1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
आपदाभारत

महाराष्ट्र: पुरस्कार समारोह में हीट स्ट्रोक से 11 की मौत

आमिर अंसारी
१७ अप्रैल २०२३

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को 'महाराष्ट्र भूषण-2022' पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के बाद रविवार को लू से 11 लोगों की मौत हो गई.

फाइल तस्वीर
फाइल तस्वीरतस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS

इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग जुटे थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम में मौजूद थे.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लू लगने और शरीर में पानी की कमी के कारण 11 लोगों की मौत हुई जबकि 50 के करीब लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

गर्मी के बीच खुले में कार्यक्रम

रविवार को यह कार्यक्रम बड़े से मैदान में खुले में आयोजित किया गया था और यह कार्यक्रम सुबह 11.30 बजे से शुरू होकर दोपहर करीब एक बजे तक चला. इस दौरान दिन का तापमान अधिकतम 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है. मृतकों में आठ महिलाएं शामिल हैं, जिनमें अधिकतर बुजुर्ग हैं. अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी हालत नाजुक है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोग रविवार देर शाम नवी मुंबई के एमजीएम अस्पताल में भर्ती लोगों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे.

सोमवार सुबह एनसीपी के विपक्ष के नेता अजीत पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व कांग्रेस के नेताओं ने अस्पताल का दौरा किया और मरीजों से बातचीत की.

पवार ने मीडिया से कहा, "पीड़ितों से चर्चा के बाद ऐसा लगता है कि कार्यक्रम के बाद भगदड़ मची थी." राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह सबसे असंवेदनशील सरकार है. उन्होंने इस त्रासदी के लिए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

भारत में गर्मी से मरने वालों की संख्या में भारी इजाफाः रिपोर्ट

लाखों की भीड़ जुटी थी

अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान अप्पासाहेब धर्माधिकारी के प्रति सम्मान दिखाने के लिए इतनी गर्मी में धैर्यपूर्वक बैठने के लिए लोगों की सराहना की थी.

भारत में तापमान में वृद्धितस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS

आयोजकों ने दावा किया था कि लगभग 20 लाख लोगों ने मेगा-इवेंट में भाग लिया. अप्पासाहेब धर्माधिकारी के शिष्य मुख्यमंत्री शिंदे ने गर्व से घोषणा की थी कि कैसे इस सभा ने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया था.

बहु प्रचारित इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग 14 अप्रैल से कोंकण और राज्य के अन्य हिस्सों से बसों, ट्रकों या नावों से मुंबई आ रहे थे.

रविवार दोपहर करीब तीन घंटे तक चले समारोह में कई लोगों ने भीषण गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ, टोपी, छाता, रुमाल, दुपट्टा आदि का सहारा लिया.

मुख्यमंत्री शिंदे ने नेताओं से त्रासदी का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील की है. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की.

बढ़ता तापमान लोगों की जान लेता

लू जैसी गर्म हवाएं भारत और एशिया के कई देशों में बहुत आम हैं लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों में भी ये चलती हैं. भारत में मौसम विभाग पहले से ही लोगों को बढ़ते तापमान को लेकर चेतावनी जारी करता है. लेकिन सवाल यह है कि महाराष्ट्र सरकार ने इतने लोगों को खुले में बैठने को क्यों मजबूर किया.

पिछले 30 साल में सिर्फ भारत में गर्मी से कम से कम 26 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. झुग्गी बस्तियों में रहने वाले, स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं, छोटे या बंद कमरों में काम करने वाले कारीगर, किसान और निर्माण कार्य में लगे मजदूर गर्मी के सबसे पहले शिकार होते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण हाल के सालों में हीट वेव और बहुत ज्यादा तापमान लगातार आम होते जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीन हाउस गैसों का बढ़ता उत्सर्जन इनकी बारंबारता और तीव्रता को बढ़ा रहा है.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें