चीन में ऐसे गिनती के खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी लैंगिकता को स्वीकार किया है.वहां एलजीबीटीक्यू खिलाड़ियों को तभी तक बर्दाश्त किया जाता है, जब तक वे इस बात को खुद तक सीमित रखें.
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ली यिंग 'स्टील रोजेज' टीम में वापस आ गई हैं. चीन की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम की पहली नेशनल महिला कोच शुई किंगशिया ने 29 साल की स्ट्राइकर यिंग को भारत में आयोजित हो रहे एएफसी विमेन्स एशियन कप के लिए टीम में शामिल किया है.
पहली नजर में यह कोई बड़ी बात नहीं है. यिंग ने 2018 के टूर्नामेंट में पांच मैचों में सात गोल किए थे और गोल्डन बूट भी जीता था. 2019 में फ्रांस में हुए वर्ल्ड कप में स्टील रोजेज ने जो इकलौता गोल किया था, वह यिंग ने ही किया था. ग्रुप स्टेज के उस मैच में चीन ने दक्षिण अफ्रीका को 1-0 से हराया था.
लेकिन, चीन की राष्ट्रीय टीम के लिए खेले 100 मैचों में 30 गोल करने के बावजूद यिंग को पिछले साल टोक्यो ओलंपिक से पहले टीम से बाहर कर दिया गया था. कयास लगाए गए कि शायद इसके पीछे उनका अपनी पूरी असली पहचान जाहिर करना हो सकता है.
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LGBTQ की ABCD
भारत समेत कई देशों में समलैंगिक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं. लेकिन जिन्हें हम एक शब्द "समलैंगिक" में समेट देते हैं, वे खुद को एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी कहते हैं. आखिर क्या है LGBTQ?
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एल से लेस्बियन
लेस्बियन यानी वे महिलाएं जो महिलाओं की ओर आकर्षित होती हैं. 1996 में आई फिल्म फायर ने जब इस मुद्दे को उठाया तब काफी बवाल हुआ. आज 20 साल बाद भी यह मुद्दा उतना ही संवेदनशील है.
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जी से गे
गे यानी वे पुरुष जो पुरुषों की ओर आकर्षित होते हैं. दोस्ताना और कल हो ना हो जैसी फिल्मों में हंसी मजाक में समलैंगिक पुरुषों के मुद्दे को उठाया गया, तो हाल ही में आई अलीगढ़ में इसकी संजीदगी देखने को मिली.
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बी से बायसेक्शुअल
बायसेक्शुअल एक ऐसा व्यक्ति है जो महिला और पुरुष दोनों की ओर आकर्षित महसूस करे. ऐंजेलिना जोली और लेडी गागा खुल कर अपने बायसेक्शुअल होने की बात कह चुकी हैं.
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टी से ट्रांसजेंडर
एल, जी और बी से अलग ट्रांसजेंडर को उनके लैंगिक रुझान के अनुसार नहीं देखा जाता. भारत में जिन्हें हिजड़े या किन्नर कहा जाता है, वे भी ट्रांसजेंडर हैं और बॉलीवुड में जानेमाने बॉबी डार्लिंग जैसे वे लोग भी जो खुद अपना सेक्स बदलवाते हैं.
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क्यू से क्वीयर
इस शब्द का मतलब होता है अजीब. इसके जरिये हर उस व्यक्ति की बात की जा सकती है जो "सामान्य" नहीं है. चाहे जन्म से उस व्यक्ति में महिला और पुरुष दोनों के गुण हों और चाहे वह किसी की भी ओर आकर्षित हो.
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और भी हैं
यह सूची यहां खत्म नहीं होती. कई बार एलजीबीटीक्यू के आगे ए भी लगा दिखता है. इसका मतलब है एसेक्शुअल यानी ऐसा व्यक्ति जिसकी सेक्स में कोई रुचि ना हो. इनके अलावा क्रॉसड्रेसर भी होते हैं यानी वे लोग जो विपरीत लिंग की तरह कपड़े पहनना पसंद करते हैं.
