जर्मनी की अदालत ने घरों की हीटिंग से जुड़े बिल को रोका
६ जुलाई २०२३![जर्मनी की सरकार तेल और गैस पर आधारित वर्तमान हीटिंग सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करना चाहती है](https://static.dw.com/image/63386429_800.webp)
देश की संवैधानिक कोर्ट ने सरकार के महत्वाकांक्षी बिल को रोककर चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया है. यह बिल देश में तेल और गैस पर आधारित वर्तमान हीटिंग व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म करने से जुड़ा है. गठबंधन सरकार इस मामले पर आगे बढ़ने में पहले ही महीनों लगा चुकी है. कोर्ट ने कहा कि इस बिल पर विचार देने के लिए जितना समय दिया गया था वो नाकाफी था. हीटिंग बिल पर संसदीय कमेटी ने मोहर लगाई थी और इस पर शुक्रवार को वोटिंग होना तय लग रहा था.
तेल और गैस वाले हीटिंग सिस्टम से कैसे पीछा छुड़ा रहा है जर्मनी
बिल पर ऐतराज
इस बिल के मुताबिक नई हीटिंग व्यवस्था में गैर-पारंपरिक ऊर्जा का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा होना चाहिए. मुख्य विपक्षी दल क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता और संसद के निचले सदन के सदस्य टोमस हेलमन ने इस बिल पर रोक लगाने के लिए अदालत में केस दाखिल किया था.
हेलमन ने अदालत से कहा कि इस मामले में संसद वोट नहीं कर सकती क्योंकि सांसदों को बिल का ड्राफ्ट 14 दिन पहले मुहैया नहीं कराया गया. जर्मनी की संसद 8 जुलाई से गर्मी की छुट्टियों के चलते सदन में नहीं रहेगी. इसका मतलब ये है कि बिल अब अधर में लटक गया है.
पर्यावरण पर राजनीति
सीडीयू के नेता फ्रीडरिष मेर्त्स ने समाचार एजेंसी डीपीए से बातचीत में कहा, " ये ओलाफ शॉल्त्स सरकार की बड़ी हार है. ये दिखाता है कि पर्यावरण की रक्षा ऊपर से ठोक-पीट कर नहीं की जा सकती. उसके लिए संसद में गहन विचार-विमर्श की जरूरत है. ओलाफ शॉल्त्स सरकार के लिए सलाह यही है कि वो अदालती आदेश को मानकर रुक जाएं. संसद में इस तरह से काम नहीं चल सकता".
एसबी/एनआर (डीपीए)