क्या है बर्लिन के कुछ किरायेदारों में फैली लेज्योनेयर बीमारी
बेन नाइट
२४ अप्रैल २०२५
बर्लिन के एक आवासीय परिसर में फैले लेजियोनेला बैक्टीरिया से यह पता चल गया है कि आवासीय कंपनियां ऐसी चुनौतियों के लिए तैयार नहीं हैं. साथ ही किफायती घरों में आज भी दूषित पानी और नमी की समस्या बरकरार है.
बर्लिन के एक आवासीय परिसर में फैला लेजियोनेला बैक्टीरिया सरकारी आवास कंपनियों की बुरी स्थिति की ओर इशारा करता है. तस्वीर: Axel Kock/Dreamstime/IMAGO
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बर्लिन के एक रिहायशी इलाके में किरायेदारों ने मकान मालिकों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें परिसर में पनप रहे लेजियोनेला बैक्टीरिया के बारे में जानकारी नहीं दी. इस वजह से वे फेफड़े दर्द से कराह रहे हैं.
मार्च के मध्य में, बर्लिन के नॉए कोल्न जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने "हाई-डेक" एस्टेट के 332 अपार्टमेंटों में बाथरूम में लगे शावरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. पानी की सप्लाई का जब परीक्षण हुआ तो उसमें लेजियोनेला बैक्टीरिया का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया. इस बढ़े स्तर से वहां रह रहे लोगों को लेज्योनेयर बीमारी हो गई जो निमोनिया का ही एक घातक रूप है.
बैक्टीरिया क्यों और कैसे चमकते हैं, जानिए
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बीमारी की जड़
यह बीमारी लेजियोनेला नाम के बैक्टीरिया से फैलती है. फिलहाल यह बता पाना मुश्किल है कि यह घातक बैक्टीरिया पानी में आया कैसे. लेकिन ब्रीऐन करन नाम की एक किरायेदार का आरोप है कि उन्हें ये बीमारी, मकान मालिकों के इस बात का खुलासा करने के दो महीने पहले ही हो गई थी.
उनकी मकान मालिक होवेगे नाम की एक सरकारी आवास कंपनी है. करन ने कहा कि होवेगे ने मार्च में पानी के निरीक्षण के बाद किरायेदारों को खतरों के बारे में बताया था लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. और जब तक बाहर से दबाव नहीं डाला गया, तब तक उन्होंने इसकी रोकथाम भी नहीं की.
कितने जरूरी हैं बैक्टीरिया और फंगस?
सूक्ष्मजीवों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है. कभी ये जानलेवा बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं, तो कभी खाने पीने की जरूरत भी बन जाते हैं.
तस्वीर: imago/Gerhard Leber
फंगस से बचें
खाना पुराना होने पर अक्सर उस पर फंगस लग जाती है. यह हानिकारक हो सकती है. जिन लोगों का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होता है, उनकी फंगस के संपर्क में बने रहने से मौत भी हो सकती है. कई लोग फंगस दिखने पर ब्रेड का टुकड़ा फेंक देते हैं और बाकी की ब्रेड का इस्तेमाल करने लगते हैं, ऐसा करने से बचें.
तस्वीर: imago/imagebroker
कुछ फायदे भी
सारे बैक्टीरिया, फंगस या वायरस नुकसानदायक नहीं होते, कई फायदेमंद भी होते हैं. जैसे केक में डालने वाला खमीर, दही का बैक्टीरिया या चीज में इस्तेमाल होने वाला फंगस. प्रोसेस्ड फूड बनाने में भी फंगस का इस्तेमाल किया जाता है. ये वसा को जलाने का भी काम करते हैं.
