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अपराधजर्मनी

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के संदिग्धों में अमीर और पढ़े लिखे भी

१३ जनवरी २०२२

किसी वीडियो में नवजात बच्ची से बलात्कार है तो किसी चैट में बच्चों के साथ यौन अपराध के क्लिप्स. जर्मनी में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में पुलिस ने 400 संदिग्धों की पहचान की है. इनमें पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं.

डॉर्कनेट, क्लाउड और चैटिंग ग्रुप्स में छुपे में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कई संदिग्धतस्वीर: picture-alliance/empics/Y. Mok

सदमा झेलते परिवार, मानसिक परेशानियों से जूझते पुलिस अधिकारी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट से बचाए गए 65 बच्चे. जर्मनी में दो साल से जारी चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले की जांच में अब कई तथ्य सामने आ रहे हैं. जांच कर रही कोलोन पुलिस की विशेष टीम ने अब तक 439 संदिग्धों की पहचान की है. जर्मनी में ही 27 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

पुलिस ने जिन 65 बच्चों को यौन शोषण के चंगुल से आजाद कराया है, उनकी उम्र चार से लेकर 17 साल के बीच है. जांच प्रक्रिया की अगुवाई करने वाले पुलिस अधिकारी मिषाएल एसर के मुताबिक एक मामले में तो तीन महीने के बच्ची के साथ हुए यौन दुर्व्यवहार की जांच कर रहे कुछ पुलिस अधिकारी घोर निराशा व घिन से भर गए और बीमार हो गए.

पूरे जर्मनी में कई जगहों पर छापे मार रही है पुलिसतस्वीर: imago images/Future Image

हर पोशाक में छिपे बच्चों से यौन दुर्व्यवहार करने वाले अपराधी

पुलिस के पास 4,700 डाटा कैरियर डिवाइसेज में सैकड़ों टेराबाइट डाटा है. हर एक केस की गहनता से जांच की जा रही है. मिषाएल एसर कहते हैं, "हमारे सामने हर तरह के पेशे से जुड़े संदिग्ध हैं. इसमें आम लोगों के साथ साथ बहुत ज्यादा कमाने वाले और बहुत ज्यादा पढ़े लिखे संदिग्ध भी शामिल हैं."

संदिग्धों की आम जिंदगी की जानकारी देते हुए लीड इनवेस्टीगेटर एसर ने कहा, "वे सामान्य तरीके से ही अपना काम करते रहे और उनके दफ्तर या कार्य क्षेत्र में इस बात का कोई संकेत नहीं मिला कि वे इस तरह की गतिविधियों का हिस्सा हैं."

कोलोन पुलिस के प्रेसीडेंट उवे याकोब कहते हैं, "हमने अब तक जो कुछ भी खोजा है वह सोच से भी परे है." पुलिस के मुताबिक ज्यादातर मामलों में महिलाओं को पता भी नहीं लगा कि पति, पार्टनर या परिचित उनके बच्चों के साथ क्या कर रहे हैं.

अमेरिका, रूस, फ्रांस और इस्राएल में भी बड़ी समस्या है चाइल्ड पोर्नोग्राफीतस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Nissen

वो घर जिसने चाइल्ड पोर्नोग्राफी की परतें उखाड़ दी

21 अक्टूबर 2019 में जर्मन प्रांत नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया के एक शहर बैर्गिश ग्लाडबाख में एक रूटीन सर्च के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी का ये शर्मनाक मामला सामने आया. पुलिस संदिग्ध योर्ग एल. के घर पहुंची. पड़ोसियों से पूछताछ के दौरान सब सामान्य लगा. लेकिन जब पुलिस ने कंप्यूटर खंगालना शुरू किया तो जर्मनी में बच्चों के साथ यौन अपराध का सबसे बड़ा मामला सिर उठाने लगा.

इसी घर से शुरू हुआ चाइल्ड पोर्नोग्राफी का केसतस्वीर: picture-alliance/dpa/dmp press/D. Meyer-Roeger

तलाशी के दौरान पुलिस को योर्ग एल. के घर से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की फिल्में और तस्वीरें मिलीं. इसके बाद संघीय जर्मनी के इतिहास में चाइल्ड सेक्स अब्यूज की सबसे बड़ी जांच शुरू हुई. एक कुक और होटल मैनेजर योर्ग एल. पर अपनी बेटी से बलात्कार करने का दोष साबित हुआ. बेटी 2017 में पैदा हुई. बेटी जब तीन महीने की थी, तब से ही योर्ग एल. उसके साथ यौन दुर्व्यवहार करने लगा. उसने कई बार बेटी से बलात्कार किया और अपनी इन करतूतों को फिल्माया व इंटरनेट पर चैट ग्रुप्स में भी शेयर किया. 2020 में अदालत ने योर्ग एल. को 12 साल जेल की सजा सुनाई.

बाल यौन शोषण के वीडियो पोस्ट करने वाली वेबसाइट पकड़ी गई, चार लाख सदस्य थे

वो जांच को इंसानियत से भरोसा उठा दे

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के इस मामले की जांच 300 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों की टीम कर रही है. पुलिस के मुताबिक संदिग्धों की संख्या 30 हजार के पार जा सकती है. कई सीक्रेट इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स, चैटिंग एप्स और डाटा ट्रांसफर या सेविंग क्लाउड्स की जांच की जा रही है. ज्यादातर मामलों में संदिग्ध फर्जी पहचान के जरिए फोटो या वीडियो शेयर करते हैं.

ऐसे वीडियो या तस्वीरों में मौजूद चेहरों को पहचाने की कोशिश करना, बच्चों की चीख के साथ मिली अपराधियों की आवाज और उसके लहजे को पहचानना, कमरे में मौजूद बाकी चीजों के आधार पर जानकारी जुटाना, आईपी एड्रेस और डिवाइस को ट्रेस करना, ये सब करने के लिए पुलिस अधिकारियों को मजबूरी में बार बार ये वीडियो देखने पड़ते हैं.

इस स्तर की आमानवीयता देखने का असर पुलिस अधिकारियों की सेहत पर भी पड़ता है. जांच से जुड़े कई और पुलिस अधिकारी भी मानसिक परेशानियों से गुजर रहे हैं. इन पुलिस अधिकारियों के लिए मनोचिकित्सक भी नियुक्त किए गए हैं. जर्मनी ने सख्त किए बाल पोर्नोग्राफी के कानून

मामले की जांच से जुड़ी एक पुलिस अधिकारी लीजा वागनर भी हैं. वागनर एक मां भी हैं. वागनर कह चुकी हैं कि ये मुश्किल जांच जर्मनी में बच्चों के साथ होने वाले यौन दुर्व्यवहार को रोकने की राह में एक बड़ा कदम है.

ओंकार सिंह जनौटी/आरपी (डीपीए, एएफपी)

 

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