उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने माना है कि उनका देश "लगभग किसी भी क्षेत्र में अपने आर्थिक लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाया है". हर पांच साल में होने वाली पार्टी कांग्रेस में उन्होंने यह बात कही.
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उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएन ने खबर दी कि मंगलवार को सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी का हर पांच साल में होने वाला अधिवेश शुरू हुआ. इसके उद्घाटन सत्र में दिए भाषण में किम जोंग उन ने नीतियों की विफलता की बात मानी. केसीएनए ने किम के हवाले से लिखा है कि 2016 में जो लक्ष्य तय किए गए थे, "वे बहुत हद तक किसी भी क्षेत्र में हासिल नहीं किए जा सके हैं." उन्होंने यह भी कहा कि "देश को पीड़ादायक सबकों को दोहराना नहीं चाहिए."
उन्होंने सत्ताधारी पार्टी की "शानदार कामयाबी" का जिक्र भी किया, लेकिन यह भी कहा कि "राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सुधारने के लक्ष्यों को हासिल करने में विलंब हुआ है."
क्या होगा कांग्रेस में
बुधवार को उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने खबर दी कि वर्कर्स पार्टी के अधिवेशन में देश भर के 4750 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं और लगभग दो हजार लोग इसकी कार्यवाही को देख सकते हैं. किम ने कहा कि पार्टी कांग्रेस के दौरान अगले पांच साल के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे. उम्मीद है कि वह देश के नेतृत्व से जुड़े कुछ फैसले भी इस दौरान लेंगे. खास तौर से किम अपनी बहन किम यो जोंग को कोई नई भूमिका दे सकते हैं. इसके अलावा देश के बजट, संगठनों और ऑडिट से जुड़े फैसले भी लिए जाएंगे.
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपनी इस पार्टी कांग्रेस से अमेरिका में राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे जो बाइडेन को संदेश भी देना चाहता है. माना जाता है कि उत्तर कोरिया को लेकर उनका रवैया मौजूदा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से अलग हो सकता है.
किम ने कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में कहा कि देश ने अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने में "चमत्कारिक जीत" हासिल की है. उनका इशारा एक तरफ 2017 में अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के सफल परीक्षणों की तरफ था तो दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मुलाकात भी उनके लिए बड़ी उपलब्धि है.
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कैसा है उत्तर कोरिया का बसाया नया शहर
उत्तर कोरिया ने समजियोन में नया शहर बसाया है जिसे देश का मीडिया 'आधुनिक सभ्यता का सार' बता रहा है. यह शहर उस पवित्र पहाड़ी के निकट बसाया गया है जिसे मौजूदा नेता किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल का जन्मस्थान माना जाता है.
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उद्घाटन
उत्तर कोरिया सरकार ने समजियोन शहर को नए सिरे से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया है. परियोजना पूरी होने पर सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने रिबन काट कर इसका उद्घाटन किया. किम ने इसे 'आधुनिक सभ्यता का सार' कहा है.
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किम जोंग इल का जन्मस्थान
समजियोन टाउनशिप पाएकेतु पहाड़ी के करीब है. उत्तर कोरिया और चीन की सीमा से 15 किलोमीटर दूर स्थित इस जगह को बेहद पवित्र माना जाता है. इसे किम जोंग इल का जन्मस्थान बताया जाता है.
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रिजॉर्ट सिटी
समजियोन को 'समाजवादी व्यवस्था के तहत बना एक आधुनिक पहाड़ी शहर' बताया जा रहा है. उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए के अनुसार यहां पर चार हजार लोग रह सकते हैं. यहां पर अस्पताल, सांस्कृतिक केंद्र और स्की रिजॉर्ट हैं.
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बड़ी पहल
समजियोन के उद्घाटन के मौके पर शानदार आतिशबाजी हुई. किम ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच 'अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने' के लिए जो कई पहल शुरू की हैं, उनमें समजियोन एक बड़ा प्रोजेक्ट है.
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मुश्किलें
सरकारी मीडिया का कहना है कि मुश्किलों के बावजूद यह प्रोजेक्ट एक बड़ी कामयाबी है. निर्माण सामग्री और श्रमिकों की कमी के कारण निर्माण कार्य में विलंब भी हुआ. उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के चलते उस पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं.
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यूथ लेबर ब्रिगेड
निर्माण में विलंब के कारण सरकार ने यूथ लेबर ब्रिगेड को सक्रिय किया. आलोचकों का कहना है कि समजियोन में लोगों से जबरन काम कराया गया है. आरोप है कि लोगों से 10 साल तक बिना वेतन काम कराया गया और इस दौरान पर्याप्त खाना भी नहीं दिया गया.
