गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा है कि पति द्वारा पत्नी की असहमति के बावजूद शारीरिक संबंध बनाने को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता. न्यायालय ने हालांकि कहा कि साथी के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने को क्रूरता की श्रेणी में रखा जाएगा.
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एक महिला चिकित्सक ने अपने पति के खिलाफ दुष्कर्म व शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराया था. पति भी चिकित्सक है. न्यायालय ने इसी मामले में यह फैसला सुनाया है. शिकायतकर्ता के अनुसार उनका पति इच्छा नहीं होने के बावजूद उन्हें सेक्स करने के लिए मजबूर करता है. उन्होंने अपने पति पर मुख मैथुन व अप्राकृतिक संबंध बनाने तथा दहेज उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था.
पत्नी की शिकायत के खिलाफ आरोपी पति ने गुजरात उच्च न्यायालय की शरण ली. गुजरात उच्च न्यायायल के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला ने कहा, "पत्नी से उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता. पत्नी के कहने पर उसके पति पर दुष्कर्म के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अंतर्गत मामला दर्ज नहीं हो सकता क्योंकि वैवाहिक दुष्कर्म धारा 375 के अंतर्गत नहीं आता, जो आदमी को उसकी पत्नी (18 साल से बड़ी) से शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत देता है."
वैवाहिक बलात्कार पर दुनिया का नजरिया
भारत समेत दुनिया के कई देशों में वैवाहिक बलात्कार पर कोई कानून नहीं हैं तो वहीं बहुत से देशों ने इसे अपराध की श्रेणी में रखा है. जानते हैं मैरिटल रेप पर दुनिया का नजरिया.
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अपराध
दुनिया के लगभग हर बड़े देश में मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. ऑस्ट्रेलिया ने साल 1976 में शादी में होने वाले बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखा. इसके अतिरिक्त यूरोपीय देशों मसलन स्वीडन, नॉर्वे, डेनमार्क, पूर्व सोवियत संघ और चेकोस्लोवाकिया में भी इसके खिलाफ कानून रहे हैं.
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संरक्षण समाप्त
साल 1932 में पोलैंड ने सबसे पहले स्पष्ट रूप से मैरिटल रेप को आपराधिक श्रेणी में रखा था. साल 1980 में कई देशों मसलन दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, न्यूजीलैंड, मलेशिया, घाना और इस्राएल जैसे देशों ने भी वैवाहिक बलात्कार को मिले संरक्षण को समाप्त कर दिया.
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संवैधानिक अधिकार
साल 2002 में नेपाल ने भी वैवाहिक बलात्कार से छुटकारा पा लिया, नेपाल की शीर्ष अदालत ने माना कि यह समान संरक्षण और गोपनीयता के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ था. अदालत ने कहा, "जब कोई कृत्य किसी अविवाहित लड़की के खिलाफ अपराध माना जाता है तो वह किसी विवाहित महिला के खिलाफ अपराध कैसे नहीं माना जा सकता."
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कही अपवाद भी
महिला मुद्दों पर जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल 179 देशों में से तकरीबन 52 देशों ने अपने कानूनी ढांचे में बदलाव कर वैवाहिक बलात्कार को अपराध की सूची में शामिल कर लिया है. अन्य देशों में इन बलात्कारों को या तो अपवाद माना गया है तो वहीं कुछ देशों में इन्हें बलात्कार के आम कानूनों की श्रेणी में रखा जाता है.
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नाबालिग को नहीं राहत
एक सर्वेक्षण के मुताबिक घाना, भारत, इंडोनेशिया, जॉर्डन, नाइजीरिया, सिंगापुर, श्रीलंका और तंजानिया जैसे देशों के कानून वैवाहिक बलात्कार पर किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाते, यहां तक कि अगर इन बलात्कार के मामलों में पीड़ित नाबालिग भी हैं तब भी उसके लिए कोई रियायत नहीं है.
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जूझती महिलायें
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया की तकरीबन 2.6 अरब महिलाएं उन देशों में रह रहीं हैं जहां वैवाहिक बलात्कार पर कोई कानून ही नहीं है. भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, म्यांमार, अफगानिस्तान, मलेशिया, सिंगापुर, ईरान, बहरीन, मध्यपूर्व के तमाम देश और कई अफ्रीकी देशों में इस पर कोई कानून ही नहीं है.
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पर्दीवाला ने हालांकि कहा कि कोई महिला अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए धारा 377 के अंतर्गत मामला दर्ज करा सकती है. पिछले निर्णयों का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा, "एक व्यक्ति को अपनी वैध पत्नी से शारीरिक संबंध का अधिकार है लेकिन वह उसकी संपत्ति नहीं है और यह उसकी इच्छा के बिना नहीं होना चाहिए." न्यायालय ने कहा कि दहेज मांगना या इसके लिए किसी का उत्पीड़न करना अपराध की श्रेणी में आता है.
अदालत ने मामले को जांच के लिए सीआईडी या सीबीआई को सौंपने के आग्रह को नहीं माना और महिला चिकित्सक की शिकायत पर सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया. अदालत ने साथ ही महिला द्वारा अपने सास-ससुर के खिलाफ दायर शिकायत को खारिज कर दिया.
आईएएनएस/आईबी
यहां होते हैं सबसे ज्यादा बलात्कार
आंकड़ों को देखें तो महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बलात्कार की समस्या लगातार खराब होती जा रही है. हालांकि हर देश में बलात्कार कानून अलग हैं और सब लोग इसकी रिपोर्ट भी नहीं करते, लेकिन संख्या के हिसाब से ये देश चोटी पर हैं.
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1. दक्षिण अफ्रीका
पहले नंबर पर दक्षिण अफ्रीका है जहां प्रति एक लाख बलात्कार के 132 मामले रजिस्टर हुए.
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2. बोत्स्वाना
इस सूची में दूसरे नंबर पर अफ्रीकी देश बोत्स्वाना है जहां प्रति लाख बलात्कार के 93 मामले दर्ज हुए.
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3. स्वीडन
सबसे ज्यादा बलात्कार वाली सूची में तीसरे नंबर पर यूरोपीय देश स्वीडन है जहां प्रति लाख 69 मामले दर्ज हुए.
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4. निकारागुआ
निकारागुआ कुछ साल पहले तक युद्ध पीड़ित रहा है. वहां प्रति लाख 31.6 मामले दर्ज किये गये.
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5. ग्रेनेडा
हिंसा और बलात्कार अहम मुद्दा है. सालाना प्रति लाख 30 मामले दर्ज. देश की आबादी ही एक लाख है.
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6. पाकिस्तान
भारत का पड़ोसी छठे नंबर है. यहां सालाना बलात्कार के प्रति लाख 28.8 मामले सामने आते हैं.
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7. सेंट किट्स
कैरिबिक देश सेंट किट्स यूं तो बहुत छोटा है लेकिन बलात्कार के मामले में यह ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़ा जहां प्रति लाख 28.6 मामले सामने आए.
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8. ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में 28.6 प्रति लाख की दर है. यहां लोग शिकायत भी करते हैं और पुलिस कार्रवाई भी करती है.
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9. पनामा
मध्य अमेरिकी देश पनामा में बलात्कार की दर 28.3 है जिसमें ज्यादातर वैवाहिक बलात्कार के मामले हैं
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10. बेल्जियम
यूरोपीय देश बेल्जियम इस सूची में 27.9 मामलों के साथ दसवें नंबर पर है. यहां सजा अपेक्षाकृत कम है.