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जबर्दस्त जीत के साथ फिर प्रधानमंत्री बने मित्सोताकिस

२६ जून २०२३

ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने दूसरी बार सोमवार को शपथ ली. लगातार दूसरी बार उनकी पार्टी ने ग्रीस के चुनाव में जीत हासिल की है.

किरियाकोस मित्सोताकिस की पार्टी ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया है
गठबंधन से इनकार कर दोबारा चुनाव का दांव सफल रहा तस्वीर: Aris Messinis/AFP/Getty Images

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद टीवी पर प्रसारित संदेश में मित्सोताकिस ने देश के राष्ट्रपति से कहा कि वह अतिरिक्त सुधारों को तुरंत लागू करना चाहते हैं. 99.6 फीसदी वोटों की गिनती होने तक मित्सोताकिस की न्यू डेमोक्रैसी पार्टी ने 40 फीसदी वोट हासिल कर लिए थे. 300 सीटों वाली संसद में प्रधानमंत्री की पार्टी को 158 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है. इस तरह से उनकी पार्टी यूरोपीय संघ में सबसे ताकतवर पार्टियों में से एक बन गई है.

मित्सोताकिस के सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी अलेक्सिस सिपारास की वामपंथी सिरिजा पार्टी को 17.8 फीसदी वोट और संसद की 48 सीटें हासिल हुई हैं.  इसके अलावा सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी को 11.9 फीसदी और 32 सीटें जबकि कम्युनिस्ट पार्टी को 7.7 फीसदी वोट और 20 सीटें मिली हैं.

मित्सोताकिस ने चुनावों में जबर्दस्त जीत हासिल की हैतस्वीर: Michalis Karagiannis/Eurokinissi/IMAGO

दक्षिणपंथियों की जीत

धुर दक्षिणपंथी स्पार्टियाटेस पार्टी ने भी 3 फीसदी की बाधा पार कर संसद के अंदर घुसने लायक सफलता हासिल कर ली है. उनके हिस्से में 4.6 फीसदी वोट और 12 सीटें आई हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक फिलहाल जेल में बंद धुर दक्षिणपंथी लियास कासिदियारिस का रविवार को हुए संसदीय चुनावों पर काफी असर दिखा है. स्पार्टियाटेस पार्टी के नेता वासिलिस स्टिगास ने जीत के लिए कासिदियारिस का आभार जताया है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, "लियास कासिदियारिस का समर्थन चुनाव के नतीजों के लिए ईंधन साबित हुआ है."

ग्रीस में वामदलों को हटा कर सत्ता में आई कंजर्वेटिव पार्टी

कासदियारिस चुनाव में खड़े होने के लिए अदालत से अनुमति चाहते थे लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम साबित हुईं. वह धुर दक्षिणपंथी पार्टी गोल्डन डॉन के नेतृत्व में शामिल रहे हैं. इस पार्टी ने संसद में कई सालों तक जनता के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व किया है लेकिन फिर पार्टी के पूरे नेतृत्व को एक आपराधिक संगठन बनाने और दूसरे आरोपों में दोषी करार दिया गया. उसके बाद से ही पार्टी के नेता जेल में हैं.

इस बीच दक्षिणपंथी लोकलुभाव पार्टी एलिनिकी लिजिले ने 4.5 फीसदी वोट और 12 सीटें हासिल की हैं जबकि परम रुढ़िवादी पार्टी निकी ने 3.7 फीसदी वोट और 10  जीते ली हैं. कट्टर वामपंथी पार्टी प्लेफसी एलेफ्थेरियास को 3.2 फीसदी वोट और 8 सीटें हासिल हुई हैं.

मई में हुए चुुनाव में मित्सोताकिस की पार्टी को बहुमत से पांच सीटें कम हासिल हुई थींतस्वीर: Petros Giannakouris/AP/picture alliance

आर्थिक सुधारों में तेजी

इस बीच रुढ़िवादी नेता किरियाकोस मित्सोताकिस ने देश में संस्थागत और आर्थिक सुधारों को तेज करने की बात कही है. ग्रीस के वोटरों ने उन्हें पांच हफ्ते के भीतर दूसरी बार जबर्दस्त समर्थन दिया है. मित्सोताकिस और उनकी न्यू डेमोक्रैसी पार्टी को कभी यूरोपीय संघ के कर्ज में डूबे ग्रीस में आर्थिक स्थिरता लाने का श्रेय देते हुए ग्रीस के लोगों ने वोट दिया है. बीते 50 सालों में पहली बार कोई पार्टी इतने बड़े अंतर से चुनाव जीती है. ग्रीस के प्रमुख अखबार ता नेया ने पार्टी की जीत के बाद हेडलाइन दिया है, "विपक्षी नहीं, मित्सोताकिस का स्पष्ट दबदबा."

मजबूत समर्थन से उत्साहित मित्सोताकिस ने कहा है कि बहुत जल्द बड़े सुधार लागू होंगे. उनका यह भी कहना है कि अगले चार सालों के लिए उन्होंने महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किये हैं जो ग्रीस को "बदल" सकते हैं. ग्रीक प्रधानंत्री ने देश के स्वास्थ्य तंत्र पर पैसा खर्च करने के साथ ही रेलवे की सुरक्षा को भी बेहतर करने का वादा किया है. इसी साल फरवरी में हुए एक रेल हादसे में 57 लोगों की मौत हुई थी. यह ग्रीस के इतिहास की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना थी.

विपक्षी नेता सिपारास की पार्टी के वोट पिछले चुनाव से भी कम हो गए हैंतस्वीर: Michael Varaklas/AP Photo/picture alliance

55 साल के मित्सोताकिस मैकेंजी के पूर्व कंसल्टेंट और हार्वर्ड के ग्रेजुएट हैं. उन्होंने यूरोपीय संघ के इस देश को कोरोना की महामारी से उबार कर दो लगातार सालों में आर्थिक विकास सुनिश्चित किया है.

मई में हुए चुनाव में भी उनकी पार्टी को जीत हासिल हुई थी. हालांकि पूर्ण बहुमत से महज पांच सीटें दूर रहने के बाद उन्होंने गठबंधन सरकार बनाने से इनकार कर दिया. इसके नतीजे में 98 लाख की आबादी वाले ग्रीस में दोबारा चुनाव कराने पड़े. मित्सोताकिस का यह दांव सही पड़ा इस बार उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल हो गया. दूसरी तरफ उनकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी के कम से कम दसियों हजार वोटरों ने महज एक महीने के अंतराल में ही मुंह फेर लिया.

सिपारास ने चुनाव के नतीजों को "गंभीर राजनीतिक हार" माना है और उपने राजनीतिक भविष्य का फैसला सीरिजा पार्टी के सदस्यों पर छोड़ दिया है.

एनआर/ओएसजे (डीपीए, एएफपी) 

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