युंकर और ट्रंप ने की सीजफायर की घोषणा
२६ जुलाई २०१८
ईयू-अमेरिका व्यापारिक संबंध
ईयू-अमेरिका व्यापारिक संबंध
यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका एक दूसरे के लिए सबसे बड़े व्यापारिक बाजार हैं. आइए देखते हैं कि दोनों किन चीजों का आयात और निर्यात करते हैं और व्यापार युद्ध होने पर किन क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा.
खरबों यूरो का कारोबार
यूरोपीय संघ अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. अमेरिका का करीब 20 प्रतिशत सामान यूरोपीय देशों को बेचा जाता है. इसी तरह यूरोपीय संघ का भी 20 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को होता है. 2017 में दोनों के बीच 1,069 अरब यूरो का कारोबार हुआ. गुड्स और सर्विसेज के क्षेत्र में ईयू का आयात 256 अरब यूरो रहा जबकि निर्यात 376 अरब यूरो.
ट्रेड सरप्लस
ईयू और अमेरिका के बीच मुख्य व्यापार मशीनरी, गाड़ियों, रसायन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में होता है. कुल मिलाकर 2017 में इनका हिस्सा ईयू-अमेरिका के आयात और निर्यात में 89 प्रतिशत था. इन क्षेत्रों के अलावा खाने और पेय पदार्थों में ईयू का व्यापार फायदे में रहा. अमेरिका का ट्रेड सरप्लस कच्चे माल और ऊर्जा में है.
कार मशीनरी टॉप पर
167 अरब यूरो के साथ मशीनरी और गाड़ियां यूरोप से होने वाले निर्यात में सबसे ऊपर है. यह मालों के निर्यात का 44 प्रतिशत है. मशीनरी और ट्रांसपोर्ट उपकरणों का अमेरिका से यूरोप को होने वाला निर्यात 111 अरब यूरो का है. यह यूरोप के कुल आयात का 43.6 प्रतिशत है.
कारोबार का छोटा हिस्सा
मई के अंत में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यूरोपीय संघ से होने वाले स्टील के निर्यात पर 25 प्रतिशत और अल्युमीनियम पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया. 2017 में अमेरिका को यूरोप से होने वाले स्टील और अल्युमीनियम के निर्यात का हिस्सा 3.58 अरब यूरो था.
जवाबी शुल्क
यूरोपीय संघ ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के शुल्क के जवाब में उन अमेरिकी उत्पादों की सूची बनाई जिन पर जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे. इनमें मूंगफली बटर, बरबर व्हिस्की, हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल, जींस और नारंगी जूस जैसे सामान्य अमेरिकी उत्पाद हैं. जिन उत्पादों को यूरोपीय संघ ने शुल्क लगाया है उनका वार्षिक आयात 2.8 अरब यूरो है.
सर्विसेज में यात्रा और शिक्षा शामिल
219 अरब का आयात किया और 218 अरब यूरो का निर्यात किया. इनमें प्रोफेशनल और मैनेजमेंट सर्विस, बौद्धिक संपदा, यात्रा और शिक्षा शामिल थे. यूरोप और अमेरिका के बीच होने वाले कारोबार का एक तिहाई कंपनियों के बीच आपासी लेन देने के रूप में होता है.