तस्वीर: BASF
पहचानना मुश्किल
सलामी बनाने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है. इसके लिए मांस को कई कई हफ्तों तक मसाले मिला कर सुखाया जाता है. इस दौरान साफ सफाई और सही तापमान का ध्यान रखना बहुत जरूरी हैं, क्योंकि गर्मी और नमी से फंगस पैदा हो सकता है. चिंता के बात यह है कि सलामी की बनावट ऐसी होती है कि इसे देख कर पता भी नहीं चलता कि यह सलामी का ही रंग है या फिर फंगस का.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बिना ऑक्सीजन के भी
क्लॉसट्रीडियम बोटुलीनम - यह नाम है एक ऐसे बैक्टीरिया का जो बिना ऑक्सीजन के भी जिंदा रह सकता है. यह बोटॉक्स बनाता है जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक सर्जन त्वचा को कोमल बनाने के लिए करते हैं. लेकिन यही बैक्टीरिया अगर खाने में डल जाए तो जान ले सकता है. इससे ना केवल हाथों पैरों की, बल्कि सांस और धड़कन के लिए जिम्मेदार मांसपेशियों को में भी लकवा मार सकता है.
तस्वीर: picture alliance/OKAPIA
सलाद से खतरा
यूरोप में लोग सलाद बहुत चाव से खाते हैं. 2011 तक जर्मनी में अंकुरित दाल भी काफी लोकप्रिय थी. उस साल देश में ई. कोलाई बैक्टीरिया के कारण 53 लोगों की जान गयी. पहले माना गया कि यह बैक्टीरिया खीरे और टमाटर से आया. इसलिए कई टन खीरे टमाटर फेंक दिए गए. फिर पता चला कि यह अंकुरित दाल से फैला. हालांकि खाने को पकाने पर यह बैक्टीरिया मर जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
दूध से दोस्ती
20 डिग्री के तापमान वाला दूध बैक्टीरिया के लिए जन्नत जैसा है. इस तापमान पर वे बहुत ही तेजी से बढ़ते हैं. इंसान को यह बात सदियों पहले ही पता चल गयी थी. इसी का इस्तेमाल करते हुए किसी संस्कृति में दही का तो किसी में चीज का चलन शुरू हुआ. चीज के रूप में दूध को कई महीनों तक संभाल कर रखा जा सकता है.
तस्वीर: ZDF
लाखों जानें
कैम्पाइलोबैक्टर और सालमोनेला जैसे बैक्टीरिया मांसाहारी आहार से फैलते हैं. कई देशों में मांस को बहुत ज्यादा पकाने का चलन नहीं है. ऐसे में इनके फैलने का खतरा और बढ़ जाता है. इनसे होने वाली बीमारी टाइफस के कारण हर साल दुनिया भर में तीन करोड़ से ज्यादा मौतें दर्ज की जाती हैं.
साफ पानी जरूरी
नोरोवायरस का संक्रमण बहुत आसानी से एक से दूसरे व्यक्ति को फेलता है. यह वायरस पेट में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार है. बहुत ज्यादा उल्टी दस्त होने से जान पर भी बन सकती है. बचाव के लिए जरूरी है कि हमेशा साफ पानी पिएं.
तस्वीर: Foto: Gudrun Holland/Robert-Koch-Institut
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जनवरी में करन को फ्लू जैसे लक्षण महसूस होने लगे थे. तीन हफ्तों तक खांसी, सांस लेने में दिक्कत और फेफड़ोंमें दर्द की समस्या बनी रही. उसके बाद ये लक्षण धीरे धीरे कम होने लगे. लेकिन मार्च के आखिर में ही उन्होंने लेज्योनेयर रोग का टेस्ट कराया. उन्हें तब पहली बार पता चला कि उनके घर में जो पानी आ रहा है, वो दूषित है और उसमें बड़ी तादाद में इस बीमारी का बैक्टीरिया मौजूद है.
डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनका टेस्ट "वीक पॉजिटिव" आया है. उसके बाद खुद डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके इलाके से ऐसे कई संदिग्ध केस सामने आए हैं.
दूषित पानी के कारण फैला बैक्टीरिया
टेस्ट के नतीजे और डॉक्टर से बातचीत के करीब दो हफ्ते बाद, यानी 11 अप्रैल को, होवेगे कंपनी ने उन्हें बताया कि उनके अपार्टमेंट मेंपानी की सप्लाई में सबसे अधिक मात्रा में लेजियोनेला बैक्टीरिया पाया गया है. पानी में प्रति 100 मिलीलीटर में लगभग 32,600 कॉलोनी फॉर्मिंग यूनिट यानी सीएफयू थे. दरअसल सीएफयू इसका आंकलन होता है कि एक पेट्री डिश पर एक अकेले सेल से बैक्टीरिया की कितनी कॉलोनियां निकल सकती हैं. अगर 100 सीएफयू से ज्यादा का आंकड़ा होता है तब मामले की सूचना अधिकारियों को देनी होगी और इसकी रोकथाम करनी होगी, ऐसा प्रावधान है.