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असली पहचान के साथ सामने आईं यिंग
ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह से कुछ दिनों पहले यिंग ने एक पोस्ट लिखी थी, जो वायरल हो गई थी. इस पोस्ट में यिंग ने चीन के वीबो प्लेटफॉर्म पर इन्फ्लूएंसर चेन लीली के प्रति अपने प्रेम को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था. अपने रिश्ते की पहली सालगिरह पर उन्होंने लिखा था, "तुम मेरी सारी कोमलता की स्रोत हो और यह तुम्हारे लिए है".
इसके बाद चीन के चर्चित फुटबॉल पत्रकार और ब्लॉगर ने लिखा था, "यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि समलैंगिक भी महिला फुटबॉल टीम का हिस्सा हैं, लेकिन ली यिंग अपनी लैंगिकता और अपनी गर्लफ्रेंड को सार्वजनिक रूप से स्वीकारने की हिम्मत दिखाने वाली पहली खिलाड़ी हैं. मैं उनके इस साहस के लिए उन्हें बधाई देता हूं."
लेकिन यिंग को मिली सभी प्रतिक्रियाएं सकारात्मक नहीं थीं. कुछ तो बेहद होमोफोबिक यानी समलैंगिकों के प्रति घृणा और भय से भरी हुई थीं. यिंग के सोशल मीडिया पर उनका मेसेज पोस्ट करने के कुछ ही देर बाद यह गायब हो गया. क्या ऐसा किसी बाहरी दबाव में किया गया था?
'हां, मैं गे हूं'
चीन में जिन महिला और पुरुष खिलाड़ियों ने अपने समलैंगिक होने की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार की है, उनकी संख्या इतनी कम है कि उन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता है. ली यिंग के बाद पिछले साल सितंबर में वॉलीबॉल टीम की स्टार सुन वेनजिंग ने अपना समलैंगिक होना स्वीकार किया. हालांकि, वह दो साल पहले ही अपने खेल जीवन से संन्यास ले चुकी थीं.
2018 में प्रोफेशनल सर्फर शू जिंगसेन चीन के पहले पुरुष खिलाड़ी थे, जिन्होंने गे होना स्वीकार किया था. उन्होंने तब पैरिस में आयोजित होने जा रहे गे गेम्स में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर करते हुए वीबो पर अपनी समलैंगिकता का एलान किया था. शू ने लिखा था, "हां, मैं गे हूं. हमें अपना प्रेम चुनने और प्रेम किए जाने का अधिकार है. लिंग, उम्र और त्वचा का रंग कोई बेड़ियां नहीं हैं." इसके साथ उन्होंने इंद्रधनुषी झंडे के आगे सर्फबोर्ड पर अपनी तस्वीरें साझा की थीं.
इसके बाद शू ने पैरिस में हुए खेलों में शिरकत की थी. अगले गे गेम्स 2022 में हांग कांग में होने थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इन्हें नवंबर 2023 तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. ताइवान के गे खिलाड़ी पहले ही अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए इन खेलों में हिस्सा लेने से इनकार कर चुके हैं.
सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक होना
2019 में ताइवान समलैंगिक शादियों को मान्यता देने वाला एशिया का पहला देश बन गया था, लेकिन चीन में इस पर प्रतिबंध है. यौन विविधता को सभी कम्युनिस्ट शासकों के दौर में बर्दाश्त किया जाता रहा है, लेकिन सिर्फ तभी तक, जब तक लोग अपनी लैंगिकता अपने तक सीमित रखें.
यौन विविधता को सार्वजनिक तौर पर जाहिर करने की किसी भी गतिविधि को विरोध का सामना करना ही पड़ता है. शंघाई प्राइड चीन के सबसे पुराने और बड़े एलजीबीटीक्यू आयोजनों में से एक था. इसमें साइकल से परेड निकाली जाती थी, लोग पैदल निकलते थे. पार्टियां और प्रदर्शनियां आयोजित की जाती थीं, लेकिन 2020 में इसे बंद कर दिया गया था.
