बर्बर ड्रग्स गिरोहों के लिए बदनाम मेक्सिको ने 2017 में हत्याओं का नया रिकॉर्ड बनाया है. 11 महीनों में वहां 23 हजार से ज्यादा हत्याएं हुई हैं. इस तरह हाल के दशकों में 2017 मेक्सिको में सबसे हिंसक साल साबित हुआ है.
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मेक्सिको में पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों के गैर कानूनी धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सरकार ने कई कदम उठाए हैं. नतीजतन हिंसा के मामले भी बहुत बढ़े हैं. रविवार को जारी आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि जब से आधुनिक रिकॉर्ड दर्ज का सिलसिला शुरू हुआ है, तब से 2017 सबसे घातक साल रहा है. मेक्सिको में नवंबर तक 23,101 लोगों की हत्या के मामले दर्ज किए गए हैं. पिछला रिकॉर्ड 2011 में 22,885 हत्याओं का था.
ताजा आंकड़े मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिके पेना नीएतो के लिए झटका है क्योंकि उन्होंने नशीले पदार्थों से जुड़ी हिंसा को कम करने को अपनी प्राथमिकता बनाया है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अकेले नवंबर महीने में ही 2,212 लोग की हत्या की गई जबकि इससे पहले अक्टूबर में 2,380 लोग मारे गए.
ड्रग्स से हांफता मेक्सिको
अपना गैंग, अथाह पैसा और हर वक्त भागने के लिए तैयार रहना, मेक्सिको के ड्रग्स तस्करों की जिंदगी ऐसी ही है. युवाओं को गुमराह करने के लिए वहां सिनेमा और संगीत के साथ साथ कब्रिस्तान भी है.
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मेक्सिको के सिनाओला राज्य का खारडिनेस डेल हुमाया कब्रिस्तान बेहद मशहूर है. मेक्सिको में ड्रग्स तस्करी करने वाले कई सरगना इसी इलाके से निकले. मौत के बाद खारडिनेस डेल हुमाया कब्रिस्तान में उनकी कब्रें बनी हैं.
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ड्रग्स तस्करों की कब्रों में एक दूसरे से अच्छा दिखने की होड़ सी छिड़ी है. कब्रों के डियाजन और उनके लगी तकनीक से अंदाजा लगाया जाता है कि कौन कितना कुख्यात था.
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खारडिनेस डेल हुमाया में इस वक्त सबसे महंगी कब्र हिटमैन की है. अनुमान है कि इस पर 2,90,000 डॉलर खर्चे गए हैं. अब एक नई कब्र इससे भी महंगी बन रही है.
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1933 तक अमेरिका के कई इलाकों में अल्कोहल पर प्रतिबंध था. इस दौरान तस्कर मेक्सिको से शराब अमेरिका पहुंचाया करते थे. बाद में यह पाबंदी हट गई. लेकिन 1960 के दशक में कोकीन, गांजे और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी शुरू हो गई.
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दक्षिण अमेरिका और उत्तरी अमेरिका के बीच स्थित मेक्सिको कई दशकों से ड्रग्स की तस्करी का अहम रूट और अड्डा रहा है. अमेरिका से लगी 3201 किलोमीटर लंबी सीमा को कहीं न कहीं से पारकर ड्रग्स अमेरिका पहुंचाई जाती है. तस्कर ऐसी सुरंगों का भी सहारा लेते हैं.
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सितंबर 2016 में मेक्सिको के सुरक्षा बलों ने एक तोप भी बरामद की. 3 मीटर लंबी नाल वाली तोप में ड्रग्स भर अमेरिका में गिराई जाती थीं. अमेरिका तक पहुंचने वाली 90 फीसदी कोकीन मेक्सिको से होकर जाती है.
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मेक्सिको सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2007 से 2014 के बीच ड्रग्स के चक्कर में 1,60,000 लोगों की मौत हुई. खून खराबा अब भी जारी है.
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देश के कई शहरों में कुछ खास इलाके ऐसे हैं जहां आम लोग और अकेले पुलिस अधिकारी भी जाने से घबराते हैं.
