मर्सिडीज ने तैरना सीख लिया है. इसके लिए जर्मनी की कार कंपनी ने ब्रिटेन की कंपनी सिल्वर एरो मरीन के साथ साझेदारी की है. वह लक्जरी बोट की स्पेशलिस्ट है. मकसद है कि समुद्र पर कैब्रियो ड्राइव करने की फीलिंग लाना.
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सिल्वर एरोज मरीन के सीईओ जैकोपो स्पाडोलिनी कहते हैं कि एक यॉट कार जैसा नहीं हो सकता क्योंकि समुद्र की पृष्ठभूमि बदलती रहती है, यह सड़क नहीं है इसलिए आपको आरामदेह और सुविधाजनक ड्राइविंग की फीलिंग आनी चाहिए.
मर्सिडीज की यह लक्जरी बोट उसी डिजायन से निकली है जिससे एस-क्लास का कैब्रियो मॉडल निकला था. यॉट में चारों तरफ शीशे हैं जो एक बटन दबाते ही खुल जाते हैं. और तब आपको हवा में होने का अहसास होता है. कैब्रियो का अहसास बोट पर, यही इस डिजायन का मूल मंत्र है. गॉर्डन वागेनर ने इसे डिजायन किया. वे 2008 से मर्सिडीज कारों के डिजायन के लिए जिम्मेदार हैं.
वह बताते हैं, "यह बोट पानी पर तैरने वाली दूसरी नावों से इसलिए एकदम अलग दिखती है क्योंकि यह ऑटोमोटिव फॉर्म को पानी पर लाती है. इसे कूल होना चाहिए. और जब लोग कहते हैं कि ये कूल है तो उनका मतलब क्या होता है? उनका मतलब होता है कि वाओ, ऐसा तो हमने पहले कभी देखा ही नहीं. और इसका दूसरा हिस्सा हिल्कुल हॉट है."
देखिए पानी पर तैरते थाईलैंड के बाजार
थाईलैंड के तैरते बाजार
राजधानी बैंकॉक के अलावा भी थाईलैंड में पर्यटकों के लिए कई आकर्षण हैं. इनमें से एक खास है - तैरता बाजार. नहरों में नावों पर बैठ दुकानदार सामान भेजते हैं, और खरीददार भी लहरों पर उतराते हुए ही चीजें देखते या खरीदते हैं.
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सबसे लोकप्रिय बाजार
दामओएन सादुआ का बाजार बैंकाक से ज्यादा दूर नहीं है. इस कारण भी बहुत से पर्यटक यहां जाना पसंद करते हैं. थाईलैंड के इस तैरते बाजार में हस्तशिल्प से लेकर खाने पीने की चीजें तक सब मिलती हैं.
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सुहानी सुबह
सुबह जल्दी उठ कर बैंकॉक से करीब एक घंटे की दूरी पर स्थित इस बाजार तक पहुंच सकते हैं. वहां सजी धजी लेकिन पतली नावों से आप बाजार की सैर कर सकते हैं.
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पतले रास्ते
पतली नहर में कई सारी इंजिन से चलने वाली नावों का शोर तो होगा. लेकिन दोनों किनारों पर लगी दुकानें और लकड़ी के बने घरों को देखना बहुत सुंदर अनुभव होगा.
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दोमंजिला इमारतें भी
कुछ बाजार लकड़ी की दो मंजिला इमारतों में बसे हैं. यहां नाव को किनारे पर लगा कर उतरा जा सकता है और पैदल भी खरीदारी हो सकती है.
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रंगीन बाजार
नाव पर करीब 20 मिनट की यात्रा में ही आप तैरते बाजारों से होकर निकल चुके होते हैं. बाजार में सामान बेचने और खरीदने वालों की आवाजों और वहां मिलने वाली रंग बिरंगी चीजों से आपकी यात्रा में कई रंग भर जाते हैं.
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कला भी
ताजा खानपान के अलावा कला का भी बाजार सजता है. तस्वीरें, बर्तन, मूर्तियां और थाईलैंड की संस्कृति की छाप लिए कई सजावटी चीजें यहां के तैरते बाजार में बिकती हैं.
