भारत में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए तालाबंदी 3 मई तक जारी रहेगी. 20 अप्रैल तक पूरे देश में तालाबंदी के पालन का बारीकी से आकलन किया जाएगा और जहां तस्वीर संतोषजनक दिखेगी वहां तालाबंदी में धीरे धीरे कुछ छूट दी जाएगी.
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भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तालाबंदी अभी 19 दिनों तक जारी रहेगी. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल की सुबह राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की. प्रधानमंत्री ने कहा कि तालाबंदी 3 मई तक जारी रहेगी. 20 अप्रैल तक पूरे देश में तालाबंदी के पालन का बारीकी से आकलन किया जाएगा और जहां तस्वीर संतोषजनक दिखेगी वहां तालाबंदी में धीरे धीरे कुछ छूट दी जाएगी. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि और विस्तार से दिशा-निर्देश सरकार बुधवार 15 अप्रैल को जारी करेगी. सोमवार 13 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 दिनों की तालाबंदी को सफल रणनीति बताते हुए कहा था कि पिछले 14 दिनों में संक्रमण से प्रभावित कम से कम 25 जिलों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है. संभव है कि इन जिलों में तालाबंदी में कुछ छूट दी जाएगी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पूरे देश में नौकरी और आय के नुकसान से परेशान गरीबों को विशेष रूप से संबोधित किया और कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता इन लोगों के कष्ट को कम करना है. उम्मीद की जा रही है कि इस बारे में कुछ और घोषणाएं आने वाले दिनों में की जा सकती हैं.
कुल मामले 10,000 पार
पूरे देश में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बड़ा उछाल आया है. 1,211 नए मामलों के साथ कुल मामलों की संख्या 10,363 हो गई है. इनमें ठीक हो जाने वालों की संख्या 1,036 है और मरने वालों की संख्या 339. महाराष्ट्र में कुल मामलों का आंकड़ा 2,334 पर पहुंच चुका है, जिनमें ठीक हो जाने वालों की संख्या 217 है और मरने वालों की 160. दिल्ली में 1,510 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें ठीक होने वालों की संख्या 30 है और मरने वालों की 28.
इसी बीच आईसीएमआर ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक विशेष घोषणा की. संस्था ने कहा कि इस बात के नए प्रमाण निकल कर आए हैं कि वायरस का संक्रमण गर्भवती महिला से भ्रूण में फैल सकता है, इसीलिए गर्भवती महिलाओं को और डिलीवरी कराने वाले मेडिकल स्टाफ को सावधानी बरतने की जरूरत है. हालांकि दिल्ली के एम्स में एक ऐसा मामला आया है जहां एक कोविड-19 पॉजिटिव महिला ने जिस बच्चे को जन्म दिया वो संक्रमण से मुक्त है. बच्चे को जन्मे 10 दिन बीत चुके हैं और वो स्वस्थ है. कोविड-19 की जांच को लेकर जो विवाद शुरू हो गया था उसमें एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है. अदालत ने सरकारी और निजी सभी लैब को जांच सबके लिए निशुल्क करने के अपने मूल निर्देश में संशोधन किया है. अदालत ने कहा है कि निजी लैबों में जांच सिर्फ गरीबों और प्रधानमंत्री जान आरोग्य योजना के तहत आने वाले लोगों के लिए निशुल्क होगी. आईसीएमआर ने एक टेस्ट की कीमत 4,500 रुपये पर तय कर दी है.
दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी लॉकडाउन के बीच अपने घरों में कैद रहने पर मजबूर है. ऐसे में जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अब बालकनी में बीत रहा है. देखिए दुनिया भर में लोग अपनी बालकनी का इस्तेमाल कैसे कैसे कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Pleul
बालकनी में कॉन्सर्ट
क्रोएशिया के रहने वाले दावोर क्रमपोटिक को ना स्टेडियम की जरूरत है और ना ही किसी ऑडियंस की. हर रोज वह अपनी बालकनी में अपना सैक्सोफोन लेकर खड़े हो जाते हैं और संगीत बजाना शुरू कर देते हैं. आस पड़ोस वाले तो अब उनके बालकनी में आने का इंतजार करने लगे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/PIXSELL/N. Pavletic
लाइव म्यूजिक का मजा
सिर्फ क्रोएशिया में ही नहीं जर्मनी में भी लोग बालकनी में बैठकर संगीत बजा रहे हैं. दरअसल शुरुआत इटली से हुई थी जहां लोगों ने अपने घर में मौजूद वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल बालकनी में जाकर करना शुरू किया. यह तस्वीर जर्मनी के एक ऑर्केस्ट्रा के कुछ सदस्यों की है जो बालकनी में बैठकर बेथोफन का संगीत बजा रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Seeger
जब बालकनी ना हो तो
यह तस्वीर बेल्जियम की है. यहां भी सरकार ने लोगों को घर से बाहर ना निकलने को कहा है. जिन लोगों के पास बालकनी है वे तो कुछ देर बालकनी में बैठकर साफ हवा में सांस ले लेते हैं लेकिन जो लोग छोटे तंग फ्लैट में रहते हैं और जिनके पास बालकनी नहीं है उनके पास कुछ इस तरह का चारा ही बचता है.
तस्वीर: Reuters/J. Geron
यहां बालकनी का कोई अंत नहीं
स्पेक्ट्रम ऑफ द सीज नाम का यह क्रूज शिप जर्मनी से चला था. अब यह ऑस्ट्रेलिया के पास जाकर अटक गया है. शिप पर मौजूद लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले देखे गए. सभी लोगों को जहाज से निकाल लिया गया है. तस्वीर में जिन लोगों को आप बालकनी में देख रहे हैं वे क्रू के सदस्य हैं.
तस्वीर: Getty Images/C. Spencer
छत से नजारा
यह तस्वीर नेपाल के काठमांडू की है. देखने में यह किसी फिल्म का दृश्य लगता है. ढलते सूरज वाली इस तस्वीर में दरअसल एक महिला अपने घर की छत पर कपड़े सुखा रही है.
तस्वीर: Imago Images/Zuma/P. Ranabhat
बाल काटने की सही जगह
अब जब लॉकडाउन के चलते सब पार्लर और नाई की दुकानें बंद हैं, तो घर में परिवार के सदस्यों को ही बाल काटने में एक दूसरे की मदद करनी पड़ रही है. मौसम अच्छा हो तो बालकनी में बैठकर बाल काटने से अच्छा और क्या हो सकता है. यह तस्वीर लेबनान की है.
तस्वीर: Reuters/A. Taher
बालकनी से ही खरीदारी
यह तस्वीर फ्रांस के एक छोटे से शहर मर्साय की है. यह व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं जा सकता, तो आसपास के लोगों ने कुछ सामान इकट्ठा करके उसे झोले में भर दिया. चादरों की रस्सी बना कर सामान बालकनी में पहुंच गया. होम डिलीवरी का बेहतरीन तरीका.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A.-C. Poujoulat
बालकनी में कसरत
यह तस्वीर फ्रांस के एक दूसरे शहर बोर्दो की है. फिटनेस ट्रेनर सेबास्टियान मांको इमारत के बाहर खड़े होकर बालकनी में मौजूद लोगों को कसरत करना सिखा रहे हैं. यह एक ओल्ड एज होम की इमारत है. बालकनी में मौजूद लोग बुजुर्ग हैं, इसलिए उनसे दूरी बनाना और भी जरूरी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Tucat
प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी
ध्यान से देखिए, इस साइकिल में दो नहीं तीन पहिए पहिए लगे हैं. यह है पैरालंपिक खेलों के जाने-माने अथिलीट हंस पेटर डुर्स्ट रिओ दे जनेरो में हुए पैरालंपिक खेलों में इन्होंने दो गोल्ड मेडल जीते थे. डुर्स्ट घर में रहकर अपनी ट्रेनिंग को रोकना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने तीन पहियों वाली एक साइकिल बना डााली, जिसे वह अपनी बालकनी में इस्तेमाल करते हैं और ट्रेनिंग जारी रखते हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Fassbender
थोड़ा मस्ती मजा भी
कोरोना संकट की इस मुश्किल घड़ी में भी कुछ लोगों का ह्यूमर बरकरार है. यह तस्वीर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट अन डेय ओडर शहर की है. किसी ने बालकनी में कंकाल खड़ा कर दिया है. (रिपोर्ट: मार्को मुलर/आईबी)