करन ने कहा कि उन्हें अपने अपार्टमेंट के टेस्ट के नतीजे जानने के लिए ‘लड़ना पड़ा'. उनसे कहा गया था कि व्यक्तिगत नतीजे सार्वजनिक नहीं किए जा सकते.
डीडब्ल्यू को दिए गए एक बयान में, होवेगे की प्रवक्ता साबीने पेन्ट्रॉप ने इस बात को ज्यादा गंभीरता से ना लेते हुए कहा कि केवल सात घरों में सुरक्षा स्तरों का उल्लंघन हुआ है. उन्होंने स्वास्थ्य प्राधिकरण के शावर इस्तेमाल पर प्रतिबंध वाले फैसले की भी निंदा की. नॉए कोल्न स्वास्थ्य प्राधिकरण ने होवेगे को रोकने के उपायों को लागू करने के लिए 16 अप्रैल तक का समय दिया था. जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार स्थानीय पार्षद हानस रेहफेल्ट ने बताया कि यह उपाय लागू कर दिए गए हैं और पानी को जीवाणुरहित बनाने के लिए उसे दोबारा गर्म भी कर दिया गया है.
उन्होंने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा, "होवेगे ने हमेशा दर्शाया है कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियां पूरी करनी हैं.”
कई घरेलू चीजें होती हैं कीड़ों का घर
कई कीड़े ऐसे होते हैं जो हमें नंगी आंखों से आसानी से दिख जाते हैं, लेकिन कई ऐसे होते हैं जिन्हें हम देख नहीं पाते. ये हमारे घरों में छुपे होते हैं और बीमारी का घर बन सकते हैं. इनसे बचना जरूरी है.
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सतर्कता
सोफा पर जितना समय आपका बीतता है, उससे कहीं ज्यादा आपके सोफा में घर बनाएं कीटों का बीतता है. कई कीट इतने छोटे होते हैं कि उन्हें आप सामान्य आंखों से नहीं देख पाते हैं. अपने और परिवार के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि सोफा और कुर्सियों की समय समय पर सफाई करते रहें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
बच्चों के खिलौने
बच्चों के सॉफ्ट टॉय में भी कीड़े छुप कर रहते हैं. अगर सॉफ्ट टॉय बिस्तर पर ही रहता है तो इसमें कीटों का घुसना और भी आसान है. संभव हो तो इन खिलौनों को समय समय पर धोते रहना चाहिए. कुछ दिन तक रोजाना इन्हें डीप फ्रीज में रखने से भी बैक्टीरिया इत्यादि मर जाते हैं.
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पसंदीदा ठिकाना
खटमल और घुन जैसे छोटे कीट बिस्तर को तकलीफदेह बना सकते हैं. वे घर के बिस्तर और सोफा के अलावा कालीन में रहना भी पसंद करते हैं. अक्सर वे बच्चों के खिलौनों और कपड़ों में भी घर कर लेते हैं.
तस्वीर: Colourbox
कालीन की सफाई
कीटों को कालीन की गर्माहट में रहना बहुत भाता है. जिन लोगों को एलर्जी है, उन्हें घर पर कालीन रखने से बचना चाहिए. खासकर छोटे बच्चों के लिए कालीन का संपर्क बुरा हो सकता है. कालीन में रहने वाले कीटों से एलर्जी भी हो सकती है.
तस्वीर: Colourbox
बिस्तर की सफाई
बिस्तर और बिछौने को धूप दिखाना बेहद जरूरी है. हफ्ते में कम से कम दो बार गद्दे और तकिये को धूप दिखानी चाहिए. घर अगर बंद हो तो पहुंचते ही सबसे पहले खिड़कियां खोलें ताकि ताजा हवा आ सके.
