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उत्तर कोरिया की परेड में ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें

२८ जुलाई २०२३

कोरियाई युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर उत्तर कोरिया में हुई सैन्य परेड में ड्रोन और अंतरमहाद्वीपीय परमाणु हथियारों का प्रदर्शन हुआ. इस दौरान रूस और चीन के मंत्री भी मौजूद थे.

ये नए हथियार उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं.
ये नए हथियार उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं.तस्वीर: KCNA/REUTERS

किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के दौरे पर आए रूसी और चीनी अधिकारियों के साथ सैन्य परेड का निरीक्षण किया. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक, इस दौरान ड्रोन और प्योंगयांग की परमाणु-सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रदर्शन हुआ. ये नए हथियार उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हैं.

उत्तर कोरिया ने कोरियाई युद्ध के बाद युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठमनाने के लिए परेड निकाली थी. उत्तर कोरिया इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाता है. इस कार्यक्रम में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और चीनी पोलित ब्यूरो सदस्य ली होंगजॉन्ग भी मौजूद थे. 

दोनों हथियारों को पहली बार दिखाए गए

इस परेड में कई नए हथियारों का प्रदर्शन किया गया. इनमें पानी के नीचे हमला करने वाले ड्रोन और ठोस ईंधन से लैस ह्वासोंग -18 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) शामिल थे. इन दोनों हथियारों को पहली बार प्रदर्शित किया गया था.

उत्तर कोरिया ने कोरियाई युद्ध के बाद युद्धविराम की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक परेड निकाली थी.तस्वीर: KCNA/REUTERS

मीडिया में आई तस्वीरों से पता चलता है गुरुवार देर शाम हुई परेड में प्योंगयांग के किम इल सुंग स्क्वेयर पर ट्रेलरों पर कम से कम चार नए उत्तर कोरियाई सैन्य ड्रोन दिखाए गये, जबकि एक अन्य ड्रोन परेड के ऊपर उड़ान भरता हुआ दिखाई दिया था.

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उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका को परमाणु हथियारों का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी और धमकी दी कि अगर अमेरिका ने देश के खिलाफ सशस्त्र बल तैनात किया तो "अकल्पनीय और अप्रत्याशित संकट" होगा. उत्तर कोरिया के नए हथियारों के परीक्षणों की दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने निंदा की है.

रूस और चीन के साथ संबंध मजबूत 

उत्तर कोरिया के नए हथियारों के परीक्षणों की दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने निंदा की है.तस्वीर: YONHAPNEWS AGENCY/picture alliance

विश्लेषकों का कहना है कि इस परेड का मकसद उत्तर कोरिया में आर्थिक चुनौतियों के बीच किम जोंग उन की सत्ता की वैधता और आंतरिक एकता को बढ़ावा देना है. रूस और चीन के उच्च स्तरीय मेहमानों का शामिल होना इन देशों के साथ संबंध मजबूत होने के प्रतीक हैं.  ऐसा करके उत्तर कोरिया खुद को दुश्मनों से रणनीतिक खतरों से निपटने के लिए तैयार कर रहा है.

नागरिकों को बाहर जाने से रोकने लिए उत्तर कोरिया क्या कर रहा है?

विशेषज्ञ इसे कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास एशियामें एक नए शीत युद्ध के उभार के रूप में भी देख रहे हैं. चीन और रूस उत्तर कोरिया के ऐतिहासिक सहयोगी हैं, और परेड में उनकी उपस्थिति वैश्विक सुरक्षा के लिए उत्तर कोरिया के खतरों को सक्षम करने के बारे में चिंता पैदा करती है. किम ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के लिए समर्थन दिखाया.

पीवाई/एनआर (एएफपी)

उत्तर कोरिया का सच क्या है?

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