पाकिस्तान में मंदिर पर भीड़ का हमला
३१ दिसम्बर २०२०पाकिस्तान के खैबर पख्तून ख्वाह प्रांत में बुधवार 30 दिसंबर को भीड़ ने पहले तो एक मंदिर पर हमला किया और उसके बाद उसमें आग लगा दी. इस घटना से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किए गए हैं. सोशल मीडिया पर डाले गए वीडियो में देखा जा सकता है कि परिसर से धुआं उठ रहा है और हमलावर ढांचे की दीवार को नुकसान पहुंचाने के लिए हथौड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पुलिस अधिकारी रहमतुल्लाह वजीर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि खैबर पख्तून ख्वाह के करक शहर के स्थानीय मौलवियों ने प्रशासन से सदी पुराने मंदिर के कथित विस्तार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत मांगी थी. उन्होंने कहा है कि प्रदर्शन के दौरान मौलवियों ने "भड़काऊ भाषण" शुरू कर दिया जिसके बाद भीड़ ने मंदिर को आग के हवाले कर दिया. पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने इस मामले पर ट्वीट कर मंदिर में हमले के दोषियों की गिरफ्तारी और उन्हें सजा देने की मांग की है.
जिला पुलिस प्रमुख इरफानुल्लाह ने रॉयटर्स को बताया कि हमले के बाद नौ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. इस मंदिर का निर्माण पहली बार 1900 में किया गया था, साल 1997 में इसे नष्ट कर दिया गया था और 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसके दोबारा निर्माण का आदेश दिया था.
हिंदू समुदाय किया प्रदर्शन
पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख और सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद रमेश कुमार वनकानी के नेतृत्व में हिंदू समुदाय के लोगों ने कराची में सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया. रमेश कुमार वनकानी ने जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "पाकिस्तान में यह हिंदू समुदाय के चार पवित्र स्थलों में से एक है."
हिंदू अधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने कहा, "यह इस तरह की पहली घटना नहीं है, दुर्भाग्य से धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति असहिष्णुता पिछले पांच सालों में बढ़ी है. पूजा स्थलों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं." मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 80 लाख के करीब है, अधिकतर हिंदू दक्षिणी प्रांत सिंध में रहते हैं.
इससे पहले जुलाई में राजधानी इस्लामाबाद में बन रहे पहले हिंदू मंदिर पर कुछ कट्टरपंथियों ने हमला किया था. इस हमले के बाद मानवाधिकार संगठन एमेनस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान से "धार्मिक आजादी और देश के संकटग्रस्त हिंदू समुदाय के लिए आस्था की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करने के साथ मंदिरों के निर्माण के अधिकार" देने का आग्रह किया था.
एए/एके (डीपीए, रॉयटर्स)