इससे पहले भी ऐसे आयोजनों को सरकारी उत्पीड़न का सामना करना पड़ता रहा है. जुलाई 2021 में नागरिक मामलों के मंत्रालय ने सैकड़ों एलजीबीटीक्यू वेबसाइटों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद कर दिया था और हटा दिया था. इनमें से ज्यादातर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले लोग थे.
सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक हू शीजिन ने सरकार के फैसलों का बचाव करते हुए अपने ब्लॉग में लिखा, "इस मुद्दे पर चीन का पूरी दुनिया में सिरमौर बनना नामुमकिन है. कुछ मामलों में हमारा रूढ़िवादी होना अपरिहार्य है और उचित भी है."
सतर्क हो गया है एलजीबीटीक्यूसमुदाय
प्रशासन का चाबुक देखते हुए एलजीबीटीक्यू समुदाय सावधान भी हो गया है. गुमनामी की शर्त पर चीन के एक एलजीबीटीक्यू ऐक्टिविस्ट डीडब्ल्यू से बातचीत में कहते हैं, "जब से प्रशासन ने कॉलेजों में एलजीबीटीक्यू अधिकारों का समर्थन करने वाले संगठनों पर डंडा चलाना शुरू किया है, तब से हम और ज्यादा सावधान हो गए हैं और एलजीबीटीक्यू से जुड़ा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रहे हैं."
वह कहते हैं, "निश्चित तौर पर सरकार ने एलजीबीटीक्यू संगठनों पर अपना रुख और नियंत्रण कड़ा कर लिया है, लेकिन समुदाय के सदस्य इवेंट आयोजित करने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे. हम चीन के नए माहौल में खुद को ढाल रहे हैं. अब हम ज्यादा बुद्धिमानी से कदम उठा रहे हैं."
रिपोर्ट: श्टेफान नेस्टलर, विलियम यांग
लंबे समय से हैं शाही परिवारों में भी एलजीबीटीक्यू सदस्य
पिछले सप्ताह डच शाही परिवार के सदस्यों को बिना राजगद्दी छोड़े हुए अपने समलैंगिक पार्टनर से शादी करने की अनुमति दे दी गई. शाही परिवारों में भी एलजीबीटीक्यू सदस्य हमेशा से रहे हैं, लेकिन वो खुल कर बात करने से बचते थे.
तस्वीर: Instagram: ivar_mountbatten
राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल
राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल 2006 में दुनिया के सामने आने के बाद अपने समलैंगिक होने के बारे में बताने वाले दुनिया के पहले राजकुमार बन गए. उनके परिवार ने तुरंत उनका त्याग कर दिया. 2013 में उन्होंने अमेरिका में शादी कर ली. आज वो एलजीबीटीक्यू लोगों के अधिकारों के एक मुखर ऐक्टिविस्ट हैं और एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाते हैं. उन्होंने एलजीबीटीक्यू लोगों को अपने महल में शरण भी दी है.
तस्वीर: Karin Törnblom/Imago Images
फिलिप्प प्रथम, ऑरलींस के ड्यूक (1640-1701)
फिलिप्प प्रथम फ्रांस के "सन किंग" के नाम से जाने जाने वाले लुई सोलहवें के छोटे भाई थे. उन्होंने जनाना व्यवहार के प्रति कभी शर्म व्यक्त नहीं की. ड्यूक इत्र, जेवर और लेस और सिल्क के महंगे कपड़ों के शौक के लिए मशहूर थे. उनके कई प्रेमी थे, पुरुष भी और स्त्री भी. उनके मनपसंद साथी थे लोरेन के ड्यूकल हाउस के एक फ्रांसीसी रईस. कहा जाता है कि वे दोनों दशकों तक एक दूसरे के प्रेमी रहे थे.
