मलाला का तालिबान को खत, लड़कियों के स्कूल खोले जाएं
२० अक्टूबर २०२१
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने तालिबान से अफगानिस्तान में लड़कियों को तुरंत स्कूल लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया है.
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अफगानिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामी तालिबान के सत्ता में आने के लगभग दो महीने बाद नई सरकार ने लड़कियों के माध्यमिक विद्यालय में लौटने पर रोक लगा दी है और लड़कों को कक्षा में लौटने की इजाजत है.
तालिबान ने दावा किया है कि वे सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस्लामी कानून की व्याख्या के तहत छात्रों को सख्ती से अलग करने के बाद लड़कियों को स्कूल लौटने की अनुमति देंगे. अधिकतर लोगों को तालिबान के इस आश्वासन पर संदेह है.
तालिबान को खुला पत्र
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई और कई अफगान महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने एक खुले पत्र में लिखा, "तालिबान अधिकारियों के लिए...लड़कियों की शिक्षा पर वास्तविक प्रतिबंध को हटा दें और लड़कियों के माध्यमिक विद्यालयों को तुरंत फिर से खोलें."
उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं से तालिबान शासकों को यह स्पष्ट करने का भी आह्वान किया कि "लड़कियों को स्कूल जाने से रोकना धार्मिक रूप से उचित नहीं है."
खत पर हस्ताक्षर करने वालों में शहजाद अकबर भी शामिल थे, जो अमेरिका समर्थित पूर्व अशरफ गनी सरकार में अफगान मानवाधिकार आयोग के प्रमुख थे. तालिबान सरकार से अपील करने वालों का कहना है, "दुनिया में इस समय अफगानिस्तान अकेला ऐसा देश है जहां लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध है.''
अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियम
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियमों का ऐलान कर दिया है. तो कैसी होगी अब महिलाओं की जिंदगी.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
महिलाओं के लिए नए नियम
अफगानिस्तान के नए उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा है कि महिलाएं पढ़ाई कर पाएंगी लेकिन उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना होगा.
तस्वीर: Bilal Guler/AA/picture alliance
पढ़ाई की इजाजत
महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इजाजत होगी. हक्कानी ने कहा है कि जैसा देश आज है, उसी के आधार पर नए अफगानिस्तान का निर्माण किया जाएगा ना कि 20 साल पहले के तालिबानी शासन के आधार पर.
तस्वीर: Hoshang Hashimi/AFP/Getty Images
लड़कों से अलग
महिला छात्रों को लड़कों से अलग पढ़ाया जाएगा. उन्हें इस्लामिक कानून के आधार पर कपड़े पहनने होंगे यानी सिर से पांव तक खुद को ढककर रखना होगा.
तस्वीर: Social media handout via REUTERS
पुरुष शिक्षक नहीं
हक्कानी ने कहा कि छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी जहां तक संभव होगा शिक्षिकाओं को ही दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शुक्र है देश में काफी महिला शिक्षक हैं.
तस्वीर: WAKIL KOHSAR/AFP/Getty Images
अलग-अलग बैठना होगा
जहां महिलाएं उपलब्ध नहीं होंगी, वहां पुरुष शिक्षक भी पढ़ा सकेंगे लेकिन विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अलग-अलग बैठना होगा और पर्दे में रहना होगा.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP/picture alliance
कक्षाओं में पर्दे
पुरुष और महिला छात्राओं के बीच में पर्दे लगाए जाएंगे या फिर स्ट्रीमिंग के जरिए भी पढ़ाई कराई जा सकती है.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
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जी20 देशों के नेताओं से अपील
खत पर हस्ताक्षर करने वालों ने जी20 नेताओं से अफगान बच्चों की शिक्षा परियोजना के लिए तत्काल धन उपलब्ध कराने की अपील की है. इस पत्र के साथ एक याचिका भी दाखिल की गई है जिस पर सोमवार तक 6,40,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके थे.
शिक्षा में सक्रिय पाकिस्तानी छात्रा मलाला यूसुफजई को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने 2012 में स्वात घाटी में गोली मारकर घायल कर दिया था, जब वह स्कूल बस से घर लौट रही थी.
