फ्रांस: इमानुएल माक्रों या फिर मारी ले पेन
२४ अप्रैल २०१७रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार थे, जिनमें सबसे ज्यादा 23.9 प्रतिशत वोट माक्रों को मिले जबकि 21.4 प्रतिशत वोटों के साथ ले पेन दूसरे स्थान पर रहीं. राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 50 प्रतिशत वोटों का आंकड़ा पार करना जरूरी है, इसलिए अब दोनों उम्मीदवारों के बीच 7 मई को दूसरे चरण का आमने-सामने का मुकाबला होगा.
फ्रांस के आधुनिक इतिहास में यह पहला मौका है जब दूसरे चरण के राष्ट्रपति चुनाव में मुख्यधारा की कोई राजनीतिक पार्टी हिस्सा नहीं लेगी. इस चुनाव में मुख्यधारा की पार्टियों का सफाया हो गया. ले पेन ने 69 लाख वोट हासिल कर अपनी पार्टी नेशनल फ्रंट के लिए नया रिकॉर्ड बनाया है. वहीं माक्रों की "आँ मार्श" यानी आगे बढ़ो पार्टी भी नई है.
पहले चरण में हारने वाले सोशलिस्ट उम्मीदवार बेनोआं आमों और रुढ़िवादी फ्रांसोआ फियों ने दूसरे चरण के लिए माक्रों को अपना समर्थन दिया है. वह यूरोपीय संघ विरोधी ली पेन को जीतने से रोकना चाहते हैं.
माक्रों ने सिर्फ एक साल पहले ही आँ मार्श पार्टी का गठन किया था. पहले दौर के चुनाव के बाद उन्होंने पैरिस में अपने समर्थकों से कहा कि यह फ्रांस के इतिहास में अद्भुत पल है और उन्होंने फ्रांस के राजनीतिक जीवन का चेहरा ही बदल दिया है. माक्रों इनवेंस्टमेंट बैंकर रहे हैं. अपनी खुद की पार्टी बनाने से पहले वह राष्ट्रपति फ्रांसोआं ओलांद की सरकार में आर्थिक मामलों के मंत्री थे. नए जनमत सर्वे के मुताबिक माक्रों ले पेन से आगे हैं.
जर्मनी और यूरोप के प्रमुख राजनीतिज्ञों ने ईयू समर्थक उम्मीदवार की जीत पर राहत का इजहार किया है और फ्रांसीसी मतदाताओं से ले पेन के खिलाफ माक्रों का समर्थन करने की अपील की है. जर्मनी की मुख्य धारा की पार्टियों के नेताओं ने माक्रों की जीत को राष्ट्रवाद और पॉपुलिज्म पर जीत बताया है.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के प्रवक्ता श्टेफेन जाइफर्ट ने ट्वीट किया, "अच्छी बात है कि इमानुएल माक्रों मजबूत ईयू और सामाजिक बाजार अर्थव्यवस्था की अपनी दृढ़ नीति के साथ कामयाब रहे हैं."
जर्मन सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता और इस साल होने वाले संसदीय चुनावों में पार्टी के चांसलर उम्मीदवार मार्टिन शुल्त्स यूरोप समर्थक नेता की जीत पर खुशी जताई. पहले यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रह चुके शुल्त्स ने माक्रों के राष्ट्रपति बनने को जर्मनी के लिए भी अच्छा बताया.
यूरोपीय संघ की विदेश नैतिक दूत फ्रेडरिका मोगेरिनी ने ट्वीट किया, "इमानुएल माक्रों की जीत का फ्रांस और ईयू के झंडों से स्वागत देखना, ये हमारी पीढ़ी की उम्मीद और भविष्य है."
एके/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)