मैर्केल ने रूस को सीरिया में शांति का हिस्सा बताया
१८ अप्रैल २०१८
दशक गुजर गए, पर इनकी सत्ता कायम है...
दशक गुजर गए, पर इनकी सत्ता कायम है...
चीन में शी जिनपिंग जब तक चाहें राष्ट्रपति रह सकते हैं तो रूस में पुतिन फिर से छह साल के लिए राष्ट्रपति बन गए हैं. लेकिन दुनिया में कई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दशकों से सत्ता में जमे हैं. डालते हैं इन्हीं पर एक नजर..
कैमरून: पॉल बिया
अफ्रीकी देश कैमरून में पॉल बिया 35 साल से राष्ट्रपति पद पर कायम हैं. वह 1975 से 1982 तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे. फिलहाल उनकी उम्र 85 साल है और सब सहारा इलाके में वह सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति हैं. उन्हें अफ्रीका के सबसे विवादित नेताओं में से एक माना जाता है. उनकी पार्टी 1992 से हर चुनाव में भारी जीतती रही है. लेकिन विरोधी धांधलियों के आरोप लगाते हैं.
रिपब्लिक ऑफ कांगो: डेनिस सासो
अफ्रीकी देश रिपब्लिक ऑफ कांगो में राष्ट्रपति डेनिस सासो पहले 1979 से 1992 तक राष्ट्रपति पद पर रहे और अब 1997 से फिर राष्ट्रपति पद संभाले हुए हैं. 1992 में वह राष्ट्रपति चुनाव हार गए. लेकिन देश में चले दूसरे गृहयुद्ध में सासो के हथियारबंद समर्थकों ने तत्कालीन राष्ट्रपति लेसुबु को सत्ता से बाहर कर दिया.
कंबोडिया: हुन सेन
दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में हुन सेन पिछले 32 वर्षों से प्रधानमंत्री के पद पर हैं. वह दुनिया में सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता हैं. उनका असली नाम हुन नबाल था लेकिन उन्होंने खमेर रूज के दौर में अपना नाम बदल लिया. वह 1985 में कंबोडिया के प्रधानमंत्री बने. राजशाही वाले देश कंबोडिया में एक पार्टी का शासन है.
युंगाडा: योवेरी मोसेवेनी
अफ्रीकी देश युगांडा में राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने 1986 में सत्ता संभाली थी. वह दो पूर्व राष्ट्रपतियों ईदी अमीन और मिल्टन ओबोटे के खिलाफ हुई बगावत का हिस्सा भी माने जाते हैं. कई लोग मानते हैं कि मोसेवेनी के शासन में युगांडा को आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता तो मिली लेकिन पड़ोसी देशों में जारी हिंसक विवादों में शामिल होने के आरोप भी उस पर लगे.
ईरान: अयातोल्लाह खामेनेई
ईरान में सत्ता का शीर्ष केंद्र सुप्रीम लीडर को माना जाता है और अयातोल्लाह खामेनेई पिछले 29 साल से इस पद पर कायम हैं. बताया जाता है कि ईरान में इस्लामी क्रांति के संस्थापक अयातोल्लाह खमेनी ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी चुना था. वह 1981 से 1989 तक ईरान के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं.
सूडान: उमर अल बशीर
सूडानी राष्ट्रपति उमर हसन अल बशीर जून 1989 से अपने देश के राष्ट्रपति हैं. इससे पहले वह सूडानी फौज में ब्रिगेडियर थे और उन्होंने एक सैन्य बगावत के जरिए लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए प्रधानमंत्री सादिक महदी की सरकार का तख्तापलट किया और देश की बागडोर अपने हाथों में ले ली. उन पर अपने विरोधियों को कुचलने के आरोप लगते हैं.
चाड: इदरीस देबी
मध्य अफ्रीकी देश चाड में इदरीस देबी ने 1990 में राष्ट्रपति हुसैन बाहरे को सत्ता से बेदखल किया और खुद देश के राष्ट्रपति बन गए. वह पिछले पांच राष्ट्रपति चुनावों में भारी वोटों से जीत दर्ज करते रहे हैं. लेकिन चुनावों की वैधता पर राष्ट्रपति देबी के विरोधी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमेशा उंगलियां उठाते रहे है.
कजाकस्तान: नूर सुल्तान नजरबायेव
मध्य एशियाई देश कजाकस्तान में नूर सुल्तान नजरबायेव 28 साल से सत्ता में हैं. सोवियत संघ के विघटन के बाद कजाकस्तान एक अलग देश बना. तभी से नजरबायेव राष्ट्रपति हैं. इससे पहले वह कजाकस्तान कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख थे. उन्होंने कजाकस्तान में कई आर्थिक सुधार किए हैं. लेकिन देश के राजनीतिक तंत्र को लोकतांत्रिक बनाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.
ताजिकस्तान: इमोमाली राहमोन
एक और मध्य एशियाई देश ताजिकस्तान की सत्ता पर भी 1992 से राष्ट्रपति इमोमाली राहमोन का शासन चल रहा है. उन्हें अपने 25 साल के शासनकाल के शुरुआती सालों में गृहयुद्ध का सामना करना पड़ा जिसमें करीब एक लाख लोग मारे गए. ताजिकस्तान भी पहले सोवियत संघ का हिस्सा था. आज इसे मध्य एशिया का सबसे गरीब देश माना जाता है.
इरीट्रिया: इसाइयास आफवेरकी
अफ्रीकी देश इरिट्रिया की आजादी के बाद से ही इसाइयास आफवेरकी राष्ट्रपति हैं. उन्होंने इथोपिया से इरीट्रिया की आजादी के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया. इरिट्रिया को मई 1991 में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में होने वाले एक जनमत संग्रह के नतीजे में आजादी मिली थी.