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अगले हफ्ते भारत दौरे पर होंगे यूक्रेनी विदेश मंत्री

२० मार्च २०२४

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलिफोन पर बात की है. अगले हफ्ते यूक्रेनी विदेश मंत्री भारत पहुंचेंगे.

हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात
हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और जेलेंस्की की मुलाकाततस्वीर: Ukrainian President Press Office/UPI Photo/newscom/picture alliance

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा अगले हफ्ते भारत दौरे पर होंगे. वह जानते हैं कि भारत के रूस के साथ गहरे आर्थिक व सामरिक रिश्ते हैं. इसी दोस्ती के कारण भारत ने अब तक यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस की आलोचना या निंदा नहीं की है. सितंबर 2022 में नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान इतना ही कहा कि यह युद्ध का दौर नहीं है.

इन कूटनीतिक समीकरणों के बीच यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर रूस से पेट्रोलियम तेल भी खरीदा है.

असल में यूक्रेन युद्ध को शांत करने के लिए कीव एक शांति योजना बना रहा है. यूक्रेनी विदेश मंत्री, इस शांति योजना के लिए भारत का समर्थन जुटाना चाहते हैं. यूक्रेन युद्ध शुरु होने के समय से यह पहला मौका है, जब कोई शीर्ष यूक्रेनी राजनेता भारत का दौरा करेगा.

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबातस्वीर: Francisco Seco/AP/dpa/picture alliance

क्या है यूक्रेन की शांति योजना

कीव की शांति योजना के मुताबिक, रूस को यूक्रेन से फौज पूरी तरह हटानी होगी और सीमाओं को 1991 की दशा में लाना होगा. इसके साथ ही यूक्रेन, युद्ध के लिए रूस की जवाबदेही तय करना चाहता है.

नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत के अलावा यूक्रेनी विदेश मंत्री "भारत-यूक्रेन इंटर-गर्वन्मेंटल कमीशन की समीक्षा" भी करेंगे. यह कमीशन दोनों देशों के आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी रिश्तों को जोड़ने का काम करता है.

कुलेबा, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के न्योते पर नई दिल्ली जा रहे हैं. नई दिल्ली के अधिकारियों के मुताबिक इस साल की शुरुआत में मोदी और जेलेंस्की की टेलीफोन वार्ता के बाद यह न्योता भेजा गया.

भारत और रूस की पुरानी और गहरी दोस्तीतस्वीर: Alexandr Demyanchuk/SPUTNIK/AFP

पुतिन और मोदी की बातचीत

रूसी राष्ट्रपति कार्यालय, क्रेमलिन के मुताबिक, भारतीय प्रधानमंत्री ने पुतिन को फोन कर फिर से राष्ट्रपति चुनाव जीतने की बधाई दी. रूसी पक्ष की तरफ से जारी बयान के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

फरवरी 2022 से जारी है यूक्रेन युद्धतस्वीर: Klaus-Dietmar Gabbert/dpa/picture alliance

भारत सरकार ने भी इस बारे में बयान जारी करते हुए कहा कि मोदी ने यूक्रेन संकट को लेकर "संवाद और कूटनीति को आगे का रास्ता" बताते हुए भारत के स्थायी रुख का जिक्र किया. दोनों नेताओं के बीच आपसी रिश्तों को और मजबूत करने पर सहमति भी बनी.

कूटनीति में भारत की भूमिका

पुतिन से बातचीत के बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने जेलेंस्की से भी बातचीत की है. उस वार्ता में आपसी संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई. उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति से कहा कि "भारत शांति और मौजूदा विवाद के जल्द खत्म करने की सभी कोशिशों का निरंतर समर्थन करता है."

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युद्ध से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने में यूक्रेन भारत की मदद भी चाहता है. जनवरी में भारत में हुए एक कारोबारी सम्मेलन में यूक्रेन ने भारतीय कंपनियों को अपने यहां निवेश करने का आमंत्रण दिया.

कुलेबा के दौरे से पहले 15 मार्च को यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की थी. इससे पहले मई 2023 में जापान के हिरोशिमा में प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान वोलोदिमीर जेलेंस्की से भेंट की थी.

ओएसजे/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी)

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