कच्चे माल के लिए हमारी भूख की कीमत दुनियाभर में हमारा पर्यावरण चुका रहा है. भारत में ओडिशा की पत्थर की खदानों से जर्मनी में कोयले की खदानों तक धरती को बहुत नुकसान पहुंचा है. एक बार खनन हो जाए, तो उसके बाद इन इलाकों का क्या होता है? बर्लिन के पास स्थित एक पुराना औद्योगिक केंद्र बदलाव की उम्मीद जगा रहा है.