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समाज

मंदिर में किसिंग सीन, नेटफ्लिक्स मैनेजमेंट के खिलाफ मामला

आमिर अंसारी
२३ नवम्बर २०२०

वेब सीरीज "ए सूटेबल बॉय" के एक किसिंग सीन को लेकर भारत में काफी हंगामा हो रहा है. सीरीज के सीन पर एक विशेष धर्म की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है.

Screenshot Netflix-Serie A Suitable Boy
तस्वीर: netflix.com

"ए सूटेबल बॉय" के एक सीन को लेकर विवाद छिड़ गया है. यह सीन एक मंदिर में फिल्माया गया है और इसको लेकर बीजेपी के एक नेता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. विक्रम सेठ के उपन्यास पर मीरा नायर नायर ने वेब सीरीज "ए सूटेबल बॉय" बनाई है. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया है कि वेब सीरीज में हिंदू भावनाओं को आहत किया गया है. इस सीन में एक मंदिर में दो किरदारों के बीच किसिंग दिखा गया है और मंदिर परिसर में लोग पूजा-पाठ के लिए आते-जाते दिख रहे हैं.

इसकी शूटिंग मध्य प्रदेश के महेश्वर घाट पर हुई है. ऐसा कहा जाता है कि महेश्वर घाट को रानी अहिल्याबाई होल्कर ने शिवभक्तों को समर्पित किया था. सीरीज में अंतर-जातीय रिश्तों को दिखाया गया है. बीजेपी नेता का आरोप है कि इसमें "लव जिहाद" को बढ़ावा दिया गया है.

बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता की शिकायत के बाद रविवार को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि "ओटीटी मीडिया प्लेटफॉर्म पर ए सूटेबल बॉय में बेहद आपत्तिजनक दृश्य फिल्माए गए हैं." उन्होंने आगे कहा, "ये भावनाओं को आहत करता है." साथ ही उन्होंने पुलिस को जांच के आदेश दिए थे.

सोमवार को मिश्रा ने बताया कि धार्मिक भावनाएं आहत होने की जांच में आरोप सही पाए गए हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, "वेब सीरीज ए सूटेबल बॉय के आपत्तिजनक दृश्यों से धर्म विशेष की भावनाएं आहत होने का कानूनी परीक्षण करने के निर्देश गृह और विधि विभाग के अधिकारियों को दिए थे. परीक्षण में भावनाएं आहत होने का आरोप सही पाया गया है."

दूसरी ओर पुलिस से शिकायत के बाद नेटफ्लिक्स के मैनेजमेंट से जुड़ीं मोनिका शेरगिल और अंबिका खुराना के खिलाफ रीवा के सिविल लाइंस थाने में धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुंचाने) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

वेब सीरीज के विवाद पर रॉयटर्स द्वारा पूछे गए सवाल पर नेटफ्लिक्स के प्रवक्ता ने टिप्पणी नहीं की है. मीरा नायर ने भी विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सोशल मीडिया पर अलग-अलग मुद्दों पर अपनी राय रखने वाले टीकाकारों का कहना है कि भारत में क्रिएटिविटी की आजादी सीमित होती जा रही है, खासकर तब जब हिंदू-मुस्लिम संबंधों का चित्रण शामिल होता है.

पिछले महीने टाटा समूह की एक आभूषण कंपनी को अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा था. इस विज्ञापन में हिंदू-मुस्लिम परिवार को गोद भराई की रसम करते दिखाया गया था. सोशल मीडिया पर इस आभूषण कंपनी के खिलाफ हैशटैग चलाए गए थे और विज्ञापन वापस लेने को कहा गया था. विज्ञापन में एक मुस्लिम परिवार को अपनी हिन्दू बहू के लिए गोद-भराई की रसम करते हुए दिखाया गया था.

इसी महीने की शुरुआत में सरकार ने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स जिनमें नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, वॉल्ट डिजनी हॉटस्टार शामिल हैं, सामग्री नियमित करने के नियमों का ऐलान किया था. ऐसे में समाचार वेबसाइटें और मनोरंजन के कार्यक्रम प्रसारित करने वाली नेटफ्लिक्स जैसी सेवाओं के लिए अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय दिशा निर्देश जारी करेगा जो वेबसाइटों को मानने होंगे.

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