1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बीजिंग में मेलोनी ने चीन के साथ किए कई समझौते

२९ जुलाई २०२४

यूरोपीय संघ के सदस्य इटली ने चीन के साथ कई नए समझौते किए हैं. क्या इनसे यूरोप में कारोबारी युद्ध छिड़ेगा.

शी जिनपिंग और जॉर्जिया मेलोनी
बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति के साथ इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनीतस्वीर: Vincent Thian/Getty Images

चीन के दौरे पर गईं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने रविवार को दोनों देशों के बीच तीन साल की आर्थिक सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए. अक्टूबर 2022 में इटली की प्रधानमंत्री बनने के बाद मेलोनी की यह पहली चीन यात्रा है. बीजिंग में उन्होंने कहा, यह यात्रा "हमारे द्विपक्षीय सहयोग को फिर से लॉन्च करने वाले नए दौर को शुरू करने की इच्छा दर्शाती है."

47 साल की मेलोनी इटली की दक्षिणपंथी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की नेता हैं. बीजिंग में चीन और यूरोप के आर्थिक रिश्तों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह चीन के साथ "निष्पक्ष" कारोबारी रिश्ते देखना चाहती हैं. इतालवी न्यूज एजेंसी एएनएसए के मुताबिक, मेलोनी ने कहा, "इटली में चीन का निवेश, चीन में इटैलियन निवेश का एक तिहाई है." और वह इस फासले को भरते हुए देखना चाहती हैं. 2023 में इटली और चीन के बीच 66.8 अरब यूरो का कारोबार हुआ. इस कारोबार का ज्यादातर हिस्सा चीन के पक्ष में झुका रहा.

तीन साल की डील के तहत, दोनों देश इलेक्ट्रिक गाड़ियों और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग करेंगे. इस दौरान मेलोनी ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से बातचीत भी की. चीनी पीएम ली ने कहा, दोनों देश "शिप निर्माण, एयरोस्पेस, नई ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" के क्षेत्र में "पारस्परिक लाभकारी साझेदारी" पर सहमत हुए हैं.

बीजिंग में सोमवार को इटली और चीन के शीर्ष नेताओं की बैठकतस्वीर: Vincent Thian/Getty Images

इटली ने दिया चीन को बीआरआई झटका

एक ऐसे वक्त में जब यूरोपीय देश चीन पर अपनी निर्भरता कम करने में जुटे हैं, तब मेलोनी बीजिंग के साथ नए समझौते कर रही हैं. इन संधियों के जरिए इटली, चीन के साथ अपने रिश्ते फिर से सुधारने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले दिसंबर 2023 में मेलोनी की सरकार ने ही इटली और चीन के बीच हुए बेल्ट एंड रोड मुहिम (बीआरआई) को रद्द किया था.

बीआरआई के तहत चीन, दुनिया भर के बाजारों तक तेजी से पहुंचने के लिए, कई देशों में सड़कों, रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का नेटवर्क बना रहा है. इस मुहिम के तहत ऊर्जा और डिजिटल आधारभूत ढांचा भी बनाया जा रहा है. जी7 देशों के समूह में सिर्फ इटली ही अकेला था, जिसने 2019 में बीआरआई पर दस्तखत किए थे. लेकिन अमेरिका और यूरोपीय के दबाव की वजह से इटली को इससे बाहर निकलना पड़ा.

चीनी मीडिया के मुताबिक मेलोनी की इस यात्रा का लक्ष्य बीआरआई एपिसोड से पैदा हुई "गलतफहमी को दूर करना" है.

दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के साथ पश्चिमी देशों के रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. पश्चिमी देशों को लगता है कि आर्थिक रूप से खुद को मजबूत करने के बाद चीन अब सामरिक रूप से ताकत के बल पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद ऐसी चिंताएं और मजबूत हुई हैं.

इटली चीन बिजनेस फोरम में मेलोनी और ली कियांगतस्वीर: Yue Yuewei/Xinhua/IMAGO

बीजिंग में कैसा है मेलोनी का कार्यक्रम

सोमवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने से पहले रविवार शाम मेलोनी ने इटली-चाइना बिजनेस फोरम में भी शिरकत की. इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रोमोबिलिटी के क्षेत्र में "चीन पिछले कुछ समय से तकनीकी रूप से सबसे आगे है....और अपने साझेदारों के साथ नए ज्ञान को साझा भी कर रहा है."

कैसे जर्मनी को पछाड़ यूरोप का पावरहाउस बन रहा है इटली

फोरम में इटली की टायर निर्माता कंपनी पिरेली, ऊर्जा ग्रुप ईएनआई, रक्षा ग्रुप लियोनार्डो और प्रमुख वाइन उत्पादक भी शामिल थे. इस दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली ने भरोसा दिलाया कि उनका देश अपने बाजार को और ज्यादा खोलेगा और विदेशी कंपनियों के लिए पारदर्शी कारोबारी माहौल बनाएगा. फिलहाल चीन पर विदेशी कंपनियों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगते हैं. आलोचक कहते हैं कि उसकी नीतियां प्रतिस्पर्धा के मामले चीनी कंपनियों को ज्यादा फायदा पहुंचाती हैं.

ली ने कहा, "इसी के साथ हम ये भी उम्मीद करते हैं कि इतालवी पक्ष चीन के साथ काम करते हुए इटली में चीनी कंपनियों के लिए ज्यादा निष्पक्ष, बराबरी वाला और भेदभाव न करने वाला कारोबारी माहौल बनाएगा."

एक्सपोर्ट के लिए तैयारी चीन की इलेक्ट्रिक कारेंतस्वीर: TANG KE/Avalon/Photoshot/picture alliance

मई 2024 में फिएट कार बनाने वाली इटैलियन कंपनी स्टेलांटिस ने इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले चीनी स्टार्ट अप लीपमोटर के साथ ज्वाइंट वेंचर का करार किया. रोम चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा चीनी कार निर्माता इटली आएं.

दूसरी तरफ इटली ने चीनी कार कंपनियों पर यूरोपीय संघ के नए 37.6 परसेंट टैक्स का भी स्वागत किया है. यूरोपीय संघ के मुताबिक चीन अपनी सस्ती कारों के जरिए यूरोप के बाजार को भर देना चाहता है. चीन सरकार पर आरोप हैं कि उसने भारी सरकारी रियायत देकर इलेक्ट्रिक कारों के दाम इतने सस्ते किए हैं कि दूसरे टिक ही न सकें. ईयू इसे यूरोपीय कार निर्माताओं को तबाह करने वाली रणनीति की तरह देखता है.

चीन ने यूरोपीय संघ के टैक्स के जवाब में ईयू में पोर्क, वाइन और डेयरी प्रोडक्ट्स को दी जाने वाली सब्सिडी की जांच शुरू कर दी है. नवंबर में यूरोपीय संघ और चीन इन मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत करेंगे.

ओएसजे/आरएस (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)

चीनी कंपनी बनी सबसे बड़ी ई कार निर्माता

02:09

This browser does not support the video element.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें