किस करने से भी गोनोरिया जैसा यौन रोग हो सकता है. वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद पाया कि ऑस्ट्रेलिया में लोगों को किसिंग से भी गोनोरिया हो रहा है.
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मेलबर्न में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि होंठों के मिलने से भी यौन रोग गोनोरिया हो सकता है. मेलबर्न सेक्सुअल हेल्थसेंटर (MSHC) ने 2,000 से ज्यादा पुरुषों पर किए एक शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला है.
एमएसएचसी की रिसर्च कहती है कि चुंबन के कुछ अनचाहे परिणाम हो सकते हैं जिनमें गोनोरिया जैसा यौन रोग भी शामिल है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 2,000 से ज्यादा लोगों के बीच हुई एक स्टडी में पता चला कि चुंबन के कारण लोगों में गले का गोनोरिया फैल रहा है. शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि बिना प्राइवेट पार्ट्स के संपर्क में आए भी गोनोरिया संक्रमित हो सकता है.
शोधकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर एरिक चाओ ने मीडिया को बताया, "पिछले सौ साल से हम जो मानते आए हैं, इस नतीजे ने वह समझ बदल दी है. पारंपरिक रूप से हम मानते रहे हैं कि गोनोरिया मुख्यता यौनांगों के संपर्क से ही फैलता है. लेकिन नए आंकड़े दिखाते हैं कि गले में भी बहुत सारे संक्रमण हो रहे हैं.”
कैसे हुआ अध्ययन?
इसी साल मार्च में एक अध्ययन के बाद एमएसएचसी ने पाया था कि मेलबर्न के कुछ इलाकों में गोनोरिया के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही थी. यह वृद्धि पिछले एक दशक में हुई थी. शोध ने कहा, "गे, बाइसेक्सुअल और अन्य पुरुषों से यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में गोनोरिया का असर असामान्य रूप से ज्यादा है लेकिन विपरीत लिंगी पार्टनर से संबंध बनाने वालों में भी गोनोरिया में वृद्धि हुई है.”
भारत में 82 प्रतिशत महिलाएं सेक्स के लिए पति को कह सकती हैं ना
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में एक नया सवाल जोड़ा गया - क्या पत्नी पति को सेक्स के लिए ना कह सकती है? जवाबों से निकले आंकड़े भारत में पति-पत्नी के बीच संबंधों को लेकर एक बदलाव की तरफ इशारा कर रहे हैं.
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न कहने का अधिकार
82 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि अगर उनका मन नहीं है वो अपने पति के साथ सेक्स करने से मना कर सकती हैं. उनके सामने मना करने के तीन कारण रखे गए थे - पति को कोई यौन रोग हो, उसके किसी दूसरी महिला के साथ शारीरिक संबंध हों या पत्नी उस समय थकी हुई हो या उसका मूड न हो.
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गोवा में सबसे अच्छी स्थिति
यह स्थिति सभी राज्यों में एक जैसी नहीं है. हर जगह अलग अलग आंकड़े निकल कर आए हैं. गोवा इस मामले में सबसे आगे है, जहां 92 प्रतिशत महिलाएं न कह सकती हैं. 63 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान पर है अरुणाचल प्रदेश.
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पुरुष क्या मानते हैं
राष्ट्रीय स्तर पर औसतन 66 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि इनमें से किसी कारण से पत्नी सेक्स के लिए मना कर सकती है. 19 प्रतिशत पुरुषों को लगता है कि पत्नी के मना करने पर पति को नाराज होने का और उसे डांटने-फटकारने का अधिकार है.
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पत्नी के साथ हिंसा
इसके बावजूद कई लोग अभी भी मानते हैं कि कुछ कारणों से पति का पत्नी को मारना सही है. 44 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिलाएं ऐसा मानती हैं. उन्होंने इसे सात स्थितियों में सही पाया.
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पितृसत्ता
ये सात स्थितियां पितृसत्तात्मक समाज की सबसे रूढ़िवादी निशानियों में से हैं. इनमें शामिल हैं - पत्नी पति को बिना बताए बाहर जाती है, घर या बच्चों को नजरअंदाज करती है, पति से बहस करती है, उसके साथ सेक्स करने से मना करती है, खाना ठीक से नहीं बनाती है, पति उस पर बेवफाई का शक करता है या वो अपने सास-ससुर के प्रति निरादर दिखाती है.
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बढ़ती समस्या
पति द्वारा पत्नी को पीटने को सही ठहराने की प्रवृत्ति महिलाओं में घटी है लेकिन पुरुषों में बढ़ी है. एनएफएचएस के पिछले दौर में (2015-16) ऐसी महिलाओं का प्रतिशत 52 था जो अब गिर कर 45 पर आ गया है, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 42 था जो बढ़ कर 44 पर आ गया है.
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इस शोध में पता चला कि 2010 से 2019 के बीच ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में गोनोरिया पीड़ित महिलाओं की संख्या 291 से बढ़कर 1,673 सालाना हो गई थी. 475 प्रतिशत की यह वृद्धि खतरे की घंटी थी.
