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समाजयूरोप

क्रोएशिया को बाहर से बुलाने पड़ रहे हैं हजारों काम करने वाले

१५ जून २०२२

गर्मियों के मौसम में विदेशों से लोग छुट्टियां मनाने क्रोएशिया पहुंचते हैं. एक तरफ टूरिस्ट की भीड़ औसत से कुछ ज्यादा उमड़ रही है, वहीं उनकी मेजबानी करने वाले नदारद हैं. ऐसे में काम करने वाले भी विदेश से ही लाए जा रहे हैं.

Croatia, Adria Strand - Crowds of people, including foreign tourists, enjoy the sun and the sea on August 21, 2020
क्रोएशिया के एक खूबसूरत समुद्र तट पर विदेशी पर्यटकों की भीड़ (अगस्त, 2020)तस्वीर: Damir Sencar/AFP/Getty Images

अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर यूरोपीय देश क्रोएशिया की अर्थव्यवस्था का पांचवा हिस्सा उसके टूरिज्म सेक्टर से आता है. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सीजन खराब रहने के बाद इस साल गर्मियों में पर्यटकों की भीड़ लौटने लगी है. समस्या यह है कि बीते दो सालों में इस सेक्टर में काम करने वाले बहुत से लोग निकल गए और अब अचानक उनकी कमी पूरी करना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है.

यही वजह है कि क्रोएशिया अपने टूरिज्म सेक्टर में लोगों की कमी पूरी करने के लिए बाहर के देशों से जल्द से जल्द नई भर्तियां करना चाह रहा है. पहली कोशिश तो पड़ोसी बालकान देशों से काम करने वालों को लाने की हो रही है लेकिन जल्दी में होने के कारण सुदूर एशियाई देशों तक से लोगों को भर्ती करने की जुगत लगाई जा रही है.

पर्यटन सेक्टर में कर्मचारियों की कितनी कमी

ऐसा नहीं कि टूरिज्म सेक्टर में काम करने वालों की कमी केवल क्रोएशिया जैसे देश में है. असल में पर्यटकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय यूरोपीय ठिकाने - फ्रांस, स्पेन और ग्रीस - भी इसे झेल रहे हैं. जब से कोविड से जुड़ी पाबंदियों में ढील आनी शुरू हुई, तबसे ही इस परेशानी की भी शुरुआत हुई.

बहुत सुंदर समुद्री किनारों वाले 1,000 से भी ज्यादा द्वीपों वाले क्रोएशिया के लिए यह समस्या और विकराल हो जाती है क्योंकि यहां पहले से ही लोगों की कमी थी. सरकारी अनुमानों की मानें तो यहां के पर्यटन उद्योग में इस साल करीब 10,000 कर्मचारियों की कमी है.

क्रोएशिया के रोविंज में एक रेस्तरां के मालिक स्टानिसलाव ब्रिस्कोस्की के शब्दों में "हालत खराब है." क्रोएशिया में पर्यटकों के भारी संख्या में लौटने को आंकड़ों से समझा जा सकता है. इस साल के पहले पांच महीनों में ही यहां 30 लाख पर्यटक पहुंचे. पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में यह तीन गुनी संख्या है. यूरोप में गर्मियों का चरम तो जुलाई और अगस्त के महीनों में दिखता है, इसलिए अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि तब कैसे हालात बनेंगे.

कैसे पहुंचे इस हाल में

इस देश की अपनी आबादी करीब 38 लाख है. कोरोना के पहले साल 2019 में दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए थे. क्रोएश टूरिज्म एसोसिएशन के प्रमुख वेलिको ओस्टोइक इस साल के हालात पर कहते हैं, "घूमने जाने की इच्छा बहुत बढ़ गई है... पर्यटक तो आएंगे." ओस्टोइक का मानना है कि इस साल 2019 वाला रिकॉर्ड टूट सकता है, बशर्ते यूक्रेन में जारी युद्ध और ना बढ़े.