तस्वीर: Public Domain
ग्रेट ब्रिटेन की रानी ऐन (1665-1714)
रानी ऐन ने ग्रेट ब्रिटेन पर 1702 से 1714 तक शासन किया. उनकी शादी हुई थी लेकिन कहा जाता है कि उनका उनकी बचपन की दोस्त सारा चर्चिल के साथ प्रेम संबंध था. सारा विंस्टन चर्चिल की पूर्वज थीं और एक दूसरे के लिए उनका प्रेम उनकी चिट्ठियों में साफ नजर आता है. उनकी कहानी ही 2018 में बनी फिल्म "द फेवरिट" की प्रेरणा थी. फिल्म में ओलिविया कोलमैन रानी ऐन बनी थीं और रेचल वाइज ने सारा की भूमिका अदा की थी.
तस्वीर: National Portrait Gallery, London
सम्राट हेड्रियन (76-138 एडी)
शहंशाह हेड्रियन 117 से 138 ईसा पश्चात तक रोम के सम्राट थे. उन्होंने यूनानी युवक ऐंटिनूस के प्रति अपने प्रेम को छिपाने की कभी कोशिश नहीं की. वो दोनों आधिकारिक समारोहों और सम्राट के दौरों पर एक साथ जाया करते थे. ऐंटिनूस की मौत के बाद हेड्रियन ने आदेश दिया कि उसे देवता की उपाधि दी जाए, एक ऐसा सम्मान जो सामान्य रूप से सम्राटों के परिवार को ही मिलता था.
लॉर्ड अल्फ्रेड डगलस (1870-1945)
क्वीन्सबेरी के मार्क्वेस का बेटा लॉर्ड अल्फ्रेड डगलस 20वीं शताब्दी की शुरुआत में आयरिश कवी ऑस्कर वाइल्ड का प्रेमी था. उनके पिता को इस रिश्ते से नफरत थी और उन्होंने वाइल्ड पर सोडोमी का आरोप लगा दिया. सोडोमी इस समय एक अपराध था और वाइल्ड को उसके लिए जेल की सजा हुई. इन दुखद घटनाओं के बाद डगलस ने एक महिला से शादी कर ली और सार्वजनिक रूप से खुद को वाइल्ड से अलग कर लिया.
तस्वीर: Imago Images/Leemage
राजकुमार एगोन फोन फुर्स्टेन्बर्ग (1946-2004)
जर्मनी के राजकुमार एगोन फोन फुर्स्टेन्बर्ग एक सोशलाइट, डिजाइनर और टैब्लॉइड अखबारों के प्रिय पात्र थे. उन्होंने कभी अपनी बाईसेक्सुएलिटी को छुपाया नहीं. उन्होंने दो बार महिलाओं से शादी की लेकिन उनके पुरुष पार्टनर भी रहे. फोन फुर्स्टेन्बर्ग को गे नाइटलाइफ बहुत पसंद थी.
तस्वीर: Holt, Rinehart and Winston
लुईसा इसाबेल अल्वारेज दे टोलेदो (1936-2008)
लुईसा इसाबेल अल्वारेज दे टोलेदो स्पेन के मेदिना-सिडोनिया परिवार से थीं, जो स्पेन के सबसे प्रमुख नवाबी घरानों में से एक था. वो अपने विचारों के समर्थन में खड़े होने से डरती नहीं थीं. वो सार्वजनिक रूप से धर्म की निंदा करती थीं और एक समर्पित ऐक्टिविस्ट थीं. वो अपनी सचिव से 20 सालों तक प्रेम संबंध में रहीं. 2008 में उन्होंने अपनी मृत्यु शय्या पर अपनी प्रेमिका से शादी कर ली.
तस्वीर: picture alliance/dpa
लॉर्ड इवर माउंटबैटन
लॉर्ड इवर माउंटबैटन खुले तौर पर एक समलैंगिक रिश्ते में रहने वाले रानी एलिजाबेथ द्वितीय के परिवार के पहले सदस्य थे. उन्होंने 2018 में अपने पार्टनर जेम्स कॉएल से शादी भी की. ऐसा प्रतीत होता है कि उनके परिवार ने इस पर कोई आपत्ति भी नहीं की. बल्कि उनके और उनकी पूर्व पत्नी के बच्चों के मुताबिक, उनकी पत्नी ही उन्हें विवाह स्थल तक लेकर आईं और उनकी शादी करवाई. (केविन टी.)