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समाज

"वायरस भारतीयों की आकांक्षाओं को प्रभावित करने में विफल"

४ सितम्बर २०२०

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित करने में नाकाम रही है. मोदी ने गुरुवार को यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम को संबोधित किया.

तस्वीर: IANS

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के तीसरे लीडरशिप शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए भारत में किए गए उपायों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के लिए देश में रिकॉर्ड समय में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गईं. मोदी ने कहा कि कोरोना काल में सरकार का लक्ष्य गरीबों की देखरेख करने पर रहा. उन्होंने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का जिक्र किया और बताया कि इससे 80 करोड़ लोगों को कोरोना काल में मुफ्त भोजन दिया जा रहा है.

कोरोना वायरस महामारी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "महामारी ने कई चीजों को प्रभावित किया है लेकिन वह भारत के लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित नहीं कर सकी." उन्होंने हाल के महीनों में देश में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि आगे का रास्ता निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश के अवसरों से भरा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक मजबूत लोकतांत्रिक और विविधता वाला देश है और इसमें हाल के महीनों में कारोबार को आसान करने और लालफीताशाही को कम करने के लिए दूरगामी सुधार किए गए हैं. देश में निवेश के अवसर पर बोलते हुए मोदी ने कहा, "भारत में चुनौतियों के लिए आपके पास एक सरकार है जो नतीजे देने में भरोसा रखती है, जिसके लिए जीवन में जीने में आसानी उतनी ही अहम है जितना बिजनेस करने में आसानी. आप एक युवा देश को देख रहे हैं जिसकी 65 फीसदी आबादी 35 साल से कम है."

कोरोना वायरस महामारी का प्रबंधन

मोदी ने कहा कि लॉकडाउन की एक उत्तरदायी प्रणाली बनाने में भारत पहले स्थान पर रहा साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय के रूप में मास्क और फेस कवरिंग की वकालत करने वालों में भी भारत अग्रणी रहा. उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जनजागरूकता अभियान चलाने वालों में भी देश आगे रहा.

वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना काल में रिकॉर्ड समय में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया और कोविड अस्पताल, आईसीयू की सुविधाएं बढ़ाई गईं. उनके मुताबिक जनवरी में सिर्फ एक कोविड टेस्टिंग लैब थी, इस समय देश में करीब 1,600 लैब हैं. मोदी ने कहा, "मौजूदा स्थिति मानव केंद्रित विकास की जरूरत पर बल देती है. अब नए माइंड सेट की दरकार है. आगे की राह देखते हुए, हमें अपना ध्यान अपनी क्षमताओं को बनाए रखने पर केंद्रित रखना चाहिए, गरीबों को सुरक्षित करना चाहिए. इस रास्ते पर भारत चल रहा है."

यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी के लिए काम करता है.

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