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समाज

म्यांमार संकट: भारत, अमेरिका ने लोकतंत्र बहाली की मांग की

१९ फ़रवरी २०२१

गुरुवार को क्वाड देशों की बैठक में म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट का मुद्दा उठा. भारत और अमेरिका ने म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी पर जोर दिया. सेना ने देश की नेता सू ची समेत कई नेताओं को नजरबंद किया हुआ है.

तस्वीर: AP/picture alliance

'क्वाड' में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं. समूह की गुरुवार को तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक हुई. बैठक में 'स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत' के महत्व को दोहराया गया, इसी के साथ इस बैठक में म्यांमार में हुए सैन्य तख्ता पलट के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. क्वाड सदस्य देशों ने म्यांमार में लोकतंत्र बहाली पर सहमति जताई. बैठक में भाग लेने वाले विदेश मंत्रियों ने इस क्षेत्र के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व को दोहराया.

भारत ने अपने बयान में "अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के नियमों को बनाए रखने" और "विवादों के शांतिपूर्ण समाधान" के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. भारत की ओर से बयान में कहा गया है कि उसने म्यांमार में हाल के घटनाक्रमों से संबंधित चर्चा में कानून के शासन को बनाए रखने और लोकतांत्रिक परिवर्तन को दोहराया. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरिस पेन ने कहा कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट को लेकर गंभीर चर्चा हुई और इसके लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को सुनिश्चित किया गया.

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा है कि नए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बैठक में कहा, "लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को तत्काल म्यांमार में बहाल करने की आवश्यकता है." दूसरी ओर बैठक के बाद जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोतेगी ने पत्रकारों से कहा, "म्यांमार में हम तेजी के साथ लोकतांत्रिक प्रणाली की बहाली की जरूरत पर सहमत हुए हैं. हम मजबूती के साथ बलपूर्वक तरीके से यथास्थिति को बदलने के सभी प्रयासों का विरोध करते हैं." हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने क्वाड नाम से समूह बनाया है. जबकि चीन इसे अपने खिलाफ लक्षित गठबंधन के रूप में देखता है.

तस्वीर: AP Photo/picture alliance

म्यांमार में एक प्रदर्शनकारी की मौत

दूसरी ओर समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार को बताया कि पिछले हफ्ते म्यांमार पुलिस की गोली से घायल हुई एक प्रदर्शनकारी की अस्पताल में मौत हो गई है. एजेंसी ने मृतक के भाई के हवाले से यह जानकारी दी. शुक्रवार को भी म्यांमार की सड़कों पर प्रदर्शनकारी सेना के खिलाफ विरोध की तैयारी कर रहे हैं. 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने विद्रोह किया और चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर डाला था. सेना का कहना है कि पिछले साल नवंबर में आम चुनाव में धांधली हुई थी. देश का चुनाव आयोग इन आरोपों से इनकार करता रहा है.

इस बीच ब्रिटेन और कनाडा ने सैन्य अफसरों के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इस कदम का म्यांमार में प्रदर्शनकारियों ने स्वागत किया है. युवा नेता और कार्यकर्ता थिंजर शुनेलाई यी ने ब्रिटेन द्वारा तीन जनरलों की संपत्ति जब्ति और यात्रा प्रतिबंध का स्वागत किया है. वहीं कनाडा ने कहा है कि वह नौ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. शुनेलाई यी ने ट्विटर पर लिखा, "हम अन्य देशों से इस तरह के समन्वित और एकजुट होने का आग्रह करते हैं. हम यूरोपीय संघ द्वारा 22 तारीख को प्रतिबंधों की घोषणा का इंतजार करेंगे." उन्होंने लोगों से ईयू के कार्यालय के बाहर जमा होकर सेना के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है.

एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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