क्रोएशिया 2013 में यूरोपीय संघ में जुड़ा था. तबसे 250,000 से भी अधिक क्रोएट्स यानि क्रोएशियावासियों ने अपना देश छोड़ कर बेहतर जीवन की तलाश में जर्मनी, ऑस्ट्रिया या आयरलैंड जैसे देशों का रुख कर लिया. हाल के सालों में लगे कोरोना लॉकडाउन के कारण केटरिंग या टूरिज्म सेक्टर में काम करने वाले जो लोग यहां बचे थे, उन्होंने भी दूसरी नौकरियां कर लीं. अब हालत यह है कि टूरिज्म सेक्टर के वापस खुलने पर भी वे सारे कर्मचारी वापस नहीं लौट रहे क्योंकि उन नौकरियों में उनकी कमाई और काम के घंटे कहीं बेहतर हैं.

विदेशियों को लाने की कवायद

पिछले साल क्रोएशिया ने विदेशी कर्मचारियों के लिए तय अधिकतम कोटा बढ़ाया था. इसके कारण यूरोपीय संघ से बाहर के बालकान देशों और यहां तक की एशिया तक के लोगों के लिए काफी रास्ते खुल गए. इस साल जून तक देश में 51,000 से अधिक वर्क परमिट विदेशी नागरिकों को दिए जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर निर्माण क्षेत्र में मिले और उसके बाद केटरिंग और टूरिज्म सेक्टर में. एक साल पहले से तुलना करें तो यह संख्या लगभग दोगुनी है. अनुमान है कि 2022 के अंत तक 100,000 परमिट जारी किए जाएंगे.

ऐसे ही परमिट पर क्रोएशिया में काम करने वाले फिलिपीनी बागवान जेम्स पेपीतो कहते हैं कि "यहां, यूरोप में काम करने का, यह जीवन में एक ही बार आने वाला मौका है." 32 साल के पेपीतो करीब दो साल पहले क्रोएशिया पहुंचे थे. इसके पहले वह ओमान और कतर में काम कर चुके थे. आगे भी कुछ साल क्रोएशिया में रहने की इच्छा रखने वाले पेपीतो कहते हैं कि यहां की अच्छी सैलरी, बढ़िया मौसम और शानदार सहकर्मियों के कारण उनका अनुभव काफी बढ़िया रहा है.

नौकरी पर रखने के लिए लुभाना भी होगा

पेपीतो को यहां नौकरी दिलाने वाली पिनोय 385 नाम की रोजगार एजेंसी अब तक फिलीपींस के 1,700 और लोगों को काम दिलवा चुकी है. इस साल के अंत कर वह 500 और लोगों को सफाईकर्मी, वेटर, बेकर और असिस्टेंट कुक का काम दिलवाने की प्रक्रिया में है. एजेंसी के मालिक श्टेपान जागोडिन का कहना है कि "वर्करों की कमी कोई ताजा समस्या नहीं बल्कि एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है और उसके हिसाब से रोजगार का इंतजाम करना होगा."

पर्यटन सेक्टर के जानकार इस ओर भी ध्यान दिलाते हैं कि विदेशियों के अलावा स्थानीय लोगों को भी पर्यटन सेक्टर में लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए. इस समय सरकारी वोकेशनल स्कूलों में पहले से कहीं कम स्थानीय युवा इसकी ट्रेनिंग कर रहे हैं.

विश्व के कई और देशों की तरह क्रोएशिया में भी ऐसा देखने को मिला कि लोगों ने महामारी के दौरान अपनी नौकरियों को बहुत ध्यान से देखा परखा और कमाई या काम करने के हालात अपने लिए सही ना लगने पर उन्हें छोड़ कर कुछ और करने लगे. ऐसे में रोजगार देने वालों पर भी जिम्मेदारी आ गई है कि वे आज के समय की मांग के हिसाब से अपने कर्मचारियों को बढ़िया पैसों के साथ साथ काम का अच्छा माहौल देना सुनिश्चित करें.

आरपी/एके (एएफपी)

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