चुनावों में पिछड़ते सुनक का दांव, सैन्य सेवा करेंगे अनिवार्य
२६ मई २०२४ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि अगर वह आगामी चुनावों में जीतते हैं, तो 18 साल के युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य बना देंगे. इस अनिवार्य सेवा के लिए युवाओं को दो विकल्प दिए जाएंगे. या तो वे एक साल तक हर महीने एक वीकेंड वॉलंटियर के तौर पर गुजारें या फिर 30 हजार खाली पदों पर भर्ती होकर एक साल सेना में गुजारें.
इससे पहले लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने कहा था कि वह 16 और 17 साल की उम्र के किशोर-किशोरियों को भी मतदान का अधिकार देने के पक्ष में हैं. पिछले बुधवार ऋषि सुनक ने अचानक चुनावों की घोषणा कर दी थी. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ओपिनियन पोल में बड़े अंतर से पीछे चल रही है.
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टैक्स पर कड़ाई करके होगा पैसों का प्रबंध
सुनक ने अपने हालिया बयान में कहा, "आज ब्रिटेन ऐसे भविष्य का सामना कर रहा है, जो ज्यादा खतरनाक और बंटा हुआ है. इसमें कोई शक नहीं कि हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर खतरा है. इसलिए हमें 18 साल के युवाओं के लिए राष्ट्रीय सेवा के एक निडर नए मॉडल को सामने रखना होगा."
कंजर्वेटिव पार्टी ने कहा है कि इस नई व्यवस्था में खर्च टैक्स बचाने वालों और इससे बच निकलने वालों पर कार्रवाई करके निकाला जाएगा. साथ ही, इसके खर्च के लिए यूके शेयर्ड प्रॉस्पैरिटी फंड का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसे आर्थिक असमानता खत्म कम करने के मकसद से बनाया गया था.
सेना में न जाने पर नहीं होगी कार्रवाई
गृहमंत्री जेम्स क्लैवरली ने प्रसारकों से कहा कि अनिवार्य सेवा को न चुनने वाले युवाओं पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी. फिर भी लोगों के लिए इसे चुनना अनिवार्य होगा. हालांकि, उन्होंने योजना के बारे में इससे ज्यादा कोई जानकारी नहीं दी.
बीबीसी ने क्लैवरली से पूछा भी कि क्या लोगों को अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए भेजना कंजर्वेटिव पार्टी की उदारवादी परंपरा के खिलाफ नहीं होगा? इस पर क्लैवरली ने कहा, "हम हमेशा दबाव बनाकर लोगों से चीजें कराते रहे हैं." क्लैवरली ने ब्रिटेन में 18 साल के किशोर-किशोरियों के लिए अनिवार्य शिक्षा को इसकी एक मिसाल बताया.
लेबर पार्टी के नेताओं ने ऋषि सुनक की घोषणा का मजाक उड़ाया है. ग्रेटर मैनचेस्टर के मेयर एंडी बर्नहैम ने कहा है, "हमें अपने युवाओं से यही राष्ट्रीय सेवा चाहिए कि वे 4 जुलाई को बदलाव के लिए वोट करें."
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सत्ता-विरोधी लहर बनी चुनौती
ब्रिटेन में बीते 14 वर्षों से कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार है. इस दौरान पांच कंजर्वेटिव नेता प्रधानमंत्री बन चुके हैं- डेविड कैमरून, थेरेसा मे, बोरिस जॉनसन, लिज ट्रस और ऋषि सुनक. इनमें बोरिस जॉनसन और लिज ट्रस का कार्यकाल बहुत ज्यादा विवादों से घिर रहा.
फिर इतने लंबे दौर तक सत्ता में रहने की वजह से ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ इस बार सत्ता-विरोधी लहर चल रही है. साथ ही, कोरोना के बाद से ही अर्थव्यवस्था की हालत कई मोर्चों पर अच्छी नहीं है. ऐसे में कंजर्वेटिव पार्टी को एक बार फिर जीत दिला पाना ऋषि सुनक के लिए आसान नहीं होगा.
एडी/वीएस (रॉयटर्स)