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मानवाधिकारम्यांमार

एमनेस्टी: म्यांमार में बारूंदी सुरंगों से कई मौत

२१ जुलाई २०२२

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक म्यांमार की सेना द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंगों की चपेट में आने से कई लोग हताहत हुए. सैन्य जुंटा अपने खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को बल से कुचलती है.

Myanmar Landmine
तस्वीर: Amnesty International/AP/picture alliance

पिछले साल 1 फरवरी को लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और देश की नेता आंग सान सू ची के सत्ता से बाहर होने के बाद से म्यांमार की सेना हर तरह के विरोध को कुचल रही है. वह प्रदर्शनकारियों को पहले ही जेलों में डाल चुकी है.

अब सैन्य जुंटा को लेकर एमनेस्टी ने बड़ा दावा किया है. उसने म्यांमार की सेना द्वारा "बड़े पैमाने पर" बारूदी सुरंगों के उपयोग को युद्ध अपराध बताया है.

एमनेस्टी के जांचकर्ताओं ने थाईलैंड सीमा के पास म्यांमार के काया राज्य का दौरा किया. वहां उन्हें इस बात के विश्वसनीय प्रमाण मिले कि सेना ने चावल के खेतों और चर्च के चारों ओर बारूदी सुरंगें बिछा दी थीं. इस क्षेत्र का दौरा करने वाले उसके शोधकर्ताओं ने पाया कि लोगों के मकानों और चर्चों के आसपास बिछाई गईं बारूदी सुरंगों में कम से कम 20 लोग मारे गए और कई अन्य लोग विकलांग हो गए. एमनेस्टी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार की अपनी आबादी के खिलाफ बारूदी सुरंगों के "क्रूर और जघन्य" इस्तेमाल को लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया है.

पिछले साल सशस्त्र बलों द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद से हाल के महीनों में लड़ाई तेज हो गई है, देश का नेतृत्व एक सैन्य जुंटा को सौंप दिया गया है. एमनेस्टी के जांचकर्ताओं ने थाईलैंड की सीमा के पास काया राज्य की यात्रा की, जहां उन्होंने बारूदी सुरंग से बचे लोगों, उनका इलाज करने वाले चिकित्साकर्मियों और सुरंगों को हटाने वालों का इंटरव्यू लिया. इसमें शामिल अन्य लोगों समेत 43 लोगों का साक्षात्कार लिया गया.

एमनेस्टी के जांचकर्ताओं ने थाईलैंड सीमा के पास म्यांमार के काया राज्य का दौरा कियातस्वीर: Amnesty International/AFP

एमनेस्टी के जांचकर्ताओं की टीम ने कहा कि उनके पास "विश्वसनीय जानकारी" थी कि सेना ने चावल के खेतों के पास और एक चर्च के आसपास समेत कम से कम 20 गांवों में सुरंगें लगाई थीं. इन सुरंगों के कारण नागरिक घायल हुए और मारे गए.

जांचकर्ताओं ने दावा किया कि कम से कम एक मामले में, सैनिकों ने ट्रिप वायर का उपयोग करके एक घर की सीढ़ी को पूरी तरह से घेर लिया.

एमनेस्टी इंटरनेशनल के संकट प्रबंधन विभाग की एक वरिष्ठ सलाहकार राव्या रघेह ने कहा, "सेना द्वारा घरों और गांवों में बारूदी सुरंगों का अंधाधुंध उपयोग काया राज्य में नागरिकों को आने वाले वर्षों तक नुकसान पहुंचाता रहेगा. इसके विनाशकारी प्रभाव होंगे."

2018 में रखाइन में संयुक्त राष्ट्र की ओर से भेजे गए तथ्यखोजी दल ने रिपोर्ट दी थी कि 2017 में रखाइन प्रांत में चलाए गए सैन्य अभियान को "नरसंहार के इरादे" की तरह अंजाम दिया गया.

यूएन पर्यवेक्षक: चीन, रूस ने म्यांमार की सैन्य जुंटा को हथियार दिए

मार्च महीने में अमेरिका ने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों पर म्यांमार की लंबे समय से चली आ रही सैन्य कार्रवाई को नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया था. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने एक कार्यक्रम के दौरान इसकी आधिकारिक घोषणा की थी.

म्यांमार की सेना विभिन्न प्रकार के स्वदेशी रूप से विकसित बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करती है, जो एमनेस्टी के अनुसार "अनिवार्य रूप से अंधाधुंध उपयोग" है. देश में लोकतंत्र समर्थक सैन्य सरकार और सैन्य अभियानों का विरोध कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शनों में अब तक 1,700 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

एए/सीके (एएफपी, एपी)

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