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विश्लेषकों का कहना है कि ड्रग्स के काले कारोबार से जुड़े गिरोह अब छोटे छोटे गुटों में बंट गए हैं और अब वे कहीं ज्यादा हिंसक हो गए हैं क्योंकि उनके बीच जमीन हथियाने को लेकर संघर्ष चलता रहता है ताकि वे उस पर ज्यादा से ज्यादा नशीले पदार्थ उगा सकें. वहीं कई विश्लेषक सरकार की अपराध विरोधी रणनीति की नाकामी को हिंसा में वृद्धि की वजह बताते हैं.
पिछले हफ्ते ही मेक्सिको की सरकार ने एक विवादास्पद आंतरिक सुरक्षा कानून पारित किया है जिसमें घरेलू सुरक्षा के मामले में सेना की भूमिका तय की गई है. बहुत से लोग मानते हैं कि इससे और ज्यादा हिंसा होगी.
वैसे पेना नीएतो अपने कार्यकाल के पहले दो सालों में हत्याओं के आंकड़े को कम करने में कामयाब रहे लेकिन उसके बाद से इसमें लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इस कारण राष्ट्रपति की लोकप्रियता भी बेहद घट गई है.
एके/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)
ये हैं महंगे और असरदार ड्रग...
कुछ लोगों के लिए ड्रग्स, एहसास, भावना और अनुभूतियां पाने का एक साधन है. लेकिन इनका उपयोग हर रूप से मनुष्य के लिए हानिकारक है. एक नजर ऐसे हाइप्रोफाइल ड्रग्स पर जिनकी कीमत और असर दोनों ही तेज हैं.
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एलएसडी
लिसेरगिक एसिड डायथाइलामाइड (एलएसडी) को एसिड भी कहा जाता है. यह ड्रग अपने मनोवैज्ञानिक प्रभावों के लिए जाना जाता है. इसे लेने के बाद आस-पास के माहौल में भावनायें, अनुभूतियां और छवियों के बदलने का एहसास होता है, हालांकि ऐसा असली में नहीं होता लेकिन इसे लेने वाले ऐसा महसूस करते हैं. इस ड्रग को मैजिकल मशरूम का भी नाम दिया गया है.
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एक्स्टसी
एक्स्टसी को अक्सर "लव पिल" कहा जाता है क्योंकि यह रंग और ध्वनि पर इंसान के सेंसेशन बढ़ा देता है. नेशनल सर्वे ऑन ड्रग यूज एंड हेल्थ के मुताबिक अमेरिका में 12 साल और इससे अधिक उम्र के लोग जिंदगी में एक बार इस ड्रग का इस्तेमाल जरूर करते हैं. इसे एमडीएमए भी कहा जाता है.
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एम-कैट
मेफेल्ड्रोन को 4-मिथाइल एफेड्रोन के रूप में भी जाना जाता है. यह एक सिंथेटिक उत्तेजक ड्रग है. जिसे बोलचाल में ड्रोन, एम-कैट, व्हाइट मैजिक भी कहा जाता है. यह गोलियां और पाउडर के रूप में मिलता है, यह उपयोग करने वाले पर एमएडीएमए और कोकेन के बराबर असर डालता है.
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एन-बूम
एन-बूम को आमतौर पर एन-बॉम्ब और स्माइल कहा जाता है. इस पावर ड्रग में एलएसडी जैसा ही असर पैदा होता है और नशा करने वाले को आसपास ऐसी छवियों और एहसासों का अनुभव होता है जो असलियत में नहीं होती. इसके एक डोज का असर 12 घंटे तक रह सकता है.
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कोकेन
कोकेन को कोकीन और कोक भी कहा जाता है. यह एक मजबूत उत्तेजक पदार्थ होता है जिसे प्रायः मनोरंजक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है. यह आमतौर पर धुएं की तरह लिया जाता है. इसके लेने के बाद को तीव्र भावनाओं का एहसास होता है. ज्यादा कोकेन शरीर में उच्च रक्तचाप पैदा करती है और शरीर का तापमान भी बढ़ा देती है.