कुछ हफ्ते पहले रूस में बगावत करने वाले लड़ाकों के नेता येवगेनी प्रिगोजिन की मौत हो गयी है. वह मॉस्को के उत्तर में एक विमान हादसे में मारे गये. उस विमान में कुल दस लोग सवार थे और सभी की मौत हो गयी.
विज्ञापन
रूस की नागरिक विमानन एजेंसी ने एयरलाइंस के हवाले से खबर दी है कि प्रिगोजिन उस विमान पर सवार थे, जो मॉस्को के पास हादसे का शिकार हो गया. हालांकि बहुत से लोगों को इस हादसे के हालात पर संदेह है क्योंकि प्रिगोजिन ने अपनी निजी सेना वागनर के जरिये कुछ ही समय पहले रूस में बगावत का नेतृत्वकिया था और रूसी सरकार ने उनकी गिरफ्तारी के आदेश भी दे दिये थे.
बगावत के वक्त रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उस बगावत को देशद्रोह करार देते हुए कहा था कि देश की पीठ में छुरा घोंपा गया है और "उसका बदला लिया जाएगा.”
हालांकि बाद में वागनर प्रमुख प्रिगोजिन के खिलाफ लगे सारे आरोप वापस ले लिये गये थे और उन्हें बेलारूस जाने की इजाजत दे दी गयी थी. वह समय-समय पर मॉस्को में दिखाई देते रहे थे. वागनर समूह के लड़ाके यूक्रेन में रूस के लिए लड़ने वाले कुछ सबसे बेहतरीन सैनिकों में से थे.
हाल ही में रूसी मीडिया ने खबर दी थी कि एक बड़े रूसी सैन्य अफसर को वायु सेना के कमांडर के पद से इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि वह प्रिगोजिन का नजदीकी था.
कैसे हुआ हादसा?
रूसी नागरिक विमानन एजेंसी रोसावियातसिया के मुताबिक सात यात्रियों को लेकर तीन सदस्यीय चालक दल वाला यह विमान मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था. राजधानी से करीब 300 किलोमीटर उत्तर में यह विमान हादसे का शिकार हो गया. हादसे के कुछ ही देर बाद रोसावियातसिया ने जानकारी दी कि प्रिगोजिन इस विमान पर सवार थे.
मिलिए रूसी सेना के तीसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति जनरल गेरासिमोव से
माना जाता है कि रूस में परमाणु हमला करने का आदेश देने के लिए जरूरी तीन सूटकेसों में से एक जनरल वालेरी गेरासिमोव के पास है. जानिये क्यों हैं जनरल गेरासिमोव रूसी सेना के तीसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति.
तस्वीर: Mikhail Kuravlev/AP/picture alliance
एक शक्तिशाली जनरल
जनरल वालेरी गेरासिमोव को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगु के बाद रूसी सेना में तीसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है. उन्हें नवंबर, 2012 में शोइगु को रक्षा मंत्री बनाए जाने के तीन दिन बाद रूसी सेना का चीफ ऑफ जनरल स्टाफ और डिप्टी रक्षा मंत्री बना दिया गया था.
तस्वीर: SPUTNIK via REUTERS
परमाणु हथियारों का नियंत्रण
माना जाता है कि 67 साल के गेरासिमोव के पास उन तीन सूटकेसों में से एक है जिनके जरिये परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश भेजा जा सकता है.
तस्वीर: Cover-Images/IMAGO
कई अभियानों में सक्रिय
गेरासिमोव ने 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन से क्रीमिया ले लेने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने सीरिया के गृहयुद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद को रूस के समर्थन में भी अहम भूमिका निभाई थी. यह ऐसी घटना थी जिससे युद्ध की दिशा ही बदल गई थी.
तस्वीर: Vitaly Ankov/SNA/IMAGO
अमेरिका के निशाने पर
2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के अगले दिन ही अमेरिका ने गेरासिमोव पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका का कहना था कि वो हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार लोगों में शामिल हैं. जनवरी 2023 में पुतिन ने यूक्रेन अभियान का नेतृत्व उनके हाथ में सौंप दिया था.
तस्वीर: Sputnik/Aleksey Nikolskyi/Kremlin via REUTERS
रूसी सेना की असफलता का ठीकरा
रूस में कई राष्ट्रवादी ब्लॉगरों ने यूक्रेनी सेना को हराने में रूसी सेना की असफलता के लिए गेरासिमोव को जिम्मेदार ठहराया है. पश्चिमी आलोचक हों या रूसी, सबका कहना है कि रूसी सेना गैर-तजुर्बेकार, हथियारों से अपर्याप्त रूप से लैस, प्रतिक्रिया में धीमी और अव्यवस्थित कमान संरचना जैसी समस्याओं से ग्रसित रही है.
