड्राइव करना सीख गईं. कैसे हुआ यह कमाल, देखिए...
तस्वीर: Ljupco Smokovski/Fotolia
गोल्ड फिश ने किया ड्राइव
इस्राएल शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि गोल्ड फिश पानी में ही नहीं, जमीन पर भी रास्ते खोज सकती है. इस खोज का नतीजा यह निकला कि उन्होंने मछली को ड्राइविंग सिखा दी.
तस्वीर: Ronen Zvulun/REUTERS
कैसे किया कंट्रोल
बेन-गुरियोन यूनिवर्सिटी की टीम ने एक एफओवी (FOV) – फिश ऑपरेटेड व्हीकल तैयार किया है जो एक रोबोटिक कार है. यह रिमोट सेंसिंग तकनीक से चलती है.
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दस क्लास लीं
इस कार में कंप्यूटर, कैमरा और इलेक्ट्रिक मोटर भी लगी हैं. शोधकर्ताओं ने 6 मछलियों को 10-10 क्लास दीं. जब भी किसी मछली ने अपना लक्ष्य छुआ, उसे इनाम दिया गया.
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कुछ गोल्ड फिश बेहतर हैं
जैसे इंसान अलग-अलग तरह के ड्राइवर होते हैं, वैसे ही मछलियों में अच्छा और खराब ड्राइवर मिला. कुछ गोल्ड फिश दूसरों से बेहतर ड्राइवर बनीं.
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पहले तो समझ नहीं आया
बायोलॉजी प्रोफेसर रोनन सेगेव कहते हैं कि पहले तो मछलियां थोड़ीं परेशान हुईं क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या चल रहा है. लेकिन जल्दी ही उन्हें सारा माजरा समझ में आ गया और वे ड्राइविंग सीखने में लग गईं.
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विशेष नहीं इंसान
प्रोफेसर रोनन सेगेव कहते हैं कि हम इंसान अपने को खास मानते हैं और मछलियों को तो पुरातन जीव समझा जाता है जबकि ऐसा नहीं है, बहुत से जीव बहुत समझदार होते हैं.
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शोधकर्ताओं ने रोबोट को यह काम सिखाने और इसे दोहराने के लिए सैकड़ों बार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया. शोधकर्ताओं ने रोबोट के लिए इसे नौ चरणों में तोड़कर कार्य को सरल बना दिया. इसमें केले को पकड़ना, उसे टेबल से उठाना, उसके सिरे को पकड़ना और छीलना शामिल था. एक बार जब शोधकर्ताओं ने रोबोट को ट्रेंड कर लिया, तो उन्होंने इसे केले के ढेर पर परीक्षण के लिए रखा. इस मामले में 13 घंटे से अधिक समय के बाद केले को छीलने में सफलता हासिल हुई.
कुनियोशी का मानना है कि अभी भी अधिक परीक्षण के दौर से गुजरते हुए उनकी रोबोट प्रशिक्षण पद्धति रोबोट को विभिन्न सरल "मानव" कार्यों को करना सिखा सकती है. उन्हें उम्मीद है कि बेहतर प्रशिक्षित रोबोट जापान के श्रम संकट को कम कर सकते हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स)
पहली बार रोबोट ने बनाया बर्गर
यह बर्गर एक रोबोट ने बनाया है. कंपनी का दावा है कि यह पहली बार है जब किसी रोबोट ने ग्राहक की पंसद का बर्गर पकाया. इस्राएल की कंपनियां मशीन से खाना बनाने में काफी आगे निकल चुकी हैं. देखिए...
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जब रोबोट बन जाए शेफ
यह बर्गर बनाया है एक रोबोट ने. शुद्ध शाकाहारी बर्गर को प्लांट-बेस्ड मीट से बनाया गया है, जो सावरोईट नामक कंपनी ने तैयार किया है.
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ऐप से मनचाहा बर्गर
सावरो ईट ने यह बर्गर बेचना शुरू किया है. इसे ऐप से ऑर्डर किया जाता है. लोग बर्गर में फैट, वेजिटेबल और प्रोटीन की मात्रा खुद तय कर सकते हैं.
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प्लांट बेस्ड मीट
प्लांट बेस्ड मीट बनाने के लिए पौधों या अन्य कुदरती स्रोतों से कुछ तत्व लिए जाते हैं और उन के मिश्रण से इसे तैयार किया जाता है. इसे बनाने में टेक्सचर, फैट सोर्स, कलरिंग, फ्लेवर आदि पर खास ध्यान दिया जाता है ताकि स्वाद मांस जैसा ही लगे.
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3D मीट
इस्राएल की एक कंपनी रीडिफाइन ने 3D प्रिंटर से मांस के टुकड़े प्रिंट किए हैं. ये बीफ और लैम्ब जैसे दिखते हैं लेकिन शाकाहारी हैं. यूरोप के कई महंगे रेस्तराओं ने इस मीट को अपने यहां परोसना शुरू कर दिया है. इसे दुनिया का पहला शाकाहारी ‘होल कट्स मीट’ कहा जा रहा है.
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रेस्तरां में शाकाहारी मीट
अब लगभग हर देश में प्लांट बेस्ड मीट पहुंच चुका है. अमेरिकी कंपनी ईट जस्ट भी ऐसे प्रयोग कर चुकी है. पिछले साल सिंगापुर के एक रेस्तरां में पहली बार लैब में बने मांस की डिश को परोसी गई थी. सिंगापुर इस मांस को रेस्तरां में परोसने की इजाजत देने वाला पहला देश था.
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रेस्तरां में रोबोट
अब रेस्तराओं में रोबोट का इस्तेमाल बढ़ रहा है. कई यूरोपीय देशों में खाना बनाने वाले रोबोट काम कर रहे हैं. पिछले साल स्पेन की एक कंपनी ने यह पाएला बनाने वाला रोबोट पेश किया था.