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पाकिस्तान, अफगानिस्तान के बीच बढ़ रहा है तनाव

१८ मार्च २०२४

तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाके में पाकिस्तानी सेना के एक हमले में आठ अफगान नागरिक मारे गए हैं. तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है.

उत्तरी वजीरिस्तान
उत्तरी वजीरिस्तान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा पर गुलाम खान सीमा द्वारतस्वीर: Muhammed Semih Ugurlu/Anadolu/picture alliance

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि पाकिस्तानी विमानों ने पाकिस्तान की सीमा से सटे अफगान प्रांतों खोस्त और पक्तिका में "आम नागरिकों के घरों पर बम गिराए". मुजाहिद के मुताबिक सभी मरने वाले बच्चे और महिलाएं थे.

अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि सीमा पर तैनात उसके सैनिकों ने इन हवाई हमलों के जवाब में कार्रवाई की और दोनों देशों के बीच की विवादित सीमा पर "भारी हथियारों" से हमला किया. मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारिज्मी ने एक्स पर अहा, "देश के सुरक्षाबल किसी भी आक्रामक कदम का जवाब देने के लिए तैयार हैं और किसी भी कीमत पर अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे."

पड़ोसी देशों के बीच बढ़ता तनाव

सोमवार दोपहर तक दोनों पक्षों से सीमा-पार झड़प की खबरें आईं. मुजाहिद ने अपने बयान में कहा कि तालिबान सरकार, "इन हमलों की कड़ी निंदा करती है और इस लापरवाह कदम को अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करार देती है. इस तरह की घटनाओं का बहुत बुरा परिणाम हो सकता है जो पाकिस्तान के नियंत्रण के बाहर होगा."

रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल के जनाजे में शामिल हुए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सेना प्रमुखतस्वीर: Inter-Services Public Relations/REUTERS

समाचार एजेंसी एपी का कहना है कि ताजा घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. खोस्त में कबाइली नेता मालक नूर खान ने कहा कि उन्होंने ड्रोनों और जेटों से कम से कम चार विस्फोटों को गिरते हुए देखा और कई मकान तबाह हो गए.

इनमें से एक में अंदर एक महिला और उसके बच्चे मौजूद थे. उन्होंने एएफपी को बताया, "जब ड्रोन पहले आए, तो महिलाओं और बच्चों समेत हम सब अपने घरों को छोड़ कर चले गए और पहाड़ों में स्थित पेड़ों के बीच चले गए. वहां बहुत ठंड थी क्योंकि जमीन पर बर्फ थी."

उन्होंने यह भी बताया। "जिनको निशाना बनाया गया वो वजीरिस्तान से आए शरणार्थी थे, वो मिलिटेंट नहीं थे, वो आतंकवादी नहीं थे." पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि वहां लोगों से उस इलाके को खाली करने को कह दिया गया है.

मस्जिदों में घोषणा करवा दी गई है कि कुर्रम और उत्तरी वजीरिस्तान में कुछ इलाकों को खाली करने की घोषणा कर दी गई है. सीमावर्ती इलाके पाकिस्तानी मिलिटेंट समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीटीपी) के लिए एक गढ़ रहे हैं. समीक्षकों का कहना है कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से इन इलाकों में मिलिटेंटों को प्रोत्साहन मिला है.

मजबूत होते मिलिटेंट समूह

टीटीपी का सुरक्षाबलों के खिलाफ अभियान बढ़ता ही जा रहा है. तालिबान ने इस आरोप से इंकार किया है कि उसने पाकिस्तानी मिलिटेंटों को शरण दी है. 2022 में तालिबान ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टरों ने अफगानिस्तान की सीमा के अंदर हमले किए थे, जिनमें 20 बच्चों समेत कम से कम 47 लोग मारे गए थे.

पाकिस्तान-अफगान बॉर्डर पर फिर गोलाबारी

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सोमवार वाले ताजा हमलों के पहले शनिवार को पाकिस्तान के अंदर एक सशस्त्र समूह के हमले में सात पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. तब देश के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि पाकिस्तान इसका जवाब देगा. पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में बताया कि सुरक्षाबलों ने रविवार को उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक ऑपरेशन के तहत आठ मिलिटेंटों को मार गिराया.

इन आठों पर शनिवार के हमले में शामिल होने का आरोप था. टीटीपी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस बात से इनकार किया कि सोमवार के हमलों में उसे निशाना बनाया गया था. उसने कहा कि उसके सदस्य पाकिस्तान के अंदर से ही काम करते हैं.

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