सदियों से मेक्सिको के शहर सान खुआन दे ला वेगा विस्फोटकों का जश्न मनाया जा रहा है. घर में बनाए गए पटाखों को हथौड़े में बांधकर उसे घुमाया जाता है. नतीजा खतरनाक भी हो सकता है.
दीपावली पर पटाखे चलाने को लेकर देश में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बहस छिड़ी हुई है. लेकिन देश के पटाखा उद्योग की ऐसी तमाम बातें हैं जिन पर कोई चर्चा भी नहीं होती. एक नजर
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चीन के बाद
दुनिया में चीन के बाद भारत सबसे बड़ा पटाखा उत्पादक देश है. हालांकि भारत में चीन से आने वाला सारा माल गैर कानूनी चैनलों से आता है.
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पहले कोलकाता
सिवाकासी पटाखे कारोबार का हब है, लेकिन इसकी शुरुआत कोलकाता से हुई थी. लेकिन बुनियादी सेवाओं के अभाव में इसे सिवाकासी में शुरू किया गया.
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अनुसंधान केंद्र
आतिशबाजी अनुसंधान एवं विकास केंद्र की सिवाकासी में स्थापना की गयी है. सिवाकाशी, देश की आतिशबाजी मांग का 90 फीसदी हिस्सा पूरा करता है.
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निर्यात दर
भारत दुनिया में आतिशबाजी निर्माण का बड़ा केंद्र हैं लेकिन भारत इसका निर्यातक नहीं है, क्योंकि आयातक देशों के सुरक्षा मानकों पर भारत खरा नहीं बैठता.
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आयात की दर
आतिशबाजी को वाणिज्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में रखा है, पेट्रोलियम और एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन की ओर से पटाखों को आयात करने की अनुमति नहीं है.