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समाज

पत्रकार अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार

आमिर अंसारी
४ नवम्बर २०२०

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को दो साल पुराने खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है.

Arnab Goswami
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Jaiswal

मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को खुदकुशी के लिए कथित रूप से उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बुधवार सुबह करीब 6.30 बजे पुलिस ने उन्हें उनके घर से गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अर्नब को पुलिस ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया है. इस मामले की जांच महाराष्ट्र सीआईडी कर रही है. नाइक की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की थी.

अर्नब गोस्वामी ने पुलिस पर हाथापाई का आरोप लगाया है. अर्नब गोस्वामी को जब पुलिस वैन में ले जा रही थी तो उन्होंने पुलिस पर मारने का आरोप लगाया. रिपब्लिक टीवी का कहना है कि अर्नब के साथ पुलिस ने एक अपराधी की तरह बर्ताव किया है. 

अर्नब की गिरफ्तारी के बाद कई केंद्रीय मंत्रियों ने ट्विटर के जरिए इसकी आलोचना की और कहा कि यह इमरजेंसी की याद दिलाता है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमले की निंदा करते हैं. यह प्रेस के साथ बर्ताव का तरीका नहीं है. यह हमें आपातकाल के उन दिनों की याद दिलाता है जब प्रेस के साथ इस तरह से व्यवहार किया गया था."

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट कर अर्नब की गिरफ्तारी की निंदा की है और कहा है अर्नब की गिरफ्तारी प्रेस की आजादी पर हमला है. जो लोग इस आजादी पर विश्वास करते हैं उन्हें इस मुद्दे पर बोलना चाहिए.

दूसरी ओर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है और राज्य के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि गोस्वामी के साथ "निष्पक्ष रूप से व्यवहार किया जाए और आलोचनात्मक रिपोर्टिंग पर राज्य सरकार की शक्तियों का उपयोग नहीं होना चाहिए."

इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया है और कहा है कि उद्धव सरकार के बनने के बाद से किसी के भी खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में कानून का पालन होता है. पुलिस के पास अगर सबूत है तो वह किसी के भी खिलाफ कार्रवाई कर सकती है."

मुंबई पुलिस कथित टीआरपी घोटाले की भी जांच की जा रही है और उसमें भी रिपब्लिक टीवी द्वारा टीआरपी बढ़ाने के लिए फर्जीवाड़े का इस्तेमाल का आरोप लगता नजर आ रहा है. रिपब्लिक टीवी इन आरोपों से इनकार करता आया है.

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