टूटते यूक्रेन पर हमला, रूस पर हमला माना जाएगा: रूस
३० सितम्बर २०२२
जनमत संग्रह में यूक्रेन से अलग होने का फैसला कर चुके चार प्रांतों को रूस अपना हिस्सा बनाना चाहता है. पश्चिमी देशों की आलोचना को खारिज करते हुए रूस का कहना है कि तोड़े गए इलाकों पर हमला रूस पर हमला माना जाएगा.
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार प्रांतों को अवैध तरीके से अलग करने का एलान कर दिया है. यूक्रेन युद्ध के सात महीने बाद शुक्रवार को पुतिन ने कहा कि ये चारों इलाके "रूस के चार नये प्रांत हैं." 2014 में अवैध तरीके से यूक्रेन से अलग किए गए क्रीमिया को जोड़ने वाला जमीनी गलियारा इन्हीं चार प्रांतों से होकर गुजरता है.
पुतिन के एलान के बाद रूस समर्थक विद्रोहियों का गढ़ कहे जाने वाले डोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिझिया को अलग करने की प्रक्रिया रूस ने शुरू कर दी. बंदूकों के साये में हुए पांच दिन के जनमत संग्रह के नतीजों का हवाला देते हुए रूस का कहना है कि इन यूक्रेनी इलाकों ने अपने भविष्य का फैसला कर लिया है.
मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमिलन के प्रवक्ता दिमित्री पेशकोव से जब यह पूछा गया कि इन इलाकों पर हमले को रूस पर हमले की तरह देखा जाएगा? पेशकोव ने इसका जवाब देते हुए कहा, "इसके अलावा और कुछ नहीं माना जाएगा."
रूस का कहना है कि वह अभी यूक्रेन के और बड़े हिस्से को तोड़ेगा. पेशकोव ने कहा कि रूस पूरे डोनबास इलाके के लिए लड़ेगा, "उसे आजाद कराना होगा."
फरवरी 2022 में रूस के हमले से पहले पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क इलाके की आबादी करीब 60 लाख थी. इन दोनों इलाकों को मिलाकर जो पूरा क्षेत्र बनता है, उसे डोनबास कहा जाता है. 2014 में यूक्रेनी सेना और डोनबास के रूस समर्थक विद्रोहियों की हिंसक झड़प शुरू हुई. तब से लगातार वहां तनाव है. सशस्त्र संघर्ष से पहले यह इलाका यूक्रेनी अर्थव्यवस्था की जान था. बड़े पैमाने पर कोयला खनन के साथ साथ वहां भारी उद्योग भी थे.
कभी मान्यता नहीं देंगे
यूक्रेन और पश्चिमी देशों का आरोप है कि रूस अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ रहा है. रूस पर एक देश की सीमा का उल्लंघन करने और उसकी संप्रभुता व अखंडता का अपमान करने के आरोप लग रहे हैं. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने कहा है कि वे यूक्रेन से तोड़कर रूस में मिलाये जा रहे इलाकों को कभी रूसी सीमा के तौर पर मान्यता नहीं देंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेष ने भी रूस की कड़ी आलोचना करते हुए अलगाव की प्रक्रिया को "एक खतरनाक भड़काऊ कदम" करार दिया. गुटेरेष ने कहा कि ऐसी कार्रवाई के लिए "आधुनिक विश्व में कोई स्थान नहीं है."
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को ही साफ कर दिया है कि अमेरिका, कभी भी यूक्रेन के संप्रभु हिस्से पर रूसी दावे को मान्यता नहीं देगा. जर्मनी के चासंलर ओलाफ शॉल्त्स और विदेश मंत्री आनालेना बेयरबॉक ने भी रूस की कड़ी आलोचना की है.
रूस के एलान के बाद यह साफ हो चुका है कि यूक्रेन संकट को अब बातचीत के जरिये खत्म करने के रास्ते सिकुड़ते जा रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु हमले की धमकी के बीच पश्चिम के रक्षा विशेषज्ञ रूस को नये तरीकों से झुकाने की तैयारियां कर रहे हैं.
ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स, डीपीए)
यूक्रेन में छह महीने के रूसी युद्ध की कीमत
यूक्रेन पर रूस के हमले में दसियों हजार लोगों की जान चली गई, लाखों लोग विस्थापित हुए और दुनिया भर में आर्थिक मुश्किलें बढ़ीं. छह महीने के युद्ध में इसका क्या असर हुआ वो यहां देखिये.
दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी से अब तक 5,587 आम लोगों की मौत हुई और 7,890 लोग घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त का कहना है कि असल संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है. ज्यादातर आम लोग टैंक, मिसाइल और हवाई हमलों मे मारे गए हैं.
तस्वीर: Alexander Ermochenko/REUTERS
सैनिकों की मौत
22 अगस्त तक इस जंग में यूक्रेन के 9,000 सैनिकों ने जान गंवाई है. यूक्रेन ने पहली बार अपने सैनिकों की मौत के बारे में जानकारी दी है. रूस ने भी अपने सैनिकों की मौत की जानकारी नहीं दी है लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने 15,000 रूसी सैनिकों के मारे जाने और इसकी तीन गुना संख्या घायलों की बताई है. इतने ही सैनिक अफगानिस्तान पर रूसी कब्जे के दौरान मारे गए थे.
तस्वीर: Orlando BarrÌa/Agencia EFE/IMAGO
जंग की मुसीबतें
करीब 4.1 करोड़ की आबादी वाले यूक्रेन की एक तिहाई जनता विस्थापित हो गई है. 66 लाख से ज्यादा लोग यूरोप के बाहर गये हैं और लगभग इतने ही देश के भीतर भटक रहे. सबसे ज्यादा लोगों ने पोलैंड का रुख किया है और उसके बाद आता है जर्मनी. छह महीने से अपने घर और परिवार से दूर ये लोग कई तरह की परेशानियां झेल रहे हैं.
तस्वीर: Maksim Blinov/SNA/IMAGO
रूस का खर्च
यह जंग रूस के लिये भी काफी खर्चीली है. सैन्य खर्च के अलावा पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का रूस को काफी नुकसान हुआ है. रूसी सेंट्रल बैंक ने 2022 में अर्थव्यवस्था के 4-6 फीसदी सिकु़ड़ने का अनुमान लगाया है. ज्यादातर रूसी ओलिगार्क प्रतिबंधित हैं और माइक्रोचिप के साथ ही कई और चीजों का संकट है. पिछले महीने रूस ने अपने फॉरेन बॉन्ड पर डिफॉल्ट किया.
तस्वीर: Vitalii Hnidyi/REUTERS
ऊंची कीमतें
हमला और पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उर्वरक, गेहूं, धातु और ऊर्जा की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं. इसकी वजह से भोजन का संकट और महंगाई दोनों बढ़े हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था मुसीबत में है. रूस तेल का दूसरा और प्राकृतिक गैस, गेहूं, नाइट्रोजन उर्वरक और पैलेडियम का सबसे बड़ा निर्यातक है. अगर यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई तो यूरोप की अर्थव्यवस्था मंदी में चली जायेगी.
तस्वीर: ZDF
अर्थव्यस्था का विकास
इस साल दुनिया की अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान घटते घटते 3.2 फीसदी पर आ गया है. बीते साल महामारी के दौर में भी 6.1 फीसदी की दर से विकास हुआ. अगर यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई पूरी तरह बंद और दुनिया को तेल का निर्यात 30 फीसदी घट गया तो विकास 2022 में 2.6 फीसदी और 2023 में 2 फीसदी पर चला जायेगा.
तस्वीर: Allie Joseph/New York Stock Exchange/AP Photo/picture alliance
यूक्रेन का नुकसान
मानवीय संकट के अलावा यूक्रेन ने 2014 में क्रीमिया के अलग होने से लेकर अब तक अपनी 22 फीसदी जमीन रूस के हाथों गंवाई है. उसके हाथों से समुद्र तटीय इलाके निकल गये हैं और कई शहर कचरे और मलबे के ढेर में तब्दील हो गये हैं. यूक्रेन की अर्थव्यस्था 2022 में 45 फीसदी सिकुड़ जायेगी. यूक्रेनी प्रधानमंत्री ने अनुमान लगाया है कि यूक्रेन के पुनर्निर्माण पर 750 अरब डॉलर का खर्च आएगा.
अमेरिका ने 24 फरवरी से अब तक यूक्रेन को 9.1 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता दी है. इनमें स्टिंगर एयर क्राफ्ट सिस्टम, जावेलिन एंटी आर्मर सिस्टम, होवित्जर टैंक के अलावा केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर सुरक्षा उपकरण शामिल हैं. ब्रिटेन ने 2.3 अरब पाउंड जबकि यूरोपीय संघ ने 2.5 अरब यूरो की सुरक्षा सहायता यूक्रेन को दी है.
तस्वीर: State Service for Export Control of Ukraine