सेनेगल के प्रवासियों को ले जा रही एक नाव के पलट जाने के कारण 60 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है. पश्चिचम अफ्रीका में केप वर्डे के तट के नजदीक यह नाव मिली.
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नाव 10 जुलाई को 101 यात्रियों के साथ सेनेगल से रवाना हुई थी. सेनेगल के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात एक बयान में कहा कि 38 लोगों को बचाया गया. यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि घटना कब हुई. जीवित बचे लोग साल के केप वर्डे द्वीप पर थे. मंत्रालय ने कहा कि उन्हें सौंपने के लिए वह सेनेगल अधिकारियों के साथ संपर्क कर रहा है. जीवित बचे लोगों में से एक गिनी-बिसाऊ का था. पश्चिम अफ्रीका के तट से कैनरी द्वीप समूह के तक जाने के लिए यह अटलांटिक प्रवास मार्ग आमतौर पर अफ्रीकी प्रवासी स्पेन तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल करते हैं. हालांकि दुनिया के सबसे घातक मार्गों में से एक है. गर्मी के मौसम में यह काफी व्यस्त रहता है. सफा मसेहली प्रवासन के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईओएम) की प्रवक्ता हैं. उन्होंने कहा, "प्रवास के लिए सुरक्षित और नियमित मार्गों का अत्यंत अभाव है जिस कारण तस्कर इन घातक यात्राओं पर लोगों को भेजते हैं."
पहले छह महीनों मेंमारे गए 126 लोग
उन्होंने बताया कि आईओएम इस घटना के बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है. लेकिन अभी तक इसमें उन्हें इसके डिटेल्स नहीं मिले हैं. आईओएम के हिसाब से 2022 में कैनरी द्वीपों तक पहुंचने के प्रयास में कम से कम 559 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं इस मार्ग पर इस साल के पहले छह महीनों में 126 लोग मारे गए या लापता हो गए. इसके अलावा, रिकॉर्ड के हिसाब से 15 जहाजों का मलबा मिला. जुलाई के अंत में सेनेगल की राजधानी डकार के तट पर प्रवासियों को ले जा रही एक नाव के पलटने से कम से कम 15 लोगों की डूब कर मौत हो गई.
अप्रवासन बड़ी समस्या
पिछले कुछ सालों में अप्रवासनएक बड़ी समस्या बन कर सामने आई है और इसमें कई जानें जा चुकी है. बेहतर जिंदगी की तलाश में लोग यूरोप का रूख तो कर लेते हैं लेकिन कठिन समुद्री रास्ते, नावों की खस्ता हालत समेत कई ऐसी वजहें हैं कि यह यात्राएं कामयाब नहीं हो पातीं. अफ्रीका के ट्यूनीशिया के तट पर इस साल अब तक 900 से अधिक प्रवासी डूब कर मर गए हैं. जुलाई में एक बड़ी घटना हुई और महीने के अंत तक लगभग 800 प्रवासियों की मौत हो गई थी. ट्यूनीशिया के स्फैक्स शहर से इटली का लैंपेदूसा द्वीप केवल 130 किलोमीटर की दूरी पर है. ट्यूनीशिया की इटली से कम दूरी एक बड़ी वजह है कि यह अनियमित प्रवासियों औरशरण चाहने वालों के लिए एक गढ़बन गया है.
एचवी/एसबी (रायटर्स, एएफपी)
ग्रीस में बड़ा दर्दनाक नाव हादसा, तीन दिन का राष्ट्रीय शोक
ग्रीस की समुद्री सीमा में कालामाटा के पास नाव पलटने से कम-से-कम 78 लोगों की मौत हो गई है. प्रवासियों से भरी यह नाव लीबिया से इटली की ओर जा रही थी. अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक, नाव में करीब 400 से 750 लोग सवार थे.
तस्वीर: HELLENIC COAST GUARD/REUTERS
धुंधला रही हैं उम्मीदें
बचाव दल अब तक 104 लोगों को बचाने में कामयाब रहे हैं. ये सभी मिस्र, सीरिया, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से हैं. वक्त बीतने के साथ-साथ नाव पर सवार अन्य लोगों के जिंदा रहने की उम्मीद धुंधली पड़ती जा रही है.
तस्वीर: Stelios Misinas/REUTERS
बहुत गहरे हिस्से में हुआ हादसा
संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी एजेंसी के प्रतिनिधि एरिस्मा रोमाना ने बताया कि जिंदा बचे लोगों की हालत बहुत खराब है और वे अब भी सदमे में हैं. जिस जगह यह हादसा हुआ है, वह भूमध्य सागर के सबसे गहरे हिस्से के पास है. यहां समंदर की गहराई करीब 5,200 मीटर तक है.
तस्वीर: EUROKINISSI/REUTERS
तीन दिन का राष्ट्रीय शोक
हादसे के बाद ग्रीस में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया गया है. उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. नेताओं ने 25 जून को होने वाले आम चुनाव के लिए जारी प्रचार भी रोक दिया है. देश के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है, "मृतकों को एथेंस के एक शवगृह में रखा जाएगा. शवों की शिनाख्त के लिए चेहरे की तस्वीरें और डीएनए सैंपल लिए जाएंगे."
तस्वीर: Stelios Misinas/REUTERS
ठसाठस भरी थी नाव
ग्रीक प्रशासन ने नाव के डूबने से पहले ली गई एक हवाई तस्वीर जारी की है, जिसमें नाव ठसाठस भरी हुई दिख रही है. इसके अलावा, यात्रियों ने सुरक्षा जैकेट भी नहीं पहनी हुई थी. कोस्ट गार्ड विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन में खराबी या तेल खत्म होने से हादसा हुआ है.
तस्वीर: HELLENIC COAST GUARD/REUTERS
यूरोपीय कमीशन ने जताया दुख
यूरोपीय कमीशन की प्रमुख, ऊर्सुला फॉन डेय लेयन ने हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने मानव-तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की भी बात कही है. हालांकि मानवाधिकार समूह तर्क देते हैं कि ऐसा करने से प्रवासी और शरणार्थी सुरक्षित देशों तक पहुंचने के लिए ज्यादा खतरनाक रास्ता लेने को मजबूर होंगे.
तस्वीर: Eurokinissi/REUTERS
गुमशुदगी और मौतों की गिनती लंबी
प्रवासियों से जुड़े मामलों पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के मुताबिक, केंद्रीय भूमध्य इलाके में 2014 से अब तक कम से कम 21,000 मौतें या गुमशुदगियां हो चुकी हैं.