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आर्थिक चुनौतियां
2016 में जब पिछली बार पार्टी कांग्रेस हुई थी तो यह बीते 40 साल में पहला ऐसा अधिवेशन था. इसने देश की सत्ता पर किम जोंग उन की पकड़ और किम परिवार के उत्तराधिकार के तौर पर उन्हें मजबूत किया.
पिछले साल उत्तर कोरिया ने पिछली पंचवर्षीय योजना को चुपके से खत्म कर दिया क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था हर तरफ से चुनौतियों का सामना कर रही है और पता चला कि लक्ष्यों को हासिल करने में "बहुत विलंब" हो रहा है. 2020 में आए तूफानों और बाढ़ के कारण खेतों, घरों और बुनियाद विकास के ढांचे को बहुत नुकसान हुआ.
स्थिति कोरोना महामारी के कारण और खराब हो गई. सबसे अलग थलग रहने वाला देश दुनिया से और ज्यादा कट गया. उत्तर कोरिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझीदार चीन ने उससे लगने वाली सीमा को बंद कर दिया. इससे 2020 के पहले 11 महीनों में व्यापार में 80 फीसदी की गिरावट आई.
उत्तर कोरिया का यह भी दावा है कि उसके यहां कोविड-19 का एक भी मामला नहीं है. लेकिन विशेषज्ञों को इन दावों पर संदेह है.
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राष्ट्रीय विचारधारा
उत्तर कोरिया अब साम्यवादी राष्ट्र नहीं है. 2009 से इस देश ने नई विचारधारा को अपनाया हुआ है जिसे यहां "जूचे" कहते हैं. इस विचारधारा का प्रस्ताव सबसे पहले किम इल सुंग ने 1955 ने दिया था जिसके अनुसार, "इंसान हर चीज का मालिक है और सब कुछ तय करता है."
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तारीखें
उत्तर कोरिया जूचे कैलेंडर पर चलता है जिसे 1997 में लागू किया गया. यह किम इल सुंग की जन्मतिथि 15 अप्रैल 1912 पर आधारित है. 1912 को पहला जूचे वर्ष माना जाता है. कैलेंडर के महीने पारंपरिक ग्रेगोरियन कैलेंडर जैसे हैं.
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उत्तर कोरिया का स्वर्ग
उत्तर कोरिया एक रूढ़िवादी देश के रूप में मशहूर है. यहां के लोग तानाशाह शासक के अधीन गरीबी और बेबसी के शिकार हैं. हालांकि मैरिजुआना के लती लोगों के लिए यह देश स्वर्ग है. यह कानूनी है और इसे ड्रग्स की श्रेणी में भी नहीं रखा गया है.
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स्टेडियम
मई 1989 को बनकर तैयार हुआ उत्तर कोरिया का रुंगराडो मे डे स्टेडियम देश का गौरव है. यहां डेढ़ लाख लोग समा सकते हैं. स्टेडियम में फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेलों के अलावा सामूहिक जिम्नास्टिक्स और कई कलात्मक उत्सवों का आयोजन होता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है.
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बालों का स्टाइल
सत्ता में आने के एक साल बाद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बालों के स्टाइल के बारे में एक नया कानून लागू किया. पुरुषों के पास केवल 10 विकल्प हैं और महिलाओं के पास 18.
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जन्मदिन मना रहे हो?
उत्तर कोरिया में 8 जुलाई और 17 दिसंबर को पैदा होने वालों को इन तारीखों में अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति नहीं है. कारण यह कि ये दो तारीखें उनके पूर्व शासकों किम इल सुंग और किम जोंग इल की पुण्यतिथियां हैं.
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जीन्स ना पहनें
उत्तर कोरिया अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. उत्तर कोरियाई शासन ने अपने नागरिकों के जीन्स पहनने पर पाबंदी लगा रखी है. इसे अमेरिकी पहनावे के प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
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सबसे ताकतवर
उत्तर कोरिया में सबसे ताकतवर शख्स यानि किम जोंग उन. वह देश के सबसे युवा तानाशाह शासक हैं जिन्हें अत्यंत क्रूर माना जाता है. हालांकि वे अपने हेयरस्टाइल के लिए खासे मशहूर हैं. लेकिन उनके जैसा हेयरस्टाइल बनवाने की किसी और को अनुमति नहीं.