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राजनीतिइस्राएल

इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्षविराम लागू

२७ नवम्बर २०२४

लेबनान के आतंकवादी संगठन हिज्बुल्लाह और इस्राएल के बीच संघर्षविराम आधिकारिक तौर पर लागू हो गया है.

उत्तरी इस्राएल में आईडीएफ के सैनिक
इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच युद्ध विरामतस्वीर: Leo Correa/AP Photo/picture alliance

इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम लागू हो गया है. स्थानीय समयानुसार सुबह 4:00 बजे (0200 जीएमटी) यानी भारतीय समय के मुताबिक बुधवार सुबह 7.30 बजे यह शुरू हुआ.

अगर यह समझौता कायम रहता है, तो इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच एक साल से ज्यादा चले युद्ध का अंत हो जाएगा. इस युद्ध के कारण इस्राएल में हजारों और लेबनान में लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं.

दोनों पक्षों के बीच लड़ाई 8 अक्टूबर 2023 से शुरू हुई थी. यह लड़ाई हमास के दक्षिणी इस्राएल पर आतंकी हमलों के एक दिन बाद शुरू हुई. 

हिज्बुल्लाह ने दावा किया कि उसके सीमा पार हमले हमास के प्रति समर्थन में किए गए थे. हाल के महीनों में इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष तेज हो गया था.

सितंबर में, इस्राएल ने अपनी बमबारी बढ़ा दी और जमीनी अभियान शुरू किया. इसका मकसद देश की उत्तरी सीमा से हिज्बुल्लाह के लड़ाकों को पीछे हटाना था.

ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह को अमेरिका, जर्मनी और कई अन्य देशों ने आतंकी संगठन घोषित किया है.

संघर्ष विराम समझौते में क्या है?

यह समझौता संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 पर आधारित है. इस प्रस्ताव ने 2006 में इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच 36 दिन चले युद्ध को खत्म किया था.

समझौते के तहत, इस्राएल को अगले 60 दिनों में अपनी सेना को लेबनान से हटाना होगा. हिज्बुल्लाह को अपनी सेनाएं लिटानी नदी के उत्तर में ले जानी होंगी. यह इलाका इस्राएल की सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है.

भीषण युद्ध में न बदल जाए ईरान- इस्राएल संघर्ष

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लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना (यूएनआईएफआईएल) सीमा क्षेत्र को सुरक्षित करेंगी. इससे हिज्बुल्लाह को वहां नए निर्माण बनाने से रोका जाएगा.

लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बूहबीब ने कहा कि लेबनान की सेना दक्षिणी लेबनान में 10,000 सैनिकों को तैनात कर सकती है.

लेबनान के डिप्टी संसद अध्यक्ष इलियास बूसाब ने रॉयटर्स को बताया कि पहले से मौजूद त्रिपक्षीय तंत्र, जिसमें यूएनआईएफआईएल, लेबनान और इस्राएल की सेनाएं शामिल थीं, अब इसमें अमेरिका और फ्रांस को भी जोड़ा जाएगा. अमेरिका इस समूह की अध्यक्षता करेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुताबिक, दोनों तरफ के नागरिक अपनी-अपनी बस्तियों में वापस लौट सकेंगे.

वीके/सीके (रॉयटर्स, डीपीए)

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