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आंग सान सू ची की सजा घटाकर दो साल की गई

७ दिसम्बर २०२१

नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची को म्यांमार के कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई थी, जिसे अब आधी कर दी गई है. उन पर सेना के खिलाफ अंसतोष भड़काने और कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोप लगे थे.

तस्वीर: May James/ZUMA Wire/picture alliance

म्यांमार की सरकारी मीडिया के मुताबिक सत्ताधारी सरकार ने सोमवार को कहा कि अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को अशांति फैलाने और महामारी संबंधी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए चार के बजाय दो साल की जेल होगी. पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट को भी इसी आरोप के तहत सजा सुनाई गई थी और अब उन्हें दो साल की जेल का सामना करना पड़ेगा.

कोर्ट ने मूल रूप से सू ची और विन को चार साल की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में कम सजा की घोषणा की गई. राज्य मीडिया ने इसे सेना प्रमुख मिन आंग हलिंग की ओर से आंशिक क्षमा के रूप में बताया है. म्यांमार के जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने सोमवार को कहा, "उन जगहों पर अन्य आरोपों का सामना करना पड़ेगा जहां वे अभी रह रहे हैं."

यह फैसला पिछले सप्ताह मंगलवार को दिया जाना था, लेकिन इसे टाल दिया गया. इसी साल 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद सू ची के निष्कासन और गिरफ्तारी के बाद यह पहला फैसला है.

नोबेल पुरस्कार विजेता को कई अन्य आरोपों का भी सामना करना पड़ सकता है. सभी मामलों में दोषी ठहराए जाने पर उन्हें पूरा जीवन जेल में बिताना पड़ सकता है. सू ची के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों की भी सुनवाई चल रही है. सू ची को अगले हफ्ते की शुरुआत में कई और आरोपों में सजा का सामना करना पड़ सकता है. अगर वह सभी मामलों में दोषी पाई जातीं हैं तो उन्हें सौ वर्ष से ज्यादा की सजा हो सकती है.

फैसले की निंदा

इस फैसले की दुनिया भर में व्यापक निंदा हुई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बयान में कहा, "इन फर्जी आरोपों पर आंग सान सू ची को दी गई कठोर सजा म्यांमार में सभी विरोधों को खत्म करने और स्वतंत्रता का दम घोंटने के लिए सेना के दृढ़ संकल्प का ताजा उदाहरण है."

यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने इस फैसले को "राजनीति से प्रेरित" बताया है. उन्होंने कहा, "यूरोपीय संघ सभी राजनीतिक कैदियों के साथ-साथ तख्तापलट के बाद से मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की अपनी मांग को दोहराता है."

म्यांमार में मौजूदा स्थिति क्या है?

म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने के तुरंत बाद सैन्य-विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे. महीनों बाद भी इस तरह के प्रदर्शन जारी हैं, लेकिन सैन्य कार्रवाई के कारण और तेज हो गए हैं. इस राजनीतिक संकट में कुछ सशस्त्र समूहों ने भी अपना अभियान शुरू कर दिया था और उन्हें कुचलने के लिए सैन्य कार्रवाई की जा रही है. एक स्थानीय निगरानी समूह के मुताबिक 1 फरवरी की शुरुआत से विभिन्न हिंसक घटनाओं में कम से कम 1,200 लोग मारे गए हैं, जबकि सैन्य सरकार ने 10,000 से अधिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

एए/वीके (डीपीए, एपी, एएफपी)

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