ले पेन ने यूरो विरोध में की कमी
२ मई २०१७ले पेन से क्यों सब खौफ खाते हैं?
फ्रांस में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव में धुर दक्षिणपंथी नेता मारी ले पेन मध्यमार्गी माक्रों से भिड़ेंगी. पहले चरण में वह दूसरे नंबर पर रहीं तो बड़े नेताओं ने राहत की सांस ली. जैसे सब उन्हें रोकना चाहते हैं. पर क्यों?
ले पेन से क्यों सब खौफ खाते हैं?
फ्रांस में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव में धुर दक्षिणपंथी नेता मारी ले पेन मध्यमार्गी माक्रों से भिड़ेंगी. पहले चरण में वह दूसरे नंबर पर रहीं तो बड़े नेताओं ने राहत की सांस ली. जैसे सब उन्हें रोकना चाहते हैं. पर क्यों?
दक्षिणपंथ का चेहरा
नेशनल फ्रंट की नेता ले पेन फ्रांस में दक्षिणपंथी राजनीति का चेहरा हैं. जब उनके पिता नेशनल फ्रंट के नेता थे तो पार्टी तीस लाख प्रवासियों को वापस भेजना चाहती थी, यहूदी नरसंहार को नकारती थी और विदेशी लोगों को नापसंद करती थीं. ले पेन ने नेतृत्व संभाने के बाद इन विवादित मुद्दों से खुद को अलग कर लिया.
गैरकानूनी प्रवासियों पर सख्त
इन कदमों से उनकी लोकप्रियता तो बढ़ी लेकिन मतदाताओं के एक बड़े तबके के लिए वह अब भी अस्वीकार्य हैं. गैर कानूनी प्रवासियों के मुद्दे पर उनका रुख बहुत सख्त हैं. उनकी राय में, "ऐसे लोगों को फ्रांस में रहने का कोई हक नहीं है."
इस्लामी चरमपंथ
13 नवंबर 2015 के पेरिस हमले से पहले ही ले पेन ने प्रवासियों को कट्टरपंथी इस्लाम से जोड़ दिया था. वह नफरत भरे भाषण देने वाले लोगों को तुरंत देश से बाहर करने के हक में हैं. वह ऐसे लोगों से फ्रांस की दोहरी नागरिकता तक छीन लेने की बात करती हैं.
संरक्षणवादी
वह अपने आपको कामगार तबके की बड़ी हितैषी के तौर पर पेश करती हैं और उसमें से एक बड़े हिस्से का समर्थन हासिल करने में कामयाब भी रही हैं. वह "बहुसंस्कृतिवाद" और पॉलिटिकली करेक्ट उदारवाद को एक खतरा समझती हैं.
सबसे पहले फ्रांस
वह सिर्फ फ्रांस और उसके लोगों के बारे में सोचने की बात करती हैं. नेशनल फ्रंट के घोषणापत्र के मुताबिक नौकरी, कल्याणकारी योजनाएं, घर, स्कूल और अन्य किसी भी सुविधा पर विदेशियों से पहले फ्रांस के लोगों का हक है.
ईयू विरोधी
ले पेन का वादा है कि अगर उन्हें राष्ट्रपति चुना जाता है तो वह साझा मुद्रा यूरो की जगह वापस फ्रैंक को लेकर आएंगी. इसके अलावा वह ब्रेक्जिट जैसे जनमत संग्रह कराने की बात भी करती हैं. वह फ्रांस के नाटो से हट जाने के भी हक में हैं.
अहम घटना
यूरोपीय संघ से निकलने के मुद्दे पर ब्रिटेन में हुए ब्रेक्जिट जनमत संग्रह को उन्होंने बर्लिन की दीवार गिरने के बाद हुई सबसे अहम घटना बताया. इससे उनका यूरोपीय संघ विरोध नजरिया बिल्कुल साफ होता है.
ट्रंप से समानता
अमेरिका में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की जीत को ले पेन ने नई विश्व व्यवस्था बनाने की दिशा में एक और कड़ी बताया था. कई मुद्दों पर उनकी नीतियां हूबहू डॉनल्ड ट्रंप की तरह नजर आती हैं.
रूस से दोस्ती
रूस के साथ वह नजदीकी रिश्ते काम करना चाहती हैं, जिसके साथ ईयू की अकसर तनातनी रहती है. एक रूसी बैंक से लोन लेने के लिए भी ले पेन को आलोचना का शिकार होना पड़ा था. इस पर उन्होंने कहा कि फ्रांस के बैंक उन्हें लोन देने को तैयार ही नहीं थे.
यूरोप में दक्षिणपंथ
नेशनल फ्रंट अकेली दक्षिणपंथी पार्टी नहीं है जिसकी लोकप्रियता बढ़ रही है. नीदरलैंड्स में फ्रीडम पार्टी, बेल्जियम में फ्लेमिश इंटरेस्ट, जर्मनी में एएफडी, ऑस्ट्रिया में फ्रीडम पार्टी और इटली में नॉर्थ लीग भी ध्यान खींच रही हैं.