मलाला अब 24 साल की हो गई हैं और खासतौर पर लड़कियों को शिक्षित करने में सक्रिय हैं. इस बीच अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा, "जहां तक मुझे पता है स्कूल और विश्वविद्यालय जल्द ही खोले जाएंगे और लड़कियां और महिलाएं स्कूल जा सकेंगी और शिक्षण सेवाएं प्रदान कर सकेंगी. इजाजत दी जाएगी."
तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि अभी लड़कियों को स्कूल जाने से रोका जा रहा है क्योंकि अभी पर्यावरण सुरक्षित नहीं है.
एए/वीके (एएफपी)
तालिबान राज में कुछ ऐसी है आम जिंदगी
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद लोगों को कट्टरपंथी मिलिशिया के तहत जीवन में वापस लौटना पड़ा है. लोगों के लिए बहुत कुछ बदल गया है, खासकर महिलाओं के लिए.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बुर्के में जिंदगी
अभी तक महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई महिलाएं कार्रवाई के डर से ऐसा करती हैं. इस तस्वीर में दो महिलाएं अपने बच्चों के साथ बाजार में पुराने कपड़े खरीद रही हैं. देश छोड़कर भागे हजारों लोग अपने पुराने कपड़े पीछे छोड़ गए हैं, जो अब ऐसे बाजारों में बिक रहे हैं.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
गलियों और बाजारों में तालिबानी लड़ाके
पुराने शहर के बाजारों में चहल-पहल है, लेकिन सड़कों पर तालिबान लड़ाकों का भी दबदबा है. वे गलियों में सब कुछ नियंत्रित करते हैं और उनके विचारों या नियमों के खिलाफ कुछ होने पर तुरंत दखल देते हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
दाढ़ी बनाने पर रोक
तालिबान ने नाइयों को दाढ़ी काटने और शेव करने से मना किया है. यह आदेश अभी हाल ही में हेलमंद प्रांत में लागू किया गया है. यह अभी साफ नहीं है कि इसे देश भर में लागू किया जाएगा या नहीं. 1996 से 2001 तक पिछले तालिबान शासन के दौरान पुरुषों की दाढ़ी काटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
तस्वीर: APTN
महिलाओं के चेहरे मिटाए जा रहे
ब्यूटी पार्लर के बाहर तस्वीरें हों या विज्ञापन तालिबान महिलाओं की ऐसी तस्वीरों को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता है. ऐसी तस्वीरें हटा दी गईं या फिर उन्हें छुपा दिया गया.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
लड़कियों को अपनी शिक्षा का डर
तालिबान ने लड़कियों को प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने की इजाजत दी है, लेकिन लड़कियों ने अभी तक माध्यमिक विद्यालयों में जाना शुरू नहीं किया है. यूनिवर्सिटी में लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बैठने को कहा गया है.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
क्रिकेट का खेल
क्रिकेट खेलने के लिए काबुल के चमन-ए-होजरी पार्क में युवकों का एक समूह इकट्ठा हुआ है. जबकि महिलाओं को अब कोई खेल खेलने की इजाजत नहीं है. क्रिकेट अफगानिस्तान में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बढ़ती बेरोजगारी
अफगानिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विदेशी सहायता रुकने से वित्त संकट खड़ा हो गया है. इस तस्वीर में ये दिहाड़ी मजदूर बेकार बैठे हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
नमाज भी जरूरी
जुमे की नमाज के लिए लोग इकट्ठा हुए हैं. मुसलमानों के लिए शुक्रवार का दिन अहम होता है और जुमे की नमाज का भी खास महत्व होता है. इस तस्वीर में एक लड़की भी दिख रही है जो जूते पॉलिश कर रोजी-रोटी कमाती है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
आम नागरिक परेशान, तालिबान खुश
अफगान नागरिक एक अजीब संघर्ष में जिंदगी बिता रहे हैं, लेकिन तालिबान अक्सर इसका आनंद लेते दिखते हैं. इस तस्वीर में तालिबान के लड़ाके स्पीडबोट की सवारी का मजा ले रहे हैं.