देश में जब लॉकडाउन लगा तो बड़े शहरों और महानगरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूर जैसे-तैसे अपने गांव की ओर लौट गए लेकिन गांव में सीमित विकल्पों के कारण उन्हें वापस शहर की ओर लौटना पड़ रहा है.
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भारत में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है और इस महामारी से देश में अब तक 51,797 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में पांच महीने पहले लॉकडाउन लगाया गया था और जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद कर दिया गया था. शहर में रहकर काम करने वाले लोगों के सामने जब रोजगार का संकट पैदा हुआ तो वे अपने गांव की ओर लौट गए. उनके पैदल और ट्रक में लदकर जाने की तस्वीरों ने सभी का ध्यान खींचा लेकिन अब प्रवासी कामगार वापस बड़े शहरों की ओर लौट रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गांव में रोजगार के विकल्प सीमित हैं.
अनलॉक के बाद रोजगार की आस में प्रवासी मजदूर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में वापस आ रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से राजधानी दिल्ली में काम की तलाश में दोबारा लौटने वाले लोग बसों में भरकर पहुंच रहे हैं और बस अड्डे पर प्रवासियों के पहुंचने के बाद उन्हें लाइन में लगने को कहा जाता है जिसके बाद उनका रैपिड कोविड-19 टेस्ट होता है.
जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं उन्हें क्वारंटीन सेंटर भेज दिया जाता है. सोमवार को भी बड़ी संख्या में प्रवासी दिल्ली के अंतर-राज्यीय बस टर्मिनस पहुंचे. वे कुछ सामान के साथ दोबारा रोजगार की तलाश में पहुंचे हैं. ज्यादातर प्रवासियों ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था या फिर गमछे से चेहरा ढंका हुआ था.
संक्रमण से लड़ने के उपायों को लागू करना कठिन हो गया है और संक्रमण की दर बढ़ी है. देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 27 लाख दो हजार के ऊपर पहुंच गई है. 20 लाख से अधिक संक्रमितों की संख्या के साथ भारत के ऊपर ब्राजील और अमेरिका है. हालांकि राहत की बात यह है कि मृत्यु दर घटकर 1.92 फीसदी रह गई है जबकि वैश्विक दर औसतन 3.5 फीसदी है.
आईसीएमआर के मुताबिक बीते 24 घंटे में देश में 7,30,000 से अधिक कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं. सरकार का कहना है कि उसका लक्ष्य दस लाख टेस्ट प्रतिदिन करने का है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि 1.3 अरब की आबादी वाले देश के लिए यह कम है. चिंता इस बात को लेकर भी है कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट पर निर्भरता बढ़ गई है. रैपिड एंटीजेन टेस्ट कई बार गलत नतीजे देता है.
एए/सीके (रॉयटर्स)
कोरोना वायरस ने क्या क्या टलवा दिया
102 दिनों तक कोरोना वायरस के प्रसार से मुक्त रहने के बाद न्यूजीलैंड में अचानक महामारी के फिर से शुरू हो जाने की वजह से आम चुनावों को आगे बढ़ा दिया गया है. जानिए और कौन से चुनाव और दूसरे कार्यक्रम कोविड-19 की वजह से टल गए.
तस्वीर: Reuters/J. Lee
चुनाव
न्यूजीलैंड के अलावा और भी कई देशों में चुनाव आगे बढ़ा दिए गए हैं. इनमें बोलिविया में आम चुनाव, इथियोपिया में संसदीय चुनाव, ईरान में संसदीय चुनाव और सोमालिया में संसदीय चुनाव शामिल हैं.
तस्वीर: Getty Images/M. Tantrum
ओलंपिक्स
2020 के ओलंपिक खेल 24 जुलाई से नौ अगस्त 2020 के बीच जापान की राजधानी टोक्यो में होने थे. नई तारीख के अनुसार अब खेल टोक्यो में ही 2021 में होंगे, लेकिन उन्हें टोक्यो 2020 ही कहा जाएगा. यह पहली बार है जब ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाया गया है.
तस्वीर: Reuters/D. Ruvic
ग्रैंड स्लैम
टेनिस के चार बड़े कार्यक्रमों में से दो कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुए हैं. विंबलडन का आयोजन 29 जून से 12 जुलाई के बीच होना था, लेकिन अप्रैल में इसके रद्द होने की घोषणा कर दी गई. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार है जब विंबलडन रद्द हुआ है. फ्रेंच ओपन का आयोजन 24 मई से सात जून तक होना था, लेकिन महामारी की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया था. अब इसका आयोजन 27 सितंबर से 11 अक्टूबर तक होना है.
तस्वीर: picture-alliance/AA/R. Tang
फुटबॉल
टेनिस की तरह फुटबॉल जगत में भी लोकप्रिय मैचों पर कोविड-19 का असर पड़ा है. इंग्लिश प्रीमियर लीग को आठ अगस्त से आगे बढ़ा कर 12 सितंबर के लिए निर्धारित कर दिया गया है. दूसरी प्रतियोगिताओं का भी यही हाल है. स्थानीय मैच अभी भी हो रहे हैं लेकिन अधिकांश जगहों पर स्टेडियम में दर्शकों का जाना मना है. क्रिकेट मैच भी बिना दर्शकों के ही हो रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/S. Botterill
विज्ञान
मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत के पहले मानवरहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान की शुरुआत में कोरोना वायरस की असर से देर होने की संभावना है. मिशन के पहले चरण की शुरुआत दिसंबर 2020 के लिए ही निर्धारित थी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि शायद यह संभव ना हो पाए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Indian Space Research Organization
मनोरंजन
मनोरंजन जगत के कार्यक्रमों पर भी महामारी का असर पड़ा है. यूरोप की लोकप्रिय संगीत प्रतियोगिता यूरो विजन 2020 का आयोजन नीदरलैंड्स में मई में होना था. लेकिन इस साल इस प्रतियोगिता के 64 सालों के इतिहास में पहली बार इसे रद्द कर दिया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/ANP/K. van Weel
ब्यूटी पैजंट्स
मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसी सौंदर्य प्रतियोगिताएं भी महामारी की भेट चढ़ गई हैं. जहां मिस वर्ल्ड और मिस इंटरनेशनल 2020 के लिए रद्द ही कर दी गई हैं, मिस एशिया पैसिफिक को अनिश्चितकाल काल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है और मिस यूनिवर्स की अगली तारीख की अभी तक घोषणा नहीं की गई है.