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विज्ञानऑस्ट्रेलिया

यह रोबोट मवेशी भी चराएगा और मिट्टी को भी बचाएगा

१२ दिसम्बर २०२४

'स्वैगबॉट' को 2016 में मवेशियों को चराने वाले एक रोबोट के रूप में विकसित किया गया था. अब एआई के इस्तेमाल से इसे ऐसा रोबोट बनाया जा रहा है, जो पशुपालन को ज्यादा कारगर और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद कर सकता है.

एक मैदान में घूमता स्वैगबॉट
स्वैगबॉट पशुपालन के कई काम कर सकता हैतस्वीर: Cordelia Hsu/REUTERS

चार पहियों और चटख लाल रंग वाले 'स्वैगबॉट' को बनाने वालों का दावा है कि वह पशुपालन में क्रांति ला देगा. सिडनी विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रोबोट पशुपालन को ज्यादा प्रभावशाली और पर्यावरण के अनुकूल बना देगा.

इसके 2016 के स्वरूप को और विकसित करने के लिए सेंसर, एआई और मशीन लर्निंग सिस्टम लगाए गए हैं. बैटरी से चलने वाला स्वैगबॉट अब चरागाहों की हालत, किस्म और उसमें मौजूद वनस्पतियां कितनी घनी हैं, इन सब बातों का पता लगा सकता है. साथ ही, मवेशियों के स्वास्थ्य की भी निगरानी कर सकता है.

पशुपालन के कई काम संभाल सकता है रोबोट

जरूरी जानकारियों का इस्तेमाल कर रोबोट खुद मवेशियों को सबसे अच्छे चरागाहों की तरफ ले जा सकता है. वहां चारे के खत्म होने या मिट्टी के खराब होने से पहले वह मवेशियों को किसी मुफीद जगह भी ले जा सकेगा. रोबोट सारा डेटा किसानों के पास भी भेज सकता है.

स्वैगबॉट मवेशियों के स्वास्थ्य पर भी नजर रख सकता हैतस्वीर: Cordelia Hsu/REUTERS

इस रोबोट को बनाने वाली टीम के सदस्य और सिडनी विश्वविद्यालय में 'रोबोटिक्स एंड इंटेलीजेंट सिस्टम्स' के प्रोफेसर सलाह सुकारिए ने बताया, "एक बार मवेशियों को रोबोट की आदत लग जाए, उसके बाद वे उसके पीछे-पीछे घूमेंगे." सुकारिए ने यह भी बताया, "आप मवेशियों को चरागाह के ऐसे हिस्से में ले जाना चाहते हैं, जहां ज्यादा प्रोटीन है, कार्ब्स हैं और आप चाहते हैं कि आप बाड़ के बिना आसानी से ऐसा कर सकें."

मिलिए मुस्कुराने वाले रोबोट से

ऑस्ट्रेलिया दुनिया के सबसे बड़े बीफ निर्यातकों में से है. देश में करीब तीन करोड़ मवेशी हैं. बारिश की कमी के कारण जमीन अक्सर सूखी रहती है और चरागाह भी सीमित हैं. किसान लगातार यह मूल्यांकन करते रहते हैं कि उनकी जमीन कितने पशुओं का बोझ उठा सकती है. हालांकि, बड़े और बंद इलाकों में पशु कहां चरने जाते हैं इसपर उनका बहुत कम नियंत्रण होता है.

श्रमिकों पर निर्भरता का विकल्प

चरागाह को बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाए, तो मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो सकती है. ऐसी हालत में धीरे-धीरे वहां वनस्पतियां कम होने लगती हैं. एरिन ओ'नील एक पार्ट-टाइम किसान हैं, जिन्होंने हाल ही में सिडनी के नजदीक एक मैदान में रोबोट का प्रदर्शन देखा. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए रॉयटर्स को बताया, "यह हमें साथ-के-साथ और काफी विस्तार से अपने इलाकों का मूल्यांकन करने में मदद करता है."

रोबोट से खेती क्यों करवाने लगे किसान

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उन्होंने यह भी कहा, "इससे हम यह जान सकते हैं कि चरागाह के कौन से हिस्से सबसे ज्यादा पोषक हैं, विशेष रूप से अगर आपके पास गर्भवती मवेशी हों और इसकी वजह से उन्हें बेहतर गुणवत्ता का चारा चाहिए."

इस रोबोट को पसीना भी आता है

स्वैगबॉट पर अभी भी काम चल रहा है. यह तकनीक खेती में रोबोटिक्स के उस बढ़ते चलन का हिस्सा है, जो उत्पादन को अधिक प्रभावशाली बना सकता है. ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों में किसी दूर-दराज के इलाके में खेती के लिए किसी को काम पर रखना मुश्किल हो सकता है. इन परिस्थितियों में रोबोट, कामगारों पर निर्भरता को कम कर सकते हैं.

सीके/एसएम (रॉयटर्स)

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