तस्वीर: NDR
एलर्जी
खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां अक्सर बिस्तर से होने वाली एलर्जी से भी हो सकती हैं. समय समय पर इस बात की जांच जरूरी है कि आपको किस चीज से एलर्जी है. इस तरह की एलर्जी से बचने के लिए बाजार में एंटी एलर्जी बेड भी उपलब्ध हैं. (नूरुन्नहार सत्तार/एसएफ)
तस्वीर: picture alliance/Bodo Marks
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रेहफेल्ट ने कहा कि शावर पर प्रतिबंध लगाना इसलिए जरूरी था क्योंकि बहुत से घर इसी पानी की सप्लाई पर निर्भर थे. रेहफेल्ट ने इस बात पर जोर दिया कि इस पानी को पेयजल, धुलाई और कुकिंग के लिए इस्तेमाल करना सुरक्षित है, हालांकि ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए, जब तक कि आप खास फिल्टर इस्तेमाल ना कर रहे हों.
करन को लगता है कि जब उन्होंने इस मामले को मीडिया, खासकर जर्मनी के नेशनल पब्लिक ब्रॉडकास्टर एआरडी के सामने उठाया, तभी उन्हें कंपनी को भेजे गए ईमेल पर तुरंत जवाब मिलने लगे.
वो बताती हैं कि जब तक वह किरायेदारों के यूनियन में नहीं गईं, तब तक उन्हें डेटा सुरक्षा कारणों का बहाना देकर अपने अपार्टमेंट के पानी के टेस्ट नतीजे नहीं दिखाए गए. उन्हें अपने इस अधिकार के बारे में भी नहीं बताया गया था. उन्हें फोन पर, होवेगे के एक प्रतिनिधि ने कहा था कि उन्हें अपने ही घर के नतीजे जानने की कोई जरूरत नहीं है.
करन ने डीडब्ल्यू को बताया, "नेशनल टेलीविजन को यह खबर देना, होवेगे से ईमेल का जवाब पाने से कहीं ज्यादा आसान था."
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क्या हल निकाला गया?
लेजियोनेला बैक्टीरिया भाप के माध्यम से फैलता है, लेकिन जूठा पानी पीने या एक दूसरे से संपर्क में आने से नहीं फैलता है. होवेगे ने हाई-डेक एस्टेट में रह रहे लोगों को सलाह दी कि वे शावर का इस्तेमाल ना करें. साथ ही गर्म पानी या डिशवॉशर की भाप में सांस लेने से बचें.
8 अप्रैल को, जीयूसी नाम की एक बाहरी पर्यावरण परामर्श कंपनी को इसकी जांच करने के लिए नियुक्त किया गया था. जीयूसी को शक है कि यह बैक्टीरिया प्लंबिंग में एक खास तरह की फिटिंग के कारण फैला होगा जो सिस्टम में तरल पदार्थों के बैकफ्लो को रोकने के लिए डिजाइन की जाती है. होवेगे ने कहा कि अब इन्हें हटाया जा रहा है. करन ने कहा, "वे लोग पुराने सिस्टम और निराशाजनक प्रोटोकॉल पर ही निर्भर रहते हैं.”
बर्लिन में किफायती घर मिलने की समस्या
होवेगे जर्मनी में सबसे बड़ी रिहायशी अपार्टमेंट कंपनी है. बर्लिन में इनके 81,000 से ज्यादा घर हैं. कंपनी को इस आंकड़े को एक लाख तक ले जाना चाहती है. लेकिन करन को चिंता है कि कंपनी के पास फिलहाल 1,200 कर्मचारी ही मौजूद हैं, तो वो इसका भार कैसे उठा पाएंगे.
आपके घर में कहां कहां छुपे हैं बैक्टीरिया?
साफ सफाई के बारे में लोगों को बड़े भ्रम हैं. घर के भीतर सबसे गंदी चीजों पर उनका ध्यान शायद ही जाता है. चेक कीजिए अपनी जानकारी.
तस्वीर: Colourbox
01. तकिया
दिन भर की थकान और धूल धक्कड़ के बाद इंसान जब तकिये पर सिर रखता है तो बड़ा आराम मिलता है. लेकिन धीरे धीरे तकिया बैक्टीरिया और फंगस का अड्डा बन जाता है. तकिये को बीच बीच में बेहद गर्म पानी से धो देना चाहिए. गर्मियों में तकिये को धूप में भी सुखाना चाहिए.
