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समाज

रिकॉर्ड बनाने वाले एमपी में मंगलवार को सिर्फ 4,825 टीके लगे

आमिर अंसारी
२३ जून २०२१

21 जून को मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड 16 लाख 91 हजार 967 लोगों को कोरोना का टीका लगा लेकिन अगले दिन यानी मंगलवार को राज्य में पांच हजार से कम लोगों को ही टीका लग पाया है.

तस्वीर: Prabhat K. Verma/Zuma/imago images

मध्य प्रदेश ने टीकाकरण में एक और रिकॉर्ड बना लिया है. सोमवार 21 जून को देशभर में 18 वर्ष की आयु से ऊपर वालों के लिए सरकार ने मुफ्त टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. इसी के तहत मध्य प्रदेश ने रिकॉर्ड स्तर पर सोमवार को लोगों का टीकाकरण किया. यहां 16 लाख 91 हजार 967 लोगों को टीके लगाए गए और इसी के साथ मध्य प्रदेश शीर्ष पर रहा, लेकिन मंगलवार को एमपी ने वैक्सीनेशन में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया. मंगलवार रात 10 बजे तक सिर्फ 4,825 लोगों को ही वैक्सीन की खुराक दी गई.

10 में सात राज्यों में जहां सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर टीके लगे वे बीजेपी शासित राज्य हैं. मंगलवार को कर्नाटक और हरियाणा में टीकाकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई. सोमवार को कर्नाटक में 11 लाख 21 हजार 648 लोगों को टीके लगाए गए, जो कि अगले दिन तीन लाख से थोड़ा ऊपर रहा. वहीं हरियाणा में 21 जून को चार लाख 96 हजार 598 लोगों को टीके दिए गए थे, अगले दिन टीके लेने वालों की संख्या 75 हजार 894 रही.

हालांकि टीकाकरण के मामले में उत्तर प्रदेश गति बनाए हुए है. मंगलवार को सबसे ज्यादा 7.96 लाख डोज उत्तर प्रदेश में दिए गए. 21 जून को भी राज्य में 7.24 लाख से अधिक लोगों को टीके दिए गए थे.

10 में सात राज्यों में जहां सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर टीके लगे वे बीजेपी शासित राज्य हैंतस्वीर: Niharika Kulkarni/REUTERS

मध्य प्रदेश पर सवाल

मध्य प्रदेश के बारे में एक और रोचक तथ्य यह है कि राज्य में 20 जून को सिर्फ 692 वैक्सीन की डोज ही दी गई थीं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश की सरकार ने रिकॉर्ड बनाने के लिए वैक्सीन पहले से जमा कर रखी थीं. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि सरकार ने, "रिकॉर्ड बनाने के लिए 4 दिनों तक औसत से बेहद कम टीके लगाए हैं."

मध्य प्रदेश के चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने जमाखोरी के सवाल पर एक समाचार चैनल से कहा, "टीकों की जमाखोरी का ऐसा कोई मुद्दा नहीं है. डेटा एंट्री को लेकर कुछ मुद्दे हो सकते हैं जो पहले कम संख्या बता रहे हों. छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. हमने सबकुछ आपकी आंखों के सामने किया है. आपके सवाल से मैं हैरान हूं"

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि वैक्सीन की सप्लाई ऐसी ही होती रही तो प्रदेश में अक्टूबर तक वैक्सीनेशन का काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा, "जन सहभागिता के बिना कुछ संभव नहीं है. इसमें सभी तबके के लोगों ने साथ दिया है. सभी लोग वैक्सीनेशन अभियान से जुड़े. रात तक वैक्सीनेशन सेंटर पर लोगों की लाइनें लगी रही हैं.

मंगलवार को 50 लाख लोगों को टीका

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित आंकड़ों से पता चला है कि रिकॉर्ड तोड़ सोमवार को कोविड-19 टीकों की 88.09 लाख खुराकें दी गईं और 64 प्रतिशत टीकाकरण ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ. अगले दिन वैक्सीन लेने वालों की संख्या 54.22 लाख रही. इस साल के अंत तक सभी वयस्कों को पूरी तरह से टीकाकरण के केंद्र के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रति दिन 97 लाख वैक्सीन लगाने की जरूरत है. आपूर्ति की मौजूदा स्थिति इस पर सवाल उठाती है कि क्या लक्ष्य पूरा हो पाएगा.

केंद्र सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा के मुताबिक, "सरकार का लक्ष्य प्रति दिन एक करोड़ लोगों को टीकाकरण करना है. और हमारे पास प्रत्येक दिन 1.25 करोड़ खुराक रखने की क्षमता है."

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक, "एक दिन में रिकॉर्ड वैक्सीन अचानक से नहीं दी गईं. यह समन्वित योजना का परिणाम था जिसमें राज्य सरकारों और केंद्र ने सहयोग किया. मंगलवार को जो हुआ वह भी उसी योजना का हिस्सा है."

फिलहाल देश में अब तक करीब 29.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. इनमें करीब 24 करोड़ को पहली और 5.12 करोड़ को दोनों डोज लग चुकी हैं. देश में 86.5 करोड़ वयस्क हैं जिन्हें दिसंबर तक का लक्ष्य पूरा करने के लिए टीके लगाने की जरूरत होगी. ऐसे में टीके की दो खुराक के लिहाज से 1.73 अरब टीकों की जरूरत होगी.

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