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देसी खाना
भीड़-भाड़ वाले इलाके से निकल कर एक ऐसी जगह आती है जहां खाने की तमाम चीजें बिक रही होती हैं. केवल कच्चे फल और सब्जियां ही नहीं बल्कि नारियल से बने ताजे पैनकेक और नूडल्स भी.
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पानी बिच प्यासे
अगर पानी के बीच घूमते घूमते प्यास लग जाए तो सबसे अच्छा विकल्प होगा नारियल पानी. अपनी नाव में चलते चलते ही एक दूसरी नाव से खरीदा और प्यास बुझा ली.
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मुस्कराते चेहरे
कई खरीददार चीजों की कीमत को लेकर खूब मोल भाव भी करते हैं. लेकिन दुकानदार अपना मूड खराब नहीं करते. सामान की कीमत लेते हैं और मुस्कान मुफ्त देते हैं.
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खरीददारी जरूरी नहीं
अगर कुछ शॉपिंग ना भी करनी हो तो भी इस बाजार का चक्कर जरूर लगाना चाहिए. समान ना सही इन खबसूरत नजारों की यादें तो आप पक्के तौर पर साथ ले कर लौटेंगे.
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ऑटो कंपनियां बोट भी बनाएं इसमें कुछ नया नहीं है. सालों से पोर्शे, एस्टन मार्टिन, फरारी और बुगाटी जैसी कंपनियां छोटे बड़े जहाज बना रही हैं. कार कंपनियों का मकसद है कि कोट डे आजुर में महंगे यॉट के साथ दिखने वाले रईस ग्राहकों को कार उद्योग के लिए जीतना. एक यॉट के लिए 25 लाख यूरो खर्च करने वाले लोग कारों के भी शौकीन होते हैं. वागेनर के लिए यॉट बनाना बहुत खास प्रोजेक्ट है.
स्पाडोलिनी कहते हैं कि पानी पर ये अकेला ब्रांड है जो एकदम अलग है. जो अब तक मर्सिडीज कारों का इस्तेमाल नहीं करते थे, वे मर्सिडीज बोट की ओर आकर्षित होंगे. किसी ब्रांड को दूसरे सेग्मेंट में ले जाना जाना बड़ी चुनौती होती है. क्योंकि इसके लिए पहले तो जर्मन कार निर्माता की डिजायन कंसेप्ट को बोट पर लागू करना होगा. और यह कोई आसान काम नहीं है. स्डोलिनी तो कहते हैं कि यदि आप जानें कि किस मैटीरियल से बोट बनाई जाती है, तो यह फॉर्म बनाना सचमुच मुश्किल है. दरअसल आप कहेंगे कि छोड़ो, इसे बनाने की जरूरत नहीं.
देखिए अब ऐसे हवई जहाज बनेंगे
अब ऐसे हवाई जहाज बनेंगे
भविष्य में ऐसे विमानों की जरूरत होगी जिनमें ईंधन की खपत कम से कम हो. इसलिए विशेषज्ञ ऐसे हवाई जहाजों के डिजाइन तैयार करने पर काम कर रहे हैं.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
डिजाइन है अहम
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान का सही डिजाइन ईंधन की कम खपत में मददगार साबित हो सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जर्मन एयरोस्पेस सेंटर डीएलआर ने "ब्लैंडिड विंग बॉडी" डिजाइन बनाया है. इसमें विमान के कैबिन और पंखों को जोड़ दिया गया है.