तस्वीर: NATO
अफवाहों के केंद्र में
कई महीनों तक ऐसी अफवाहें गर्म रहीं कि गेरासिमोव को दरकिनार कर दिया गया है. किराए के सैनिकों वाले वागनर समूह के नेता येवगेनी प्रिगोजिन ने गेरासिमोव और शोइगु की कड़ी निंदा की थी और उन्हें बर्खास्त करने की मांग ले कर जून में एक असफल बगावत भी की थी.
तस्वीर: Press service of "Concord"/REUTERS
नहीं हुई कार्रवाई
प्रिगोजिन की बगावत के समय गेरासिमोव कहीं दिखाई नहीं दिए, लेकिन बगावत खत्म होने के कुछ दिनों बाद 10 जुलाई को रूस का रक्षा मंत्रालय गेरासिमोव को पहली बार सार्वजनिक रूप से सबके सामने लाया. इसे इस बात का संकेत माना गया कि उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया है - सीके/एए (रॉयटर्स)
तस्वीर: Mikhail Tereshchenko/TASS/dpa
7 तस्वीरें1 | 7
इससे पहले जापोरजिया में रूस द्वारा तैनात एक अधिकारी व्लादिमीर रोगोव ने कहा कि उन्होंने वागनर के कमांडरों से बात की है और इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रिगोजिन विमान पर सवार थे. उनके साथ वागनर के एक और अन्य वरिष्ठ नेता दिमित्री उत्किन भी थे.
इस खबर पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "मुझे अभी तथ्य नहीं पता हैं लेकिन मैं हैरान नहीं हूं.”
अंतरराष्ट्रीय मामलों पर काम करने वाले एक थिंक टैंक चैटहैम हाउस के रूसी मामलों के विशेषज्ञ कियर जाइल्स ने प्रिगोजिन की मौत की खबर को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, "उनकी यात्राओं को गोपनीय रखने के मकसद से बहुत से लोगों ने अपना नाम बदलकर येवगेनी प्रिगोजिन रख लिया था.”
विमानों की आवाजाही के डेटा की समीक्षा के बाद समाचार एजेंसी एपी ने कहा है कि एक निजी विमान बुधवार शाम को मॉस्को से उड़ा था और कुछ ही मिनटों में इसके सिग्नल बंद हो गये थे. इस विमान को प्रिगोजिन पहले भी इस्तेमाल कर चुके थे. एजेंसी के मुताबिक सिग्नल आने तब बंद हुए जब विमान ऊंचाई और रफ्तार पर था.
विज्ञापन
समर्थकों ने की पुष्टि
वागनर समर्थक एक सोशल मीडिया अकाउंट ने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें विमान का मलब दिखाया गया है. उस मलबे में विमान के एक टुकड़े पर जो नंबर लिखा है वह प्रिगोजिन द्वारा पहले इस्तेमाल किये जा चुके विमान से मिलता है.
पुतिन के आलोचक जिन्हें हुई जेल
पुतिन के आलोचक के रूप में जाने जाने वाले व्लादिमीर कारा-मुर्जा को 25 साल कारावास की सजा दी गई है. यह इस तरह का पहला मामला नहीं है. लंबी अवधि के लिए जेल की सजा पाने वाले पुतिन के आलोचकों की सूची काफी लंबी है.
तस्वीर: Sergei Bobylev/TASS/picture alliance/dpa
व्लादिमीर कारा-मुर्जा
41 साल के कारा-मुर्जा को उनके कई भाषणों और लेखों में रूस के नेतृत्व और यूक्रेन युद्ध की निंदा करने के लिए मॉस्को की एक अदालत ने 25 साल कारावास की सजा दी. यह यूक्रेन युद्ध के बाद सामने आए इस तरह के मामलों में सबसे कड़ी सजा है.
तस्वीर: Dmitry Serebryakov/AP/picture alliance
ऐलेक्सी नावाल्नी
रूस में विपक्ष के सबसे जाने माने नेता ऐलेक्सी नावाल्नी मॉस्को से 235 किलोमीटर पूर्व स्थित मेलेखोवो में कुल मिला कर 11.5 साल कारावास की सजा काट रहे हैं. उन्हें धोखाधड़ी और अदालत की अवमानना का दोषी पाया था लेकिन उनके समर्थकों और मानवाधिकार समूहों का कहना है कि सभी आरोप झूठे हैं जो उनकी आवाज दबाने के लिए लगाए गए हैं.
