जर्मनी में आ रही है मोटापा घटाने वाली दवाई
२५ जुलाई २०२३डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादा वजन से परेशान सैकड़ों लोगों ने उनसे कहा है कि वह यह दवाई लेना चाहते हैं, यहां तक कि वो लोग भी जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है. 90 फीसदी लोग सरकारी इंश्योरेंस कवर लेते हैं. यह इंश्योरेंस इस दवा की कीमत चुकाने को तैयार नहीं है. इसका मतलब यह है कि जिन लोगों के पास प्राइवेट बीमा नहीं है, उन्हें खुद कीमत चुकानी होगी. लोग इसके लिए तैयार भी हैं जो शुरूआत में 190 डॉलर प्रति माह होगी लेकिन लंबी अवधि में यह 300 डॉलर से थोड़ी ज्यादा पड़ेगी. जिनके पास निजी बीमा कंपनियों का कवर है, उनके लिए भी कुछ नियम-शर्ते होंगी जिसके तहत इसे लिया जा सकेगा. नॉर्वे और डेनमार्क के बाद जर्मनी तीसरा यूरोपीय बाजार है जहां नोवो यह दवा उतार रही है.
आखिरी उम्मीद
41 साल की जेसिका लेंथ ने डायटिंग और कसरत की तमाम कोशिशें कर के देख लीं लेकिन मनचाहे नतीजे नहीं मिले. हैम्बर्ग की रहने वाली जेसिका ने वीगोवी खरीदने के लिए पैसे जमा करने भी शुरू कर दिए हैं. उनके लिए यह मोटापे से निजात पाने की राह मिलने जैसा है. उन्होंने कहा, "यह एक आखिरी उम्मीद से चिपकने जैसा है. मुझे अभी इसकी कीमत का पता चला. इसे खरीदने से पहले, मैं फिलहाल कुछ पैसे बचाउंगी." जर्मनी में इस दवा के लिए उसी तरह के इंजेक्शन का इस्तेमाल होगा जैसा नॉर्वे और डेनमार्क में होता है. जर्मनी में 18.5 फीसदी वयस्कों में मोटापे की समस्या है. यह पूरे यूरोपियन यूनियन के औसत यानी 16 फीसदी से ज्यादा है.
मोटापा ठीक करने के लिए टीके जितनी असरदार गोली
जर्मनी में 10 फीसदी लोगों के पास निजी कंपनियों का बीमा है. इन कंपनियों में से कुछ ने साफ किया है कि वह इसकी कीमत चुकाएंगी मगर कुछ शर्तों के साथ जैसे आलियांज ने कहा है कि वह तैयार है अगर डॉक्टर सेहत को देखते हुए इसे लेने की सलाह देते हैं लेकिन डिबेका अपने बीमा प्लान में वजन घटाने से जुड़ी इलाज शामिल नहीं करती है. इसके बावजूद ज्यादातर डॉक्टरों और मरीजों ने वीगोवी के बाजार में आने का स्वागत किया है. फ्रैंकफर्ट के पास ओबेसिटी क्लिनिक चलाने वाली डॉक्टर सिल्विया वीनर ने कहा, "हम वाकई वीगोगी का इंतजार कर रहे हैं. जर्मनी में लोग इतने उतावले हो रहे हैं कि वह अपनी जेब से पैसे देने को तैयार हैं."
सेहत पर असर
खान-पान और कसरत के साथ इस्तेमाल किए जाने पर वीगोवी ने अच्छे नतीजे दिखाए हैं. इसकी वजह से करीब 15 फीसदी लोगों में वजन घटा. हालांकि क्लिनिकल डाटा यह भी दिखाता है कि इस दवा को बंद करने के बाद लोगों का वजन फिर से बढ़ गया. रॉयटर्स ने पिछले हफ्ते यह छापा था कि अमेरिका में लोगों ने एक साल के अंदर ही दवा लेना बंद कर दिया.
महामारी बनता जा रहा है मोटापा, हर साल 50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत
कोलोन के एक अस्पताल में ओबेसिटी विशेषज्ञ डॉक्टर कार्ल राइनवॉल्ट का मानना है कि जर्मनी में कीमत इसकी पहुंच को कम कर सकती है. हालांकि ज्यादा वजन वाले लोगों का इलाज करने वाले म्यूनिख के डॉक्टर थोमस होरबाख बताते हैं कि उनके कुछ मरीज जो मोटापे का शिकार हैं लेकिन डायबिटीज का नहीं, वो पहले से ही नोवो की ओजेंपिक नाम की दवा की कीमत चुकाते हैं. इसकी कीमत वीगोवी से कम है. होरबाख को उम्मीद है कि लोग इसके लिए भी अपनी जेब हल्की करने को तैयार होंगे.
एसबी/एनआर (डीपीए)