तस्वीर: Colourbox/Mykola Komarovskyy
02. बर्तन धोने का स्पंज
बर्तन धोने वाले स्पंज को दो हफ्ते बाद बदल देना चाहिए. स्पंज को समय पर न बदला जाए तो इसमें सबसे ज्यादा बैक्टीरिया छुपते हैं.
तस्वीर: Colourbox
03. किचन का सिंक
बर्तन धोने के दौरान गंदा पानी सिंक से ही बहता है. इस पानी में फैट, तेल और भोजन के टुकड़े होते हैं. 45 फीसदी सिंक में बैक्टीरिया भरे पड़े होते हैं. इसीलिए बीच बीच में सिंक की सफाई जरूरी है.
तस्वीर: Elton Hubner
04. किचन का काउंटर
गैस रखने वाली किचन की रैक में 32 फीसदी मौकों पर कीटाणु मिले. आम तौर पर खाना बनाने के बाद काउंटर को कपड़े से पोंछ दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद बैक्टीरिया वहां बच ही जाते हैं.
तस्वीर: Colourbox
05. चॉपिंग बोर्ड
सब्जी काटने वाले बोर्ड पर भी बैक्टीरिया आसानी से छुप जाते हैं. चाकू से मांस, मक्खन या रसीले फल काटते वक्त कटिंग बोर्ड में निशान पड़ते हैं और खाने का सूक्ष्म हिस्सा उनमें फंस जाता है. इसीलिए हर दिन एक बार चॉपिंग बोर्ड को खौलते पानी से धो देना चाहिए.
तस्वीर: imago/Westend61
06. टूथब्रश होल्डर
इंसान आम तौर पर टूथब्रश बदल देता है, टूथपेस्ट नया ले आता है, लेकिन टूथब्रश होल्डर नहीं बदलता. 27 फीसदी मामलों में इसी में बैक्टीरिया छुपे मिले.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/G. Wendt
07. बाथरूम के हैंडल
100 में से नौ घरों के बाथरूमों के हैंडल में बेहद घातक किस्म के बैक्टीरिया मिले. बाथरूम के हैंडल की नियमित सफाई भी जरूरी है.
तस्वीर: DW/S. Bartlick
08. स्मार्टफोन
एक इंसान हर रोज कम से कम 20 बार स्मार्टफोन की स्क्रीन देखता है. टच स्क्रीन वाले मोबाइल फोनों में भी बैक्टीरिया खूब छिपे रहते हैं. स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के बाद हाथ धोने चाहिए.
तस्वीर: Colourbox
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यह समस्या बड़े शहरों में किफायती आवास पाने के व्यापक मुद्दों को उजागर करती है. पिछले साल ही, न्यूयॉर्क, लंदन, सिडनी, मेलबर्न, मिलान, फोशान, चीन और पोलैंड के रेशो में भी यह बीमारी फैली थी. इस वजह से कई मौतें भी हुईं थीं. हालांकि बर्लिन में किराये में बढ़त तो हो रही है लेकिन किरायेदारों को अक्सर लगता है कि पुरानी इमारतों को आधुनिक मानकों के हिसाब से रखा नहीं जा रहा है. फिर जब चीजों को ठीक कराने की जरूरत पड़ती है, तो मकान मालिकों की ओर से बात ना करने और बहानेबाजी जैसे मामले भी सामने आते हैं.
लंबे चलने वाले समाधान
कुछ यूरोपीय शहर आधुनिक और किफायती आवास बनाने के लिए नए तरीके अपनाने लगे हैं- जैसे कि रीसाइकिल किए गए शिपिंग कंटेनरों से बनी हॉस्टल की दीवारें और छतें. कुछ शहरों में पानी की गुणवत्ता पर नजर बनाए रखने के लिए ऐप और स्मार्ट वॉटर सिस्टम जैसी तकनीकें इस्तेमाल कर रहे हैं. यह तकनीक बैक्टीरिया रोकने के लिए डिजाइन की गई है.