रोग की सूचना देने वालों की संख्या और जीनोम सीक्वेंसिंग को मिलाकर जब विश्लेषण किया गया तो पाया कि विपरीतलिंगी यौन संबंध बनाने वाले और समलैंगिक यौन संबंध बनाने वालों में गोनोरिया होने का अंतर तेजी से कम हो रहा था.
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चुंबन का प्रभाव
प्रोफेसर एरिक चाओ बताते हैं कि संक्रमण के संभावित रास्तों की खोज शुरू हुई तो पता चला कि चुंबन एक बड़ा कारक है जिससे गले का गोनोरिया हो रहा था. वह बताते हैं कि अक्सर गले के गोनोरिया के कोई लक्षण नहीं होते इसलिए इसका एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण हो जाना आसान है क्योंकि इसका पता ही नहीं चलता.
प्रोफेसर चाओ कहते हैं, "जब यौनांगों में संक्रमण होता है तब लक्षण ज्यादा स्पष्ट होते हैं जैसे कि सूजन, खुजली या रक्त बहना आदि.”
सर्वे: सेक्स के तुरंत बाद 40% अमेरिकी मोबाइल चेक करते हैं
मोबाइल को लेकर अमेरिका में किए गए सर्वे से पता चला है कि लोग किस तरह किसी भी पल मोबाइल से दूर नहीं होना चाहते हैं. वे सेक्स के तुरंत बाद भी मोबाइल चेक करते हैं.
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सेक्स और सेलफोन
आश्चर्यजनक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 40 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क सेक्स करने के तुरंत बाद अपने सेलफोन चेक करते हैं. सर्वे में शामिल तीन में से एक ने कहा कि फोन के नोटिफिकेशन की वजह से उनका ध्यान भटक गया.
तस्वीर: picture-alliance/C. Ehlers
बोर हुए तो फोन निकालो!
जरूरी आयोजनों में भले ही फोन के इस्तेमाल को असभ्य माना जाए लेकिन वास्तव में, शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिकांश उत्तरदाताओं ने शादी समारोहों, अंतिम संस्कार और यहां तक कि दफ्तर की बैठकों के दौरान अपने स्मार्टफोन को स्क्रॉल करना कबूल किया.
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सर्वे में शामिल 1100 अमेरिकी
सॉल्टिएरेड द्वारा किए गए लगभग 1,100 अमेरिकी वयस्कों के सर्वेक्षण में पाया गया कि जब बोरियत की बात आती है, तो स्मार्टफोन, ऐप और मोबाइल गेम लोगों को इससे छुटकारा दिलाते हैं. लोग एक ही समय में मनोरंजन के दूसरे रूप का आनंद भी लेते हैं.
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मनोरंजन भी और फोन भी
99 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे टेलीविजन देखते समय अपने सेल फोन का इस्तेमाल करते हैं. अन्य 78 प्रतिशत का कहना है कि वे कंसर्ट का आनंद लेते हुए अपने ऐप्स भी ब्राउज करते हैं.
सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 90 प्रतिशत लोग टॉयलेट में भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. सर्वे के मुताबिक 90 में से 53 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कि टॉयलेट में तब तक फोन का उपयोग करते हैं, जब तक कि उनके पैर सुन्न नहीं हो जाते.
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सोने से पहले, जागने के बाद
सर्वे में पाया गया कि 86 फीसदी लोग रात को सोने से पहले और 82 प्रतिशत लोग उठने के बाद अपना फोन चेक करते हैं.
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अपनी आदत पर करिए चिंता!
सॉल्टिएरेड टीम एक बयान में लिखती हैं, "अगर आप अपने इंस्टाग्राम फीड को देखते हुए खुद को व्यस्त सड़क पर चलते हुए पाते हैं, तो शायद यह आपकी आदतों पर विचार करने का समय है."
चाओ कहते हैं कि समलैंगिक या बाइसेक्सुअल पुरुष या अन्य पुरुषों से यौन संबंध बनाने वालों में गोनोरिया होने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया लेकिन विपरीतलिंग से यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों और स्त्रियों में भी गोनोरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
चाओ कहते हैं, "पूरे देश में ये मामले बढ़ रहे हैं. यह चिंता की बात है क्योंकि हम जानते हैं कि गोनोरिया पर एंटीबायोटिक असर नहीं करती. इसलिए इस संक्रमण को ठीक करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है. संक्रमण कैसे फैल रहा है इसकी बेहतर समझ की जरूरत है ताकि सोच सकें कि आगे क्या करना चाहिए और किस तरह की खोज इस संक्रमण को रोकने में कारगर हो सकती है.”
प्रोफेसर चाओ कहते हैं कि एक से ज्यादा लोगों से यौन संबंध बनाने वाले हर व्यक्ति को नियमित रूप से यौन रोगों की जांच करानी चाहिए.