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पीएम मोदी के दौरे पर भारत की नजदीकी तलाशता फ्रांस

१४ जुलाई २०२३

प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस बैस्टील डे की परेड में शामिल हुए. उन्हें फ्रांस के सबसे बड़े सम्मान द ऑनर ऑफ द लीजन से सम्मानित किया गया है

बैस्टील डे की परेड में शामिल भारतीय प्रधानमंत्री मोदी
बैस्टील डे की परेड में शामिल भारतीय प्रधानमंत्री मोदीतस्वीर: Aurelien Morissard/AP/picture alliance

अपनी दो दिवसीय यात्रा पर पेरिस पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस बैस्टील डे की परेड में शामिल हुए. इस मौके पर भारतीय सेना के तीनों बलों की टुकड़ियां भी परेड में शामिल हुईं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति माक्रों ने भारत को दुनिया के इतिहास का विराट देश बताकर तारीफ की. इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने 1.4 अरब भारतीयों की ओर से माक्रों को धन्यवाद दिया.

इससे पहले मोदी को फ्रांस के सबसे बड़े सम्मान द ऑनर ऑफ द लीजन से सम्मानित किया गया. शुक्रवार शाम माक्रों फ्रांस के राष्ट्रपति भवन एलिजे पैलेस में मोदी की मेजबानी करेंगे. जिसके बाद लूव्र म्यूजियम में मोदी के लिए राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा. फ्रांस और भारत के बीच कई समझौते होने हैं, जिनमें 26 रफाल मरीन जेट विमान और 3 स्कॉर्पियन क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की खरीद सबसे अहम है.

भारतीय सेना के तीनों बलों की टुकड़ियां भी बैस्टील डे परेड में शामिल हुईंतस्वीर: Aurelien Morissard/AP/picture alliance

क्यों इतना महत्वपूर्ण है भारत के लिए फ्रांस

सामरिक समझौते के 25 साल

पेरिस दौरे के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत और फ्रांस दोनों ही सामरिक स्वायत्तता के पक्षधर हैं. "इसीलिए फ्रांस पहला पश्चिमी देश है जिसके साथ हमने सामरिक समझैता किया." इस समझौते को इस बीच 25 साल हो गए हैं. फ्रांस सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन करता है.

भारत और फ्रांस के निकट संबंध प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में और गहराए हैं. मोदी का नौ साल के कार्यकाल में ये पांचवा फ्रांस दौरा है. फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने 2018 में भारत का राजकीय दौरा किया था. फ्रांस के रक्षा उद्योग के लिए भारत महत्वपूर्ण ग्राहक है. 1980 के दशक से ही वह फ्रांस से युद्धक विमान और पनडुब्बियां खरीदता रहा है.

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फ्रांस यूपीआई पेमेंट पर राजी

इस दौरे पर भारत और फ्रांस के बीच बैंकों के बीच मनी ट्रांसफर इंटरफेस यूपीआई के इस्तेमाल पर सहमति हो गई है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए यूपीआई के बारे में घोषणा की. मोदी ने कहा, भारत और फ्रांस यूपीआई को लेकर सहमत हो गए हैं. मैं समझौते के बाद यहां से चला जाऊंगा. फिर ये आपकी जिम्मेदारी होगी कि आप इसका इस्तेमाल करें. 

इस दौरे पर भारत और फ्रांस के बीच बैंकों के बीच मनी ट्रांसफर इंटरफेस यूपीआई के इस्तेमाल पर सहमति हो गई हैतस्वीर: Emmanuel Dunand/AFP/Getty Images

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में एफिल टावर से इसकी शुरुआत होगी. यूपीआई पेमेंट सिस्टम को लेकर भारत अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया के अन्य देशों से भी बात कर रहा है. 

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1.3 लाख पुलिसकर्मी तैनात

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल की बैस्टील डे परेड में मुख्य अतिथि हैं. फ्रांस में इस राष्ट्रीय दिवस की परेड के मौके पर 1 लाख 30 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इन सुरक्षा बलों में नागरिक पुलिस भी शामिल है. जबकि रात में 45 हजार ऐसे बलों को तैनाती की गई है, जिन्हें शहरी हिंसा से निपटने की विशेष ट्रेनिंग मिली हुई है.

फ्रांस में कुछ ही दिनों पहले भारी हिंसा हो रही थी. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा से बचने के लिए पिछले दो हफ्तों में 1.5 लाख से ज्यादा पटाखों की जब्ती भी की गई है. फ्रांस की राजधानी में बैस्टील डे की शाम को एफिल टावर के पास आतिशबाजी का आयोजन भी होता है. जिसमें स्थानीय लोग और टूरिस्ट बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. इस साल हिंसा को देखते हुए, इस पर सख्ती की गई है.

फ्रांस की मीडिया में भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध देखने को मिलातस्वीर: GEOFFROY VAN DER HASSELT/AFP

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मोदी के दौरे का विरोध

पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री को विदेशी दौरे पर किसी गंभीर विरोध का सामना करना पड़ा है. फ्रेंच दैनिक ले मोंद में एक लेख में देश के कुछ बुद्धिजीवियों, लेखकों और सांसदों ने भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत में रेड कार्पेट बिछाने का विरोध किया है. खासकर राष्ट्रीय दिवस के मौके पर, जबकि फ्रांस खुद को मानवाधिकारों का देश मानता है. 

उन्होंने लिखा है, "भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का उन्हें ये बताने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए कि वे नागरिक समाज का दमन रोकें." यूक्रेन युद्ध पर मतभेदों और भारत में मानवाधिकारों को लेकर चिंताओं के बावजूद पश्चिमी देश चीन के विकल्प के रूप में भारत के साथ संबंध बढ़ा रहे हैं.

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