माली: सैनिकों का विद्रोह,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री गिरफ्तार
२५ मई २०२१
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में सैनिकों ने अंतरिम राष्ट्रपति बाह अन डाव और प्रधानमंत्री मक्तार उआन को हिरासत में ले लिया है. जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने नाराजगी जताई है.
विज्ञापन
यूरोपीय संघ ने माली में सैनिकों द्वारा नागरिक नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा की है. ईयू ने इसे "अपहरण" करार दिया है. माली के सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री सुलेमान डोकूर को भी गिरफ्तार किया है. सेना की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी आलोचना की है. गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर इन नेताओं को राजधानी बामाको के पास काती में सैन्य अड्डे ले जाया गया. कैबिनेट में फेरबदल के बाद सेना के दो सदस्यों के पदों को खोने के कुछ ही घंटों बाद यह गिरफ्तारियां हुईं.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ और पश्चिम अफ्रीकी आर्थिक समुदाय ने गिरफ्तारियों की निंदा की है और नेताओं की तत्काल रिहाई का आह्वान किया है. यूरोपीय संघ, अमेरिका और ब्रिटेन ने भी "संभावित तख्तापलट" की आलोचना की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि वे अन डाव और उआन की गिरफ्तारी को लेकर ''बेहद चिंतित'' हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं शांति और उनकी बिना शर्त रिहाई का आग्रह करता हूं."
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा, "जो कुछ भी हुआ है वह बहुत गलत और गंभीर है और हम इसके खिलाफ आवश्यक कदमों पर विचार करने के लिए तैयार हैं."
माली की राजनीतिक स्थिति
पिछले साल अगस्त में, माली की सेना ने राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को पद से हटने पर मजबूर किया था. सितंबर में अन डाव के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. अंतरिम सरकार 18 महीने के लिए बनी थी और उसे देश में सुधारों को लागू करने और चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया था. अंतरिम सरकार में कई प्रमुख नेता सेना से हैं. अन डाव खुद सेना के अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. माली वर्तमान में कई सुरक्षा और मानवीय संकटों का सामना कर रहा है.
अलगाववादी और इस्लामी समूह 2012 से ही सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध छेड़े हुए हैं. युद्ध ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और हिंसा पड़ोसी बुरकिना फासो और नाइजर में फैल गई है. यही नहीं, पर्यावरण के मुद्दों ने देश की खाद्य आपूर्ति और कृषि क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है. तो दूसरी ओर कोविड-19 महामारी ने माली की अविकसित स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाला है.
एए/वीके (रॉयटर्स, एपी, डीपीए)
कौन से देश विदेशियों को करते हैं अपनी सेना में शामिल
क्या कोई देश किसी दूसरे देश के नागरिकों को अपनी सेना में भर्ती कर सकता है? जर्मनी इस बारे में विचार कर रहा है, लेकिन वास्तव में अमेरिका और रूस समेत कई देश सेना में विदेशी लोगों को भर्ती करते हैं.
तस्वीर: Ryan Remiorz/Canadian Press/Zuma/picture alliance
कनाडा
2022 के नवंबर की शुरुआत में कनाडा के सशस्त्र बलों (सीएएफ) ने घोषणा की कि स्थायी निवासियों को अब सेवाओं में भर्ती दी जाएगी, क्योंकि सेना में इन दिनों सैनिकों की कमी है. सीएएफ के इस कदम से कनाडा निवासी भारतीयों को फायदा मिलेगा. 2021 में करीब एक लाख भारतीय कनाडा के स्थायी निवासी बने थे.
तस्वीर: Ryan Remiorz/Canadian Press/Zuma/picture alliance
अमेरिका
अमेरिका की सेना में स्थाई निवासी और ग्रीन कार्ड रखने वाले ही शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्हें सेना में कमीशन नहीं मिलता. 2002 में तब के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने गैर-अमेरिकी सैनिकों की नागरिकता को आसान और तेज बनाने के आदेश दिए. हर साल यहां सेना में 8,000 विदेशी नागरिक भर्ती होते हैं. इनमें ज्यादातर मेक्सिको और फ्रांस के लोग हैं. माइक्रोनेशिया और पलाउ के लोग भी सेना में आ सकते हैं.
तस्वीर: Patrick T. Fallon/AFP
रूस
सेना में शामिल होने के नियमों को 2010 में रूस ने आसान किया. इसे पुराने सोवियत संघ के देशों में रह रहे रूसी लोगों को बुलाने का जरिया माना गया. हालांकि रूस ने विदेशियों के लिए कई दूसरे कदम भी उठाए हैं. रूसी भाषा बोलने वाले गैर-रूसी लोग 5 साल के करार पर सेना में जा सकते हैं. 3 साल बाद नागरिकता के भी कई विकल्प मिलते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/V. Savitskii
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने 2018 में कॉमनवेल्थ देशों के नागरिकों के सेना में भर्ती होने के लिए चली आ रही 5 साल ब्रिटेन में रहने की शर्त को खत्म कर दिया है. अन्य देशों के नागरिक यहां की सेना में नहीं जा सकते यहां तक कि यूरोपीय संघ के भी नहीं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Kirk
फ्रांस
फ्रांस का फॉरेन लीजन अनोखा है. यह सबसे पुरानी सिर्फ विदेशी सैनिकों की शाखा है जो अब भी सक्रिय है. यह 1831 में बनी और इसे अब भी फ्रेंच सेना के अधिकारियों से आदेश मिलता है. इसमें शामिल लोग 3 साल की नौकरी के बाद ही फ्रांस की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
तस्वीर: Reuters/G. Fuentes
स्पेन
स्पेन ने 2002 से विदेशियों की सेना में भर्ती शुरू की. पहले स्पेन के पुराने उपनिवेशों के नागरिकों को मौका दिया गया. बाद में इसमें मोरक्को भी शामिल हुआ. मोरक्को का उत्तरी हिस्सा कभी स्पेन का उपनिवेश रहा था. सेना में कई ऐसे लोग भी हैं जो स्पेनवासी नहीं हैं. विदेशियों का कोटा 2 फीसदी से बढ़ कर अब 9 फीसदी हो गया.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS/Legan P. Mace
बेल्जियम
2004 से बेल्जियम की सेना में 18-34 साल के यूरोपीय नागरिकों की सैनिक के रूप में भर्ती शुरू की गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/V. Lefour
आयरलैंड
आयरलैंड यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र यानी यूरोपीय संघ समेत आइसलैंड, लिश्टेनश्टाइन और नॉर्वे के लोगों को सेना में शामिल करता है. दूसरे देश के नागरिक अगर 3 साल से ज्यादा समय से आयरलैंड में रह रहे हों, तो वे भी सेना में भर्ती हो सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/A. Widak
लग्जमबर्ग
लग्जमबर्ग भी यूरोपीय नागरिकों को अपनी सेना में जगह देता है. बशर्ते वो देश में 3 साल से ज्यादा वक्त से रह रहे हों और उनकी उम्र 18 से 24 साल के बीच हो.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Marin
डेनमार्क
डेनमार्क की सेना में भर्ती होने के लिए डेनमार्क में रहने वाले विदेशी लोग आवेदन दे सकते हैं. डेनमार्क में रहने के अलावा उम्मीदवार का डैनिश भाषा बोलना भी जरूरी है.