जर्मनी में नई सरकार बनाने के लिए अंगेला मैर्केल की सीडीयू को अन्य छोटे दलों की मदद चाहिये. पुराने सहयोगी दल एसपीडी के विपक्ष में बैठने के फैसले के बाद अब गठबंधन का एक ही मॉडल बनता दिख रहा है, जिसे जमैका मॉडल कहते हैं.
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जर्मनी के इतिहास में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह पहला मौका है जब धुर दक्षिणपंथी पार्टी का संसद में प्रवेश हो रहा है. दिग्गज नेताओं के बयानों ने भी इस राजनीतिक भूचाल की तसदीक कर दी है.
जर्मन राजनीति में 'भूकंप'
जर्मनी के इतिहास में द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह पहला मौका है जब धुर दक्षिणपंथी पार्टी का संसद में प्रवेश हो रहा है. दिग्गज नेताओं के बयानों ने भी इस राजनीतिक भूचाल की तसदीक कर दी है.
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अंगेला मैर्केल (CDU)
"संसद में AFD का प्रवेश एक बड़ी चुनौती है. हमें इससे बेहतर नतीजे की उम्मीद थी."
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मार्टिन शुल्त्स (SPD)
"आज एक मुश्किल और कड़वा दिन है. हम संघीय चुनाव हार चुके हैं. हम अपने परंपरागत वोटरों को बचाने और वोटरों को बढ़ाने में नाकाम रहे."
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अलेक्जांडर गाउलांड (AFD)
"हमारी पार्टी के इतिहास में यह बड़ा दिन है, हम संसद में हैं. हम इस देश को बदल देंगे. हम मैर्केल या कोई भी हो, उसका पीछा करेंगे. हम अपना देश वापस लेकर रहेंगे."
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क्रिस्टियान लिंडनर (FDP)
"हम अपने देश के ट्रेंड को उल्टा करना चाहते हैं और अगर बातचीत में यह साफ होगा कि ऐसा किया जा सकता है तो हम गठबंधन के लिए उपलब्ध रहेंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम विपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे."
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चेम ओएज्देमिर (ग्रीन पार्टी)
"ग्रीन पार्टी को सरकार में शामिल करने के लिए जलवायु परिवर्तन और सामाजिक न्याय की नीतियों का होना जरूरी है."
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सारा वागेनक्नेष्ट (डी लिंके)
"अगर हमें एएफडी को मजबूत होने से रोकना है तो हमें सामाजिक लोकतांत्रिक नीतियों वाली सोशल डैमोक्रैटिक पार्टी चाहिए."