प्रकृति और पर्यावरणभारतपांच साल चलेगा ये 'मेड इन इंडिया' सैनिटरी पैड08:37This browser does not support the video element.प्रकृति और पर्यावरणभारत16.01.2023१६ जनवरी २०२३भारत में हर महीने महिलाओं के पीरियड्स के दौरान काम आने वाले करीब 100 करोड़ पैड कचरे में जाते हैं. इससे एक साल में 1.13 लाख टन कचरा पैदा होता है. लेकिन जयपुर में बन रहा एक ईको फ्रेडली पैड इस समस्या का जवाब हो सकता है.लिंक कॉपी करेंविज्ञापन