तस्वीर: Warner Bros. Pictures via AP/picture alliance
इल्या यशिन
विपक्ष के राजनेता यशिन को दिसंबर 2022 में सेना के खिलाफ "झूठी जानकारी" फैलाने के आरोपों में साढ़े आठ साल कारावास की सजा हुई थी. उन्हें एक यूट्यूब वीडियो की वजह से सजा दी गई थी जिसमें उन्होंने यूक्रेन के बूचा में कथित रूसी नृशंसता के बारे में पश्चिमी पत्रकारों द्वारा खोज कर निकाले गए सबूतों की चर्चा की थी. उन्होंने मॉस्को द्वारा दिए गए आधिकारिक विवरण पर शंका भी जाहिर की थी.
तस्वीर: Yury Kochetkov/Pool/AP/picture alliance
ऐलेक्सी गोरिनोव
ऐलेक्सी गोरिनोव मॉस्को जिले के काउंसिलर थे. उन्हें जुलाई 2022 में सेना के खिलाफ झूठी जानकारी फैलाने के आरोप में सात साल कारावास की सजा सुनाई गई थी. उन्होंने मार्च में काउंसिल की एक बैठक में कहा था कि यूक्रेन में "रोज" बच्चे "मर रहे हैं." गोरिनोव उन नए सेंसरशिप कानूनों के तहत सजा पाने वाले पहले व्यक्ति थे जिन्हें युद्ध शुरू होने के आठ दिनों बाद ही पारित किया गया था.
तस्वीर: Alexander Zemlianichenko/AP/picture alliance
आंद्रे पीवोवरोव
आंद्रे पीवोवारोव "ओपन रशिया" नाम की ऐक्टिविस्ट संस्था का नेतृत्व कर रहे थे जो अब बंद हो चुकी है. उन्हें जुलाई 2022 में एक "अवांछनीय संगठन" का नेतृत्व करने के आरोपों में चार साल कारावास की सजा हुई थी.
तस्वीर: Denis Kaminev/AP Photo/picture alliance
ऐलेक्सी मोस्काल्योव
2022 में ऐलेक्सी मोस्काल्योव की बेटी ने अपने स्कूल में एक युद्ध-विरोधी तस्वीर बनाई थी, जिसके बाद पुलिस ने मोस्काल्योव की जांच की. उन पर उनकी अपनी सोशल मीडिया पोस्टों में सेना को बदनाम करने के आरोप लगाए गए और मार्च 2023 में दो साल कारावास की सजा सुनाई गई. सजा सुनाए जाने से पहले वो नजरबंदी से भाग निकले लेकिन बेलारूस में पकड़े गए और प्रत्यर्पण कर रूस वापस लाए गए.
तस्वीर: AP/picture alliance
इवान साफ्रोनोव
इवान साफ्रोनोव रक्षा मामलों के पत्रकार थे जो बाद में रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख के सलाहकार भी बने. लेकिन 2020 में उन्हें सरकार की खुफिया जानकारी का भेद खोलने के लिए गिरफ्तार किया गया और यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले ही सितंबर 2022 में देशद्रोह के आरोपों में 22 साल कारावास की सजा सुनाई गई. (रॉयटर्स)
तस्वीर: Valery Sharifulin/ITAR-TASS/Imago Images
7 तस्वीरें1 | 7
इसके अलावा वागनर समर्थक एक टेलीग्राम चैनल ग्रे जोन पर भी एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें एक विमान को पत्थर की तरह आसमान से गिरते देखा जा सकता है.
रूस की जांच एजेंसी ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस तरह की जांच हर हादसे के बाद होती है. समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने रूसी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि गुरुवार सुबह हादसे की जगह से दस शव बरामद हुए और तलाश बंद की जा चुकी है.
बगावत के बाद से पहली बार प्रिगोजिन ने इसी हफ्ते एक वीडियो शेयर किया था जिसमें नये लोगों को भर्ती किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि वागनर खोजी अभियान चला रहा है जिनका मकसद "रूस को सभी महाद्वीपों पर सबसे महान बनाना और अफ्रीका को और ज्यादा आजाद बनाना है.”