तस्वीर: DLR
साफ स्वच्छ उड़ान
दुनिया भर में कार्बन डाई ऑक्साइड का तीन प्रतिशत उत्सर्जन विमानों के आवागमन से होता है. यूरोपीय आयोग ने 2050 तक इसमें एक तिहाई की कमी करने की मांग की है. इस तस्वीर में बिजली से उड़ने वाले एक विमान के डिजाइन की कल्पना की गई जो जहरीली गैस के उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन
इलेक्ट्रिक विमानों को जमीन से आसमान में ताकतवर इंजनों की मदद से ही पहुंचाया जा सकता है. इन इंजनों में केबल और वायरिंग बिजली मुहैया कराने में किसी किस्म की रुकावट पैदा नहीं करेगी. लेकिन इसके लिए बैटरियों का वजन आज के मुकाबले कम करना होगा.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
जेट इंजन नहीं, बड़े प्रोपेलर
आधुनिक शक्तिशाली इंजनों के मुकाबले घूमने वाले ओपन रोटर्स ज्यादा असरदार साबित होंगे. ये एक टरबाइन या प्रोपेलर की तरह काम करते हैं. प्रयोगों से साबित होता है कि इस तरह ईंधन की और 20 फीसदी तक बचत हो सकती है. ये रोटर्स व्यास में पांच मीटर तक हो सकते हैं.
तस्वीर: DLR
कम खर्च लेकिन शोर बहुत
बेहतर होगा कि इन खुले हुए टोटर्स को विमान के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाए. ईंधन की बचत के साथ ऐसे विमानों में सफर करना आजकल के मुकाबले कुछ धीमा होगा. यानी जिस सफर में अभी दो घंटे लगते हैं, उसके लिए इस विमान में आपको सवा दो घंटे लगाने होंगे. लेकिन इन खुले रोटर्स का नुकसान ये है कि इसमें शोर बहुत होगा.
तस्वीर: DLR
सूरज की रोशनी से उड़ान
यह है सौर ऊर्जा से उड़ने वाले सोलर इंपल्स विमान. दुनिया का चक्कर लगाने वाले इस विमान से भी भविष्य की झलक मिलती है. लेकिन अभी तो यह एक घंटे में सिर्फ 70 किलोमीटर उड़ता है और भारी वजन भी साथ नहीं ले जा सकता है.
तस्वीर: Reuters
बंद होने वाले विंग्स
पतले और लंबे पंख एयरोडाइनामिक्स के लिए बहुत अच्छे होते हैं. इस तरह भी ईंधन की बचत हो सकती है. सौर ऊर्जा से चलने वाले विमान के पंख 63 मीटर लंबे हैं. हालांकि ऐसे हवाई जहाज हर हवाई अड्डे पर नहीं उतर सकते. बंद होने वाले पंख बना कर इस समस्या को हल किया जा सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
दो मंजिला हवाई जहाज
"बॉक्स विंग" नाम के इस विमान के पिछले हिस्सों मे बड़े बड़े पंखे या प्रोपेलर लगे हैं और इसके पंख बेहद पतले हैं. इस डबल डेकर या कहिए दो मंजिला हवाई जहाज का डिजाइन एक तीर की तरह है. इससे ईंधन की बचत भी होती है और ये तेज रफ्तार उड़ान भी भर सकता है. इसके पंख छोटे हैं ताकि यह आम हवाई अड्डों पर भी उतर सके.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
यूरोप से ऑस्ट्रेलिया 90 मिनट में
व्यस्त लोगों के पास समय की बहुत कमी होती और उनकी प्राथमिकताएं भी अलग होती हैं. डीएलआर का ये स्पेसलाइन रॉकेट इंजनों वाला यात्री विमान है. आप इसमें 2050 के बाद ही सफर कर पाएंगे. लेकिन इससे यूरोप से ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकेगा. अभी यह दूरी 20 घंटे से ऊपर है.
तस्वीर: DLR
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सिल्वर एरोज मरीन के बोट निर्माताओं को इस बोट को बनाने में 5 साल लगे जो उनके अजीबोगरीब डिजायन की कसौटियों पर खरी उतरती थी और डूबती भी नहीं थी. वागेनर बताते हैं कि डिजायन से कोई समझौता नहीं किया गया. वह कहते हैं, "हमने सचमुच कोई समझौता नहीं किया, छोटी छोटी चीजों का ख्याल रखा, क्लैंप को नीचा किया. हमें नया अलग क्षितिज मिला जिससे हमें अपने मुख्य कारोबार यानी कार के डिजायन में इस्तेमाल करेंगे." हर साल इसके दस मॉडल तैयार किए जाएंगे, ग्राहकों के लिए.