टाइटैनिक से बड़ा रहस्य है अंतिखिथेरा का मलबा
२३ सितम्बर २०१६ग्रीस के द्वीप अंतिखिथेरा के तट के पास पुरातत्वविदों को 2,000 साल पुराना मानव कंकाल मिला. कंकाल मलबे में दबा था. अब जांचकर्ता कंकाल से डीएनए निकालने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वैज्ञानिक सफल हुए तो यह पता चलेगा कि मृतक के पूर्वज कौन थे और उसके वशंज कौन हैं, उसके बालों और आंखों का रंग भी पता चलेगा.
समुद्र में कंकाल आम तौर पर नहीं मिलते हैं. सागर के भीतर या तो मछलियां उन्हें खा लेती हैं या फिर लहरें उन्हें बहाते बहाते पानी में घोल देती हैं. यह पहला मौका है जब इतना पुराना कंकाल सही सलामत मिला है. कंकाल में खोपड़ी भी है, हाथ पैर हैं और पसलियां भी हैं.
डेनमार्क के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के डीएनए एक्सपर्ट हानेस श्रोएडर हैरानी से कहते हैं, "ऐसा लगता ही नहीं जैसे हड्डियां 2,000 साल पुरानी हों."
मैसाच्युसेट्स के समुद्र विज्ञानी ब्रेडैन फोली के मुताबिक, "पुरातत्वविज्ञानी अब तक हमारे पुरखों द्वारा बनाई गई चीजों के जरिये ही इंसान के इतिहास पर शोध कर रहे हैं. अंतिखिथेरा के मलबे के सहारे हम यह कह सकते हैं कि वह शख्स विदेश की तरफ निकला था लेकिन वह अंतिखिथेरा जहाज में मारा गया."
अंतिखिथेरा जहाज के मलबे का पता पहली बार सन 1900 में चला. जहाज का मलबा आज भी विज्ञान जगत को हैरान करता है. जहाज के मैकेनिज्म को दुनिया का सबसे पुराना कंप्यूटर सिस्टम माना जाता है. अंतिखितेरा में लगा सिस्टम सूर्य, चंद्रमा और तारों की चाल की गणना करता था और दिशा और मौसम का अंदाजा लगाते हुए आगे बढ़ता था. दूसरी शताब्दी के इस जहाज को गरारियां और गियर सिस्टम की मदद से चलाया जाता था.
जहाज के मलबे में संगमरमर की मूर्तियां, दस्तरखान और हजारों कलाकृतियां भी मिलीं. मलबे में एक और कंकाल भी मिला था, लेकिन तब डीएनए तकनीक इजाद नहीं हुई थी.
(क्यों रहस